इंदौर : मंदिर में जिन चीजों से श्रृंगार किया जाता है उसे बाद में जरूरमंदों में दान कर दिया जाता है. मंगलवार को यहां ढाई हजार भक्तों ने अपनी अपनी ओर से एक-एक छाता मंदिर को भेंट किया, जिससे मंदिर में बारिश की थीम पर छतरियों से भव्य श्रृंगार किया गया. यह पहला मौका था जब प्रसिद्ध रणजीत हनुमान को ढाई हजार छतरी से सजाया गया.
ऐसा श्रृंगार जो जरुरतमंदों के काम आता है
आमतौर पर श्रावण मास में मंदिरों में तरह-तरह के सुगंधित फूलों, पंचमेवा और विभिन्न प्रकार की धार्मिक सामग्री से श्रृंगार किया जाता है, जाहिर है श्रृंगार के बाद अगले दिन यह सामग्री या तो प्राकृतिक खाद बनाने में उपयोग की जाती है या फिर इसे धार्मिक रूप से विसर्जित कर दिया जाता है लेकिन श्रावण मास में इस बार रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित दीपेश व्यास और भक्तों ने विचार किया कि मंदिर का श्रृंगार ऐसी सामग्री से किया जाए जो बाद में जरूरतमंद और गरीबों के काम आ सके. लिहाजा बारिश के सीजन में छतरी से मंदिर को भव्य रूप में सजाने का फैसला लिया गया.
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बच्चों को बांटी गईं ढाई हजार छतरियां
मंदिर से जुड़े हजारों भक्तों ने यहां छतरियां भेंट कीं, बाद में भक्तों ने ही इन रंग-बिरंगे छातों से मंदिर का अद्भुत श्रृंगार किया. पुजारी श्री व्यास ने बताया कि श्रृंगार और सजावट के बाद इन छतरियां को शहर के जरूरतमंद ढाई हजार बच्चों को उपहार स्वरूप भेंट किया गया. जिन पर अब बारिश के दौरान भगवान रणजीत हनुमान की छत्रछाया बनी रहेगी. उन्होंने बताया कि पिछले मंगलवार को मंदिर में सजावट स्टेशनरी सामग्री और कॉपी किताबों से की गई थी. उन पुस्तकों और कॉपी किताबों को भी शहर के जरूरतमंद गरीब बच्चों को भेंट किया गया था.