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राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा, सरकारी संपत्ति को सोसायटी कैसे चलाती है?

राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा है कि सरकारी संपत्ति को सोसायटी कैसे चलाती है. कोर्ट ने एसएमएस स्टेडियम से जुड़े मामले में सुनवाई की.

SOCIETY RUNS GOVERNMENT PROPERTY,  SMS STADIUM
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 7, 2024, 7:57 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने आरसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले में महाधिवक्ता को 10 अक्टूबर को रिकॉर्ड सहित बताने को कहा है कि सरकारी संपत्ति को सोसायटी कैसे चलाती है?. इसके अलावा एसएमएस स्टेडियम का संचालन कौन कर रहा है और उसका मालिकाना हक किसके पास है?. अदालत ने सरकार को कहा कि कोर्ट जानना चाहती है कि आखिर सरकारी संपत्ति का संचालन इस तरह कैसे होता है?. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश आरसीए के तत्कालीन सचिव भवानी शंकर सामोता सहित अन्य की ओर से पेश आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में आरसीए की एडहॉक कमेटी की ओर से गत 8 अगस्त को ज्योति नगर थाने में दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई है. सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में प्रमुख खेल सचिव नीरज के पवन अदालत में पेश हुए. वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि मामले में दर्ज एफआईआर में कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. इस पर अदालत ने कहा कि फिलहाल अदालत कोई रोक नहीं लगा रही है.

पढ़ेंः एडहॉक कमेटी की एफआईआर को आरसीए के पूर्व पदाधिकारियों ने दी हाईकोर्ट में चुनौती - Rajasthan High Court

याचिकाकर्ता चाहे तो अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर सकते हैं. इस दौरान महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार व आरसीए के बीच स्टेडियम के संचालन के लिए पहले एमओयू हुआ था और इसकी अवधि समय-समय पर बढ़ती गई. फिलहाल राज्य सरकार का आरसीए के साथ कोई एमओयू नहीं है. स्टेडियम में बाकी खेल गतिविधियां चल रही हैं. गौरतलब कि एडहॉक कमेटी ने भवानी शंकर सामोता सहित अन्य के खिलाफ ज्योति नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाकर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने आरसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले में महाधिवक्ता को 10 अक्टूबर को रिकॉर्ड सहित बताने को कहा है कि सरकारी संपत्ति को सोसायटी कैसे चलाती है?. इसके अलावा एसएमएस स्टेडियम का संचालन कौन कर रहा है और उसका मालिकाना हक किसके पास है?. अदालत ने सरकार को कहा कि कोर्ट जानना चाहती है कि आखिर सरकारी संपत्ति का संचालन इस तरह कैसे होता है?. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश आरसीए के तत्कालीन सचिव भवानी शंकर सामोता सहित अन्य की ओर से पेश आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में आरसीए की एडहॉक कमेटी की ओर से गत 8 अगस्त को ज्योति नगर थाने में दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई है. सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में प्रमुख खेल सचिव नीरज के पवन अदालत में पेश हुए. वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि मामले में दर्ज एफआईआर में कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. इस पर अदालत ने कहा कि फिलहाल अदालत कोई रोक नहीं लगा रही है.

पढ़ेंः एडहॉक कमेटी की एफआईआर को आरसीए के पूर्व पदाधिकारियों ने दी हाईकोर्ट में चुनौती - Rajasthan High Court

याचिकाकर्ता चाहे तो अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर सकते हैं. इस दौरान महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार व आरसीए के बीच स्टेडियम के संचालन के लिए पहले एमओयू हुआ था और इसकी अवधि समय-समय पर बढ़ती गई. फिलहाल राज्य सरकार का आरसीए के साथ कोई एमओयू नहीं है. स्टेडियम में बाकी खेल गतिविधियां चल रही हैं. गौरतलब कि एडहॉक कमेटी ने भवानी शंकर सामोता सहित अन्य के खिलाफ ज्योति नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाकर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है.

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