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हॉस्पिटल केयर टेकर पद की भर्ती प्रक्रिया में दूरस्थ शिक्षा से डिग्री लेने वाले अभ्यर्थी करें शामिल : हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने हॉस्पिटल केयर टेकर भर्ती-2023 में दूरस्थ शिक्षा से डिग्री लेने वाले अभ्यर्थी को शामिल करने के दिए आदेश.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 23, 2024, 8:38 PM IST

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने आरपीएससी की ओर से आयोजित हॉस्पिटल केयर टेकर भर्ती-2023 में दूरस्थ शिक्षा से डिग्री लेने वाले अभ्यर्थी को शामिल करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव, आरपीएससी सचिव और यूजीसी सचिव से जवाब तलब किया है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश जितेंद्र कुमार शर्मा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने हॉस्पिटल केयर टेकर के पदों के लिए गत वर्ष मई माह में भर्ती निकाली थी. जिसमें याचिकाकर्ता ने मेरिट में स्थान प्राप्त किया. वहीं, दस्तावेज सत्यापन के दौरान उसे चयन प्रक्रिया से यह कहते हुए बाहर कर दिया कि उसने संबंधित कोर्स दूरस्थ शिक्षा के जरिए किया है और भर्ती में सिर्फ नियमित शिक्षा के जरिए कोर्स करने वालों को ही शामिल किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें - एसआई भर्ती-2021 पर हाईकोर्ट की यथास्थिति 10 दिसंबर तक जारी

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियम में साल 2022 संशोधन कर केवल नियमित शिक्षा को ही मान्य माना है. इस संशोधित नियम को चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता ने मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से दो साल एमबीए हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स किया था. ऐसे में केवल दूरस्थ शिक्षा का हवाला देते हुए उसे भर्ती में अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने दूरस्थ शिक्षा से कोर्स करने वाले अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने आरपीएससी की ओर से आयोजित हॉस्पिटल केयर टेकर भर्ती-2023 में दूरस्थ शिक्षा से डिग्री लेने वाले अभ्यर्थी को शामिल करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव, आरपीएससी सचिव और यूजीसी सचिव से जवाब तलब किया है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश जितेंद्र कुमार शर्मा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने हॉस्पिटल केयर टेकर के पदों के लिए गत वर्ष मई माह में भर्ती निकाली थी. जिसमें याचिकाकर्ता ने मेरिट में स्थान प्राप्त किया. वहीं, दस्तावेज सत्यापन के दौरान उसे चयन प्रक्रिया से यह कहते हुए बाहर कर दिया कि उसने संबंधित कोर्स दूरस्थ शिक्षा के जरिए किया है और भर्ती में सिर्फ नियमित शिक्षा के जरिए कोर्स करने वालों को ही शामिल किया जा सकता है.

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याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियम में साल 2022 संशोधन कर केवल नियमित शिक्षा को ही मान्य माना है. इस संशोधित नियम को चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता ने मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से दो साल एमबीए हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स किया था. ऐसे में केवल दूरस्थ शिक्षा का हवाला देते हुए उसे भर्ती में अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने दूरस्थ शिक्षा से कोर्स करने वाले अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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