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रतलाम में केसीसी लोन का घोटाला, बिना लोन लिए 157 किसान हो गए डिफॉल्टर - Ratlam KCC Loan Scam

रतलाम जिले की सहकारी सोसायटी में किसानों की जानकारी के बिना ही उनके नाम पर लाखों रुपए का केसीसी लोन निकाल लिया गया और किसान डिफॉल्टर घोषित हो गए. जिले के नगरा गांव की सहकारी कृषि मर्यादित समिति में यह घोटाला हुआ है.

RATLAM KCC LOAN SCAM
रतलाम में केसीसी लोन का घोटाला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 10:27 PM IST

रतलाम : बताया जा रहा है कि यहां 157 किसानों के खातों में से फर्जी तरीके से खाद-बीज और केसीसी लोन निकाल लिया गया और किसानों को कानों कान खबर नहीं हुई. किसान जब अगले सीजन का खाद निकालने समिति पहुंचे तो इस मामले का खुलासा हुआ है. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कलेक्टर और जिला सहकारी बैंक प्रबंधक से की थी. वहीं मंगलवार को एक बार फिर पीड़ित किसान शिकायत करने जनसुनवाई में पहुंचे.

ऐसे हुआ धोखाधड़ी का खुलासा

दरअसल, पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब नगर समिति के वर्तमान सचिव ने किसानों को बताया कि खाद और लोन की राशि नहीं जमा करवाए जाने की वजह से 157 किसान डिफॉल्टर हो गए हैं. किसानों ने पाया की फर्जी तरीके से उनके खातों से केसीसी लोन की निकासी की गई है. किसानों ने इसके बाद रतलाम कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत की. जिस पर कलेक्टर राजेश बाथम ने जांच कर प्रतिवेदन जिला सहकारी बैंक से मांगा था.

किसानों ने लगाए कर्मचारियों पर आरोप

इस मामले में शिकायतकर्ता मानवेंद्र सिंह और कन्हैया लाल चौधरी ने कहा, '' संस्था के कर्मचारियों द्वारा किसानों के नाम पर खाद और लोन राशि का फर्जी आहरण किया है. किसानों की जानकारी के बिना उनके खाते से खाद का परमिट जारी कर दिया गया. उनके खाते से नगद राशि भी आहरित की गई.'' दावा है कि गांव के 157 किसानों के खाते से एक करोड़ रुपए से भी अधिक का गबन हुआ है. गौरतलब है कि सहकारी संस्थाओं में अब भी बैंकिंग कार्य ऑफलाइन मोड में ही चल रहा है.

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इस मामले में सहकारी निरीक्षक और जांच अधिकारी हरीश चौहान ने कहा, '' इस मामले में जांच प्रतिवेदन उपायुक्त सहकारिता को सौंप दिया गया है. जिसमें अग्रिम कार्रवाई उपायुक्त सहकारिता विभाग द्वारा की जाना है.''

रतलाम : बताया जा रहा है कि यहां 157 किसानों के खातों में से फर्जी तरीके से खाद-बीज और केसीसी लोन निकाल लिया गया और किसानों को कानों कान खबर नहीं हुई. किसान जब अगले सीजन का खाद निकालने समिति पहुंचे तो इस मामले का खुलासा हुआ है. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कलेक्टर और जिला सहकारी बैंक प्रबंधक से की थी. वहीं मंगलवार को एक बार फिर पीड़ित किसान शिकायत करने जनसुनवाई में पहुंचे.

ऐसे हुआ धोखाधड़ी का खुलासा

दरअसल, पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब नगर समिति के वर्तमान सचिव ने किसानों को बताया कि खाद और लोन की राशि नहीं जमा करवाए जाने की वजह से 157 किसान डिफॉल्टर हो गए हैं. किसानों ने पाया की फर्जी तरीके से उनके खातों से केसीसी लोन की निकासी की गई है. किसानों ने इसके बाद रतलाम कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत की. जिस पर कलेक्टर राजेश बाथम ने जांच कर प्रतिवेदन जिला सहकारी बैंक से मांगा था.

किसानों ने लगाए कर्मचारियों पर आरोप

इस मामले में शिकायतकर्ता मानवेंद्र सिंह और कन्हैया लाल चौधरी ने कहा, '' संस्था के कर्मचारियों द्वारा किसानों के नाम पर खाद और लोन राशि का फर्जी आहरण किया है. किसानों की जानकारी के बिना उनके खाते से खाद का परमिट जारी कर दिया गया. उनके खाते से नगद राशि भी आहरित की गई.'' दावा है कि गांव के 157 किसानों के खाते से एक करोड़ रुपए से भी अधिक का गबन हुआ है. गौरतलब है कि सहकारी संस्थाओं में अब भी बैंकिंग कार्य ऑफलाइन मोड में ही चल रहा है.

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