जयपुर : राजधानी में एक बार फिर जमकर मेघ बरसे. इस बारिश ने चार साल पहले 14 अगस्त 2020 की यादें ताजा कर दी, जब जयपुर में जल सैलाब आया था. लोगों के घरों में, व्यापारियों की दुकानों में, यहां तक की अल्बर्ट हॉल का बेसमेंट तक जलमग्न हो गया था. बुधवार को फिर शाम होने के साथ करीब डेढ़ घंटे तेज बारिश का दौर चला, जिससे अजमेर रोड, सीकर रोड, आमेर रोड, वैशाली नगर, परकोटे के बाजार, सी-स्कीम, सिविल लाइंस और विद्याधर नगर में सड़के दरिया बन गई. पानी में वाहन तैरते हुए नजर आए और आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई. लोग जहां की तहां फंसे रह गए.
पानी में फसी सवारियों से भरी बस : राजधानी जयपुर में सप्ताह भर से बारिश का दौरा जारी है. कभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश ने मौसम में तो ठंडक ला दी, लेकिन शहर के बिगड़े हुए ड्रेनेज सिस्टम ने तबाही का मंजर भी दिखा दिया. बुधवार को शाम होने के साथ मेघ इस तरह बरसे कि जयपुर जलमग्न हो गया. जल महल के सामने एक लो फ्लोर बस बंद होकर पानी में ही फंस गई, जिसमें करीब 20 से 25 सवारी मौजूद थी, जिन्हें आपदा राहत टीम की ने रेस्क्यू किया.
इसी तरह का नजारा जयपुर के बड़ी चौपड़ से चांदी की टकसाल तक देखने को मिला. यहां पर करीब 3 फीट पानी भर जाने से टू व्हीलर और फोर व्हीलर पानी में तैरते हुए नजर आए. वहां से गुजरने वाली बस के प्रवाह से पार्किंग में खड़ी गाड़ियां हिचकोले खाने लगीं. इसकी वजह से रोड का पानी दुकानों में चला गया और व्यापारी भी परेशान हुए.
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वहीं, जयपुर के कई अंडरपास भी पूरी तरह जलमग्न हो गए. इसी तरह शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया. सुशीलपुरा, गिरधारीपुरा जैसे इलाकों में जलभराव से न सिर्फ आवाजाही बाधित हुई, बल्कि लोगों का घर में बैठना भी दूभर हो गया. जयपुर में करीब 40 निचले स्थान से जलभराव की तस्वीरें सामने आई हैं. शिकायतें मिलने पर आपदा राहत टीमें भी मौके पर पहुंच रही हैं.