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शिक्षा विभाग ने अधिशेष 37 हजार शिक्षकों के समायोजन को लेकर फिर जारी किए निर्देश - RAJASTHAN EDUCATION DEPARTMENT

शिक्षा विभाग ने अधिशेष 37 हजार शिक्षकों के समायोजन को लेकर फिर जारी किए निर्देश. आपत्तियों का बिना समाधान किए निर्देश जारी. जानिए पूरा मामला.

Rajasthan Education Department
राजस्थान शिक्षा विभाग (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 15, 2024, 8:58 PM IST

जयपुर: प्रदेश में स्कूलों के क्रमोन्नति होने और इंग्लिश मीडियम में परिवर्तित होने के बाद करीब 37 हजार अधिशेष शिक्षक थे. इन शिक्षकों के समायोजन के लिए प्रारंभिक और माध्यमिक दोनों शिक्षा निदेशकों ने फिर से संयुक्त हस्ताक्षर से निर्देश जारी किए हैं. हालांकि, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने समायोजन के निर्देश में संशोधन किए बिना ज्यों का त्यों जारी करने पर एतराज जताया है.

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि उनके बार-बार आग्रह पर 37 हजार से ज्यादा शिक्षकों का समायोजन करने की लंबे समय से मांग उठाते आए हैं, ताकि उन्हें मूल पद और एसीपी की समस्याओं से निजात मिल सके. लेकिन शाला दर्पण पर विषय के स्वीकृत पदों के अनुसार अधिशेष शिक्षकों का समायोजन करने के बजाए, शिक्षा विभाग 2015 के समानीकरण नियम से अधिशेष का समायोजन करना चाहता है.

पढ़ें : प्राध्यापक-विद्यालय प्रतियोगी परीक्षा 2024 : जिले आवंटन में नहीं है कोई अनियमितता, अभ्यार्थी न हों भ्रमित

आपको बता दें कि विभाग ने पहले दो बार 15 अगस्त और 6 सितंबर को निकाले समायोजन आदेश वापस लिए थे, लेकिन अब सरकार ने केवल तारीख बदलकर दोबारा हुबहू आदेश की जारी कर दिए हैं. इसे लेकर अब राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री और दोनों निदेशक को सुझाव ज्ञापन भी दिया है.

इन बिंदुओं पर दिलवाया ध्यान :

  1. शाला दर्पण पर नए क्रमोन्नत स्कूलों में अध्यापक लेवल -2 गणित, विज्ञान, अंग्रेजी की मैपिंग की गई और जिला शिक्षा अधिकारियों ने उनका समायोजन वहीं कर दिया. अब इन्हें अधिशेष मानकर दूसरी जगह भेजना मई 2021 के नियमों के तहत उचित नहीं होगा.
  2. अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी माध्यम के कार्यरत शिक्षक अधिशेष ही होंगे. इनका उस स्कूलों में समायोजन सम्भव ही नहीं है.
  3. स्टाफिंग पैटर्न अनुसार नए क्रमोन्नत सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 2 साल बाद छात्र संख्या 80 होने पर अनिवार्य हिंदी तथा अंग्रेजी के व्याख्याता पद माने जाने हैं. दिशा निर्देश में ये स्पष्ट होना चाहिए.
  4. स्टाफिंग पैटर्न में सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 1 से 5 में 150 से ज्यादा छात्र होने पर वरिष्ठ अध्यापक पद का प्रावधान है. शिक्षा निर्देशों में अस्पष्टता के कारण वरिष्ठ अध्यापक का पद नहीं मानकर वरिष्ठ अध्यापक सामाजिक को अधिशेष माना जा रहा है.
  5. महात्मा गांधी विद्यालयों में 2022 में इंटरव्यू से चयनित कार्यरत शिक्षकों के पदों को अधिशेष कर संविदा भर्ती शिक्षकों को वहीं कार्यरत रहने के नियम की विसंगति को दूर किया जाए.
  6. प्रारंभिक शिक्षा में समायोजन मई 2021 के तहत करने के निर्देश है, जिसमें काउंसलिंग की व्यवस्था है, लेकिन माध्यमिक शिक्षा के लिए कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है.

जयपुर: प्रदेश में स्कूलों के क्रमोन्नति होने और इंग्लिश मीडियम में परिवर्तित होने के बाद करीब 37 हजार अधिशेष शिक्षक थे. इन शिक्षकों के समायोजन के लिए प्रारंभिक और माध्यमिक दोनों शिक्षा निदेशकों ने फिर से संयुक्त हस्ताक्षर से निर्देश जारी किए हैं. हालांकि, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने समायोजन के निर्देश में संशोधन किए बिना ज्यों का त्यों जारी करने पर एतराज जताया है.

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि उनके बार-बार आग्रह पर 37 हजार से ज्यादा शिक्षकों का समायोजन करने की लंबे समय से मांग उठाते आए हैं, ताकि उन्हें मूल पद और एसीपी की समस्याओं से निजात मिल सके. लेकिन शाला दर्पण पर विषय के स्वीकृत पदों के अनुसार अधिशेष शिक्षकों का समायोजन करने के बजाए, शिक्षा विभाग 2015 के समानीकरण नियम से अधिशेष का समायोजन करना चाहता है.

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आपको बता दें कि विभाग ने पहले दो बार 15 अगस्त और 6 सितंबर को निकाले समायोजन आदेश वापस लिए थे, लेकिन अब सरकार ने केवल तारीख बदलकर दोबारा हुबहू आदेश की जारी कर दिए हैं. इसे लेकर अब राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री और दोनों निदेशक को सुझाव ज्ञापन भी दिया है.

इन बिंदुओं पर दिलवाया ध्यान :

  1. शाला दर्पण पर नए क्रमोन्नत स्कूलों में अध्यापक लेवल -2 गणित, विज्ञान, अंग्रेजी की मैपिंग की गई और जिला शिक्षा अधिकारियों ने उनका समायोजन वहीं कर दिया. अब इन्हें अधिशेष मानकर दूसरी जगह भेजना मई 2021 के नियमों के तहत उचित नहीं होगा.
  2. अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी माध्यम के कार्यरत शिक्षक अधिशेष ही होंगे. इनका उस स्कूलों में समायोजन सम्भव ही नहीं है.
  3. स्टाफिंग पैटर्न अनुसार नए क्रमोन्नत सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 2 साल बाद छात्र संख्या 80 होने पर अनिवार्य हिंदी तथा अंग्रेजी के व्याख्याता पद माने जाने हैं. दिशा निर्देश में ये स्पष्ट होना चाहिए.
  4. स्टाफिंग पैटर्न में सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 1 से 5 में 150 से ज्यादा छात्र होने पर वरिष्ठ अध्यापक पद का प्रावधान है. शिक्षा निर्देशों में अस्पष्टता के कारण वरिष्ठ अध्यापक का पद नहीं मानकर वरिष्ठ अध्यापक सामाजिक को अधिशेष माना जा रहा है.
  5. महात्मा गांधी विद्यालयों में 2022 में इंटरव्यू से चयनित कार्यरत शिक्षकों के पदों को अधिशेष कर संविदा भर्ती शिक्षकों को वहीं कार्यरत रहने के नियम की विसंगति को दूर किया जाए.
  6. प्रारंभिक शिक्षा में समायोजन मई 2021 के तहत करने के निर्देश है, जिसमें काउंसलिंग की व्यवस्था है, लेकिन माध्यमिक शिक्षा के लिए कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है.
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