ETV Bharat / state

जेडीए और हाउसिंग बोर्ड के पट्टों में स्वामित्व के सुरक्षा मानक क्यों नहीं : हाईकोर्ट - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

जेडीए, नगर निगम और आवासन मंडल सहित अन्य सरकारी निकायों की ओर से जारी पट्टों व आवंटन पत्रों सहित अन्य स्वामित्व दस्तावेजों में सुरक्षा मानक नहीं होने पर बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने विभागों से पूछा है.

RAJASTHAN HIGH COURT
RAJASTHAN HIGH COURT (FILE PHOTO)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 15, 2024, 10:52 AM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, आवासन मंडल और पंजीयन विभाग से पूछा है कि जेडीए, नगर निगम और आवासन मंडल सहित अन्य सरकारी निकायों की ओर से जारी पट्टों व आवंटन पत्रों सहित अन्य स्वामित्व दस्तावेजों में सुरक्षा मानक क्यों नहीं है. जस्टिस पंकज भंडारी व प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश ऋचा पारीक की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया है कि जेडीए, नगर निगम, नगर परिषद व हाउसिंग बोर्ड सहित अन्य स्थानीय निकायों से जारी पट्टों व आवंटन पत्रों में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा जातात, जिससे स्थानीय निकायों से मिलीभगत कर पट्टों सहित अन्य स्वामित्व के दस्तावेजों के फर्जी व डबल दस्तावेज बना लिए जाते हैं. वहीं आमजन के पास इन दस्तावेजों की वैधता की सत्यता जांच करने के लिए कोई भी विधिक प्रक्रिया नहीं है और ना इन दस्तावेजों में ही सुरक्षा मानक हैं. ऐसे में इन दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा और अनियमितताएं नहीं रोकी जा सकती. इसलिए इन दस्तावेजों में सुरक्षा के लिए कोई मानक बनाए जाए, ताकि आमजन इनसे होने वाले फर्जीवाड़े से बच सके.

इसे भी पढ़ें : राजस्थान के ये 'वीर', जिन्होंने आजादी की लड़ाई में परिवार को भी किया था शामिल - Independence Day 2024

याचिका में कहा गया कि आए दिन अपराधियों की ओर से फर्जी पट्टे बनाकर आमजन और वित्तीय संस्थानों को क्षति पहुंचाई जाती है. इसलिए राज्य सरकार को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए जाए कि वह पट्टे और स्वामित्व दस्तावेजों के जारी करने में सुरक्षा मानकों का ध्यान रखे और इसके लिए एक प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए. वहीं ऐसे दस्तावेजों को जारी करने से रोका जाए, जिनमें उनके मूल स्वरूप को आसानी से बदला जा सके. राज्य सरकार ऐसी मशीनरी विकसित करे कि इन दस्तावेजों में किसी भी तरह से फजीवाड़ा नहीं किया जा सके. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, आवासन मंडल और पंजीयन विभाग से पूछा है कि जेडीए, नगर निगम और आवासन मंडल सहित अन्य सरकारी निकायों की ओर से जारी पट्टों व आवंटन पत्रों सहित अन्य स्वामित्व दस्तावेजों में सुरक्षा मानक क्यों नहीं है. जस्टिस पंकज भंडारी व प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश ऋचा पारीक की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया है कि जेडीए, नगर निगम, नगर परिषद व हाउसिंग बोर्ड सहित अन्य स्थानीय निकायों से जारी पट्टों व आवंटन पत्रों में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा जातात, जिससे स्थानीय निकायों से मिलीभगत कर पट्टों सहित अन्य स्वामित्व के दस्तावेजों के फर्जी व डबल दस्तावेज बना लिए जाते हैं. वहीं आमजन के पास इन दस्तावेजों की वैधता की सत्यता जांच करने के लिए कोई भी विधिक प्रक्रिया नहीं है और ना इन दस्तावेजों में ही सुरक्षा मानक हैं. ऐसे में इन दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा और अनियमितताएं नहीं रोकी जा सकती. इसलिए इन दस्तावेजों में सुरक्षा के लिए कोई मानक बनाए जाए, ताकि आमजन इनसे होने वाले फर्जीवाड़े से बच सके.

इसे भी पढ़ें : राजस्थान के ये 'वीर', जिन्होंने आजादी की लड़ाई में परिवार को भी किया था शामिल - Independence Day 2024

याचिका में कहा गया कि आए दिन अपराधियों की ओर से फर्जी पट्टे बनाकर आमजन और वित्तीय संस्थानों को क्षति पहुंचाई जाती है. इसलिए राज्य सरकार को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए जाए कि वह पट्टे और स्वामित्व दस्तावेजों के जारी करने में सुरक्षा मानकों का ध्यान रखे और इसके लिए एक प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए. वहीं ऐसे दस्तावेजों को जारी करने से रोका जाए, जिनमें उनके मूल स्वरूप को आसानी से बदला जा सके. राज्य सरकार ऐसी मशीनरी विकसित करे कि इन दस्तावेजों में किसी भी तरह से फजीवाड़ा नहीं किया जा सके. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.