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साइबर लॉ एक्सपर्ट से जानिए क्या है डिजिटल अरेस्ट, ऐसे बच सकते हैं आप - What is digital house arrest

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 20, 2024, 6:14 PM IST

साइबर अपराधियों ने लोगों से फ्रॉड करने का एक और नया तरीका इजाद किया है. यह तरीका इतना खतरनाक है कि आपको चंद मिनटों में कंगाल कर सकता है. इस ऑर्टिकल के जरिए साइबर लॉ एक्सपर्ट से जानिए कि क्या है डिजिटल अरेस्ट स्कैम या डिजिटल हाउस अरेस्ट. इससे कैसे बचा जा सकता है.

DIGITAL ARREST KYA HOTA HAI
साइबर लॉ एक्सपर्ट से जानिए क्या है डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat)

राजगढ़: आज के इस डिजिटल युग में हर एक व्यक्ति अपना काम मोबाइल फोन और लैपटॉप के माध्यम से करने का आदी हो गया है, चाहे वह बैंकिंग का काम हो या अन्य कोई काम हो. हर एक व्यक्ति चाहता है कि उसके सारे काम घर बैठे ही हो जाएं, लेकिन जागरूकता के आभाव में कभी-कभी आमजन को इसका नुकसान भी उठाना पड़ता है. क्योंकि जहां से आम इंसान की सोच खत्म होती है, साइबर ठग उसके आगे से सोचना शुरू करते हैं और लोगों की सबसे कमजोर कड़ी उनका निशाना होती है. लोग अनजान नंबर से आए हुए फोन या वीडियो कॉल्स रिसीव करते हैं. उसके बाद शुरू होता है साइबर फ्रॉड के क्राइम का असली खेल. इसी खेल में डिजिटल अरेस्ट जैसे स्कैम भी शामिल हैं. इसी स्कैम को लेकर हमने बात की राजगढ़ के साइबर लॉ एक्सपर्ट शकील अंजुम से जिन्होंने हमें बताया कि डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है और ऐसा होने पर क्या करना चाहिए.

साइबर लॉ एक्सपर्ट से जानिए क्या है डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat)

यूं शुरू होता है इस फ्रॉड का खेल

शकील अंजुम ने बताया कि ''डिजिटल अरेस्ट स्कैम के बारे में शकील बताते हैं कि सामने वाला व्यक्ति अपने व्हाट्सएप की डीपी पर सीबीआई या पुलिस अधिकारी की डीपी लगाकर आपको कॉल करता है और आपको किसी भी तरह की अनैतिक या अवैध गतिविधि में शामिल होने के आरोप में कार्रवाई और गिरफ्तारी का डर बताकर आपको घर में ही कैद कर लेता है. यानि आप गिरफ्तारी के डर की वजह से घर से बाहर नहीं निकलते हैं. साइबर फ्रॉड करने वाले व्यक्ति के द्वारा किए गए वीडियो कॉल में लोगों को ऐसा प्रतीत होता है, जैसे किसी पुलिस थाने का माहौल है और आपको ऑनलाइन स्काइप के थ्रू मॉनिटरिंग किया जाता है.''

अनजान नंबरों से रहें सावधान

शकील ने आगे बताया कि ''इसके बाद सीबीआई के नाम से फर्जी खाता नंबर देकर आपसे उसमें रुपए डलवाए जाते हैं या आपको कोई ऐप डाउनलोड कराकर आपका फोन भी हैक कर लिया जाता है. इस तरह के डिजिटल अरेस्ट के फ्रॉड से सावधान रहें और अगर इस तरह के फ्रॉड होते हैं तो 1930 पर काल करके रिपोर्ट करें. कोई भी वीडियो कॉल किसी अनजान नंबर से या +92 नंबर से आ रहा है या इंटरनेट से जेनरेट किसी भी नंबर से आ रहा है तो उसे अटेंड न करें. ऐसे मामले में किसी साइबर एक्सपर्ट की मदद लें और उसे पूरा घटनाक्रम बताएं व अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में संपर्क करें.''

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पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं शकील

आपको बता दें कि राजगढ़ के साइबर लॉ एक्सपर्ट शकील अंजुम ने साल 2015 में अपने दोस्तों के साथ मिलकर राजगढ़ जिले के एक गांव को वाईफाई फ्री जोन किया था और ये उस दौरान भी प्रदेश सहित देश की मीडिया में सुर्खियों में रहे थे और तब से लेकर आज तक शकील लगातार साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं. इसमें उन्हें राजगढ़ जिले की पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का भी सहयोग मिला है. ऐसे में डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से होने वाली ठगी से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने फिर से शुरुआत की है और वह जल्द ही प्रशासन के माध्यम से राजगढ़ जिले में जागरूकता शिविर लगाकर आमजन को इसके बारे में बताएंगे, ताकि आमजन साइबर फ्रॉड के किसी भी तरह के झांसे में न आकर आर्थिक और मानसिक रूप से सुरक्षित रह सके.

राजगढ़: आज के इस डिजिटल युग में हर एक व्यक्ति अपना काम मोबाइल फोन और लैपटॉप के माध्यम से करने का आदी हो गया है, चाहे वह बैंकिंग का काम हो या अन्य कोई काम हो. हर एक व्यक्ति चाहता है कि उसके सारे काम घर बैठे ही हो जाएं, लेकिन जागरूकता के आभाव में कभी-कभी आमजन को इसका नुकसान भी उठाना पड़ता है. क्योंकि जहां से आम इंसान की सोच खत्म होती है, साइबर ठग उसके आगे से सोचना शुरू करते हैं और लोगों की सबसे कमजोर कड़ी उनका निशाना होती है. लोग अनजान नंबर से आए हुए फोन या वीडियो कॉल्स रिसीव करते हैं. उसके बाद शुरू होता है साइबर फ्रॉड के क्राइम का असली खेल. इसी खेल में डिजिटल अरेस्ट जैसे स्कैम भी शामिल हैं. इसी स्कैम को लेकर हमने बात की राजगढ़ के साइबर लॉ एक्सपर्ट शकील अंजुम से जिन्होंने हमें बताया कि डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है और ऐसा होने पर क्या करना चाहिए.

साइबर लॉ एक्सपर्ट से जानिए क्या है डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat)

यूं शुरू होता है इस फ्रॉड का खेल

शकील अंजुम ने बताया कि ''डिजिटल अरेस्ट स्कैम के बारे में शकील बताते हैं कि सामने वाला व्यक्ति अपने व्हाट्सएप की डीपी पर सीबीआई या पुलिस अधिकारी की डीपी लगाकर आपको कॉल करता है और आपको किसी भी तरह की अनैतिक या अवैध गतिविधि में शामिल होने के आरोप में कार्रवाई और गिरफ्तारी का डर बताकर आपको घर में ही कैद कर लेता है. यानि आप गिरफ्तारी के डर की वजह से घर से बाहर नहीं निकलते हैं. साइबर फ्रॉड करने वाले व्यक्ति के द्वारा किए गए वीडियो कॉल में लोगों को ऐसा प्रतीत होता है, जैसे किसी पुलिस थाने का माहौल है और आपको ऑनलाइन स्काइप के थ्रू मॉनिटरिंग किया जाता है.''

अनजान नंबरों से रहें सावधान

शकील ने आगे बताया कि ''इसके बाद सीबीआई के नाम से फर्जी खाता नंबर देकर आपसे उसमें रुपए डलवाए जाते हैं या आपको कोई ऐप डाउनलोड कराकर आपका फोन भी हैक कर लिया जाता है. इस तरह के डिजिटल अरेस्ट के फ्रॉड से सावधान रहें और अगर इस तरह के फ्रॉड होते हैं तो 1930 पर काल करके रिपोर्ट करें. कोई भी वीडियो कॉल किसी अनजान नंबर से या +92 नंबर से आ रहा है या इंटरनेट से जेनरेट किसी भी नंबर से आ रहा है तो उसे अटेंड न करें. ऐसे मामले में किसी साइबर एक्सपर्ट की मदद लें और उसे पूरा घटनाक्रम बताएं व अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में संपर्क करें.''

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पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं शकील

आपको बता दें कि राजगढ़ के साइबर लॉ एक्सपर्ट शकील अंजुम ने साल 2015 में अपने दोस्तों के साथ मिलकर राजगढ़ जिले के एक गांव को वाईफाई फ्री जोन किया था और ये उस दौरान भी प्रदेश सहित देश की मीडिया में सुर्खियों में रहे थे और तब से लेकर आज तक शकील लगातार साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं. इसमें उन्हें राजगढ़ जिले की पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का भी सहयोग मिला है. ऐसे में डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से होने वाली ठगी से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने फिर से शुरुआत की है और वह जल्द ही प्रशासन के माध्यम से राजगढ़ जिले में जागरूकता शिविर लगाकर आमजन को इसके बारे में बताएंगे, ताकि आमजन साइबर फ्रॉड के किसी भी तरह के झांसे में न आकर आर्थिक और मानसिक रूप से सुरक्षित रह सके.

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