ETV Bharat / state

सफल आवंटियों को पीआरएन में ही भूखंड का पट्टा देने का आदेश बरकरार, जेडीए का संशोधन का प्रार्थना पत्र खारिज

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 22, 2024, 8:22 PM IST

rejected the application राजस्थान हाईकोर्ट ने पृथ्वीराज नगर से जुड़े मामले में जेडीए की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

Rajasthan High Court,  rejected the application
राजस्थान हाईकोर्ट.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के पृथ्वीराज नगर के वर्ष 1997 के मूल सफल आवंटियों को पट्टा जारी करने से जुडे़ मामले में जेडीए की ओर से पूर्व के आदेश में स्पष्टीकरण के लिए पेश प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण ने पूर्व के आदेश की पालना में कुछ आवंटियों को पट्टे जारी कर दिए हैं. ऐसे में उस आदेश की आगे भी पालना करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश सुगन सिंह व अन्य की याचिका में जेडीए की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए दिए.

मामले से जुडे़ अधिवक्ता सार्थक रस्तोगी ने बताया कि हाईकोर्ट ने पांच जुलाई, 2013 को योजना के सफल आवंटियों के पक्ष में फैसला दिया था. अदालत ने कहा था कि जिन आवंटियों ने जेडीए में पूर्ण आवंटन राशि जमा करा दी है और कल्पना नगर में पट्टे नहीं लिए है, ऐसे आवंटी ही पृथ्वीराज नगर योजना में पट्टे प्राप्त करने के अधिकारी हैं.

पढ़ेंः आदेश की पालना कराएं या पेश होकर जवाब दें मुख्य सचिव- राजस्थान हाईकोर्ट

जेडीए की ओर से इस आदेश में स्पष्टीकरण चाहने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि जिन आवंटियों को कल्पना नगर में कब्जा पत्र जारी हुए हैं, उन आवंटियों को पृथ्वीराज नगर योजना में पट्टा नहीं मिलना चाहिए. इस प्रार्थना पत्र को अदालत ने खारिज कर दिया. हाईकोर्ट के इस आदेश से करीब 250 ऐसे आवंटियों को राहत मिली है, जो भूखंडों की राशि जेडीए में जमा करवाने के बाद भी पिछले 26 साल से पट्टों का इंतजार कर रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के पृथ्वीराज नगर के वर्ष 1997 के मूल सफल आवंटियों को पट्टा जारी करने से जुडे़ मामले में जेडीए की ओर से पूर्व के आदेश में स्पष्टीकरण के लिए पेश प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण ने पूर्व के आदेश की पालना में कुछ आवंटियों को पट्टे जारी कर दिए हैं. ऐसे में उस आदेश की आगे भी पालना करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश सुगन सिंह व अन्य की याचिका में जेडीए की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए दिए.

मामले से जुडे़ अधिवक्ता सार्थक रस्तोगी ने बताया कि हाईकोर्ट ने पांच जुलाई, 2013 को योजना के सफल आवंटियों के पक्ष में फैसला दिया था. अदालत ने कहा था कि जिन आवंटियों ने जेडीए में पूर्ण आवंटन राशि जमा करा दी है और कल्पना नगर में पट्टे नहीं लिए है, ऐसे आवंटी ही पृथ्वीराज नगर योजना में पट्टे प्राप्त करने के अधिकारी हैं.

पढ़ेंः आदेश की पालना कराएं या पेश होकर जवाब दें मुख्य सचिव- राजस्थान हाईकोर्ट

जेडीए की ओर से इस आदेश में स्पष्टीकरण चाहने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि जिन आवंटियों को कल्पना नगर में कब्जा पत्र जारी हुए हैं, उन आवंटियों को पृथ्वीराज नगर योजना में पट्टा नहीं मिलना चाहिए. इस प्रार्थना पत्र को अदालत ने खारिज कर दिया. हाईकोर्ट के इस आदेश से करीब 250 ऐसे आवंटियों को राहत मिली है, जो भूखंडों की राशि जेडीए में जमा करवाने के बाद भी पिछले 26 साल से पट्टों का इंतजार कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.