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रामगढ़ उपचुनाव का नतीजा आज, मतदान में कमी किस पर पड़ेगी भारी ?

रामगढ़ उपचुनाव का नतीजा आज . कांग्रेस की लगेगी हैट्रिक या भाजपा की होगी वापसी. मिलेगा नया चेहरा.

Ramgarh By Election
रामगढ़ उपचुनाव (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 22, 2024, 10:11 PM IST

Updated : Nov 23, 2024, 6:10 AM IST

अलवर: रामगढ़ विधानसभा को शनिवार को नया विधायक मिलेगा. उपचुनाव की मतगणना की सभी तैयारियां प्रशासन ने पूरी कर ली है. चुनाव परिणाम पर दोनों ही प्रमुख दलों की नजर टिकी है. कारण है कि कांग्रेस को जीत दर्ज करा हैट्रिक बनाने की उम्मीद है, जबकि भाजपा उपचुनाव में विजय हासिल कर रामगढ़ में वापसी को बेताब है. रामगढ़ उपचुनाव का परिणाम दोपहर एक बजे तक मिल जाने की संभावना है. मतगणना के लिए राजकीय बाबू शोभाराम कला कॉलेज परिसर में 22 टेबल लगाई गई है.

जीत-हार का अंतर रहेगा कम : राजनीतिक विश्लेषक एडवोकेट हरिशंकर गोयल का कहना है कि इस बार रामगढ़ उपचुनाव में मुख्य टक्कर कांग्रेस व भाजपा के बीच है. दोनों ही दलों ने उपचुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस कारण रामगढ़ में जीत-हार का अंतर कम रहने की उम्मीद है. उपचुनाव में कांग्रेस ने विधायक जुबेर खां के निधन से उपजी सहानुभूति का भरपूर लाभ उठाने का प्रयास किया. वहीं, भाजपा प्रत्याशी सुखवंत सिंह भी रामगढ़ से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत दर्ज नहीं करा सके. इस कारण क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के प्रति भी सहानुभूति दिखाई दी.

पढ़ें : उपचुनाव के परिणाम का कांग्रेस की सियासत पर दिखेगा असर, बेनीवाल-रोत के लिए भी चुनौती

रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र को शनिवार को नया विधायक मिल जाएगा. यह बात तय है कि इस बार रामगढ़ को विधायक के रूप में नया चेहरा मिलेगा. इसका कारण है कि कांग्रेस व भाजपा की ओर से इस बार नए चेहरों को मौका दिया गया है.

कांग्रेस व भाजपा में सीधा मुकाबला : रामगढ़ उपचुनाव के परिणाम का अलवर जिला ही नहीं, बल्कि प्रदेश भर के लोगों को इंतजार है. वैसे तो यहां 10 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं, लेकिन असल मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच है. कांग्रेस ने इस बार दिवंगत विधायक जुबेर खां के पुत्र आर्यन खां एवं भाजपा ने सुखवंत सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. दोनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है.

Ramgarh By Election
मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच (ETV Bharat Alwar)

मतदान में कमी, किसको भारी : रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में 75.28 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि विधानसभा चुनाव में यहां 77.25 फीसदी वोट डाले गए थे. यानी इस बार उपचुनाव में करीब दो प्रतिशत कम वोट डले. मतदान में आई कमी किसे भारी पड़ेगी, इस पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजर है. वैसे रामगढ़ में जब भी कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधी टक्कर हुई तो भाजपा फायदे में रही. वहीं, त्रिकोणीय या ज्यादा मजबूत उम्मीदवार चुनाव मैदान में होने पर कांग्रेस लाभ में रही.

बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर : रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस व भाजपा के बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. भाजपा की ओर से केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री यानी अलवर सांसद भूपेन्द्र यादव और राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. भाजपा की ओर से उपचुनाव की कमान इन दोनों मंत्रियों के पास ही रही. वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र सिंह एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.

अलवर: रामगढ़ विधानसभा को शनिवार को नया विधायक मिलेगा. उपचुनाव की मतगणना की सभी तैयारियां प्रशासन ने पूरी कर ली है. चुनाव परिणाम पर दोनों ही प्रमुख दलों की नजर टिकी है. कारण है कि कांग्रेस को जीत दर्ज करा हैट्रिक बनाने की उम्मीद है, जबकि भाजपा उपचुनाव में विजय हासिल कर रामगढ़ में वापसी को बेताब है. रामगढ़ उपचुनाव का परिणाम दोपहर एक बजे तक मिल जाने की संभावना है. मतगणना के लिए राजकीय बाबू शोभाराम कला कॉलेज परिसर में 22 टेबल लगाई गई है.

जीत-हार का अंतर रहेगा कम : राजनीतिक विश्लेषक एडवोकेट हरिशंकर गोयल का कहना है कि इस बार रामगढ़ उपचुनाव में मुख्य टक्कर कांग्रेस व भाजपा के बीच है. दोनों ही दलों ने उपचुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस कारण रामगढ़ में जीत-हार का अंतर कम रहने की उम्मीद है. उपचुनाव में कांग्रेस ने विधायक जुबेर खां के निधन से उपजी सहानुभूति का भरपूर लाभ उठाने का प्रयास किया. वहीं, भाजपा प्रत्याशी सुखवंत सिंह भी रामगढ़ से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत दर्ज नहीं करा सके. इस कारण क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के प्रति भी सहानुभूति दिखाई दी.

पढ़ें : उपचुनाव के परिणाम का कांग्रेस की सियासत पर दिखेगा असर, बेनीवाल-रोत के लिए भी चुनौती

रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र को शनिवार को नया विधायक मिल जाएगा. यह बात तय है कि इस बार रामगढ़ को विधायक के रूप में नया चेहरा मिलेगा. इसका कारण है कि कांग्रेस व भाजपा की ओर से इस बार नए चेहरों को मौका दिया गया है.

कांग्रेस व भाजपा में सीधा मुकाबला : रामगढ़ उपचुनाव के परिणाम का अलवर जिला ही नहीं, बल्कि प्रदेश भर के लोगों को इंतजार है. वैसे तो यहां 10 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं, लेकिन असल मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच है. कांग्रेस ने इस बार दिवंगत विधायक जुबेर खां के पुत्र आर्यन खां एवं भाजपा ने सुखवंत सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. दोनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है.

Ramgarh By Election
मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच (ETV Bharat Alwar)

मतदान में कमी, किसको भारी : रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में 75.28 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि विधानसभा चुनाव में यहां 77.25 फीसदी वोट डाले गए थे. यानी इस बार उपचुनाव में करीब दो प्रतिशत कम वोट डले. मतदान में आई कमी किसे भारी पड़ेगी, इस पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजर है. वैसे रामगढ़ में जब भी कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधी टक्कर हुई तो भाजपा फायदे में रही. वहीं, त्रिकोणीय या ज्यादा मजबूत उम्मीदवार चुनाव मैदान में होने पर कांग्रेस लाभ में रही.

बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर : रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस व भाजपा के बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. भाजपा की ओर से केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री यानी अलवर सांसद भूपेन्द्र यादव और राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. भाजपा की ओर से उपचुनाव की कमान इन दोनों मंत्रियों के पास ही रही. वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र सिंह एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.

Last Updated : Nov 23, 2024, 6:10 AM IST
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