जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दिव्यांग क्रिकेटर को नियमित क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलने का मौका नहीं देने और निशक्त अधिनियम 2016 की धारा 30 की पालना नहीं करने पर बीसीसीआई को जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है. जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल ने यह आदेश रतेन्द्र सिंह जयरा की याचिका पर दिया. याचिका में अधिवक्ता अनुराग कलावटिया ने बताया कि याचिकाकर्ता 60 फीसदी अंध दृष्टि बाधित है और वो राष्ट्रीय व राज्य स्तर की कई दृष्टिहीन प्रतियोगिताओं में क्रिकेट खेलता आया है.
उसने दिव्यांग अधिनियम 2016 के तहत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में प्रार्थना पत्र दायर कर उसे भी समानता का अधिकार देते हुए क्रिकेट की मुख्यधारा में शामिल करने का आग्रह किया. वहीं, इस संबंध में बीसीसीआई को निर्देश देने के लिए कहा. जिस पर आयोग ने 14 दिसंबर, 2019 को आदेश जारी कर बीसीसीआई को प्रार्थी के मामले में विचार करने के लिए कहा. उसने खेल मंत्रालय को भी प्रतिवेदन दिया, लेकिन उसके प्रतिवेदन पर कोई भी कार्रवाई नहीं की.
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इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि अधिनियम के प्रावधानों के तहत उसे भी मुख्यधारा से जोड़ा जाए. मौजूदा समय में आईपीएल सहित कई प्रतियोगिताएं हो रही हैं और इनमें याचिकाकर्ता को भी शामिल किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बीसीसीआई को जवाब पेश करने के लिए समय दिया है.