जयपुर: फोन टैपिंग मामले पर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाले कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने नोटिस मिलने के साथ अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की ओर से दिए नोटिस के जवाब में मीणा ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है. बुधवार को एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मंत्री किरोड़ी मीणा ने अपने नोटिस और कांग्रेस के हंगामे पर जवाब दिया. नोटिस में क्या जवाब दिया, ये किरोड़ी ने नहीं बताय लेकिन उन्होंने इस बात को स्वीकार कर लिया कि उनसे अनुशासनहीनता हुई है, जिसकी वजह से पार्टी ध्यक्ष ने उन्हें नोटिस दिया.
अनुशासन तोड़ा तो कार्रवाई का अधिकार अध्यक्ष का : दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा को भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता का सोमवार को नोटिस जारी किया था. वहीं, बुधवार को मीणा ने नोटिस का जवाब संगठन को भेज दिया है. मीणा ने कहा कि मेरे से जो गलती हुई है, नोटिस में वह दर्शाई हुई है. गलती हुई थी, उसका जवाब दे दिया है. किरोड़ी ने इस दौरान फिर से कहा कि वह पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता हैं, तभी पार्टी ने उनको टिकट दिया है और तभी वे विधायक बने हैं, मंत्री बने हैं.
उधर पार्टी से नाराजगी के सवाल पर किरोड़ी लाल ने कहा कि नाराजगी तो उनकी पत्नी गोलमा देवी से भी हो जाती है. गोलमा देवी यह कहती हैं कि तुम चुप रहा करो, ज्यादा मत बोला करो, फिर भी मैं आपके बीच में बोल रहा हूं. किरोड़ी मीणा ने इस दौरान विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होने पर बीमारी का हवाला दिया और साथ ही कहा कि जब बीमारी सही हो जाएगी तो वह विधानसभा सत्र में शामिल होंगे.
नोटिस से संतुष्ट नहीं होने के सवाल पर किरोड़ी लाल ने कहा कि मैंने क्या जवाब दिया, यह नहीं बताऊंगा. मेरी कोई नाराजगी नहीं है. कोई नाराजगी होती तो मैं मुस्कुराता नहीं हूं. अनुशासन तोड़ा है तो यह प्रदेश अध्यक्ष का अधिकार है. अगर वो जवाब से संतुष्ट नहीं होते हैं तो वो ही कार्रवाई के बारे में बता सकते हैं. कार्रवाई के बारे में मंत्री झाबर सिंह खर्रा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी नहीं बता सकते.
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पार्टी ने सोमवार को दिया था कारण बताओ नोटिस : बता दें कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने सोमवार को कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा था. पार्टी ने किरोड़ी के फोन टैपिंग के बयान को अनुशासनहीनता माना था. किरोड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है, जिसका बुधवार को आखिरी दिन था.
दरअसल, किरोड़ी लाल के बयानों के कारण कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार को जमकर घेरा था. इसके बाद पार्टी हाईकमान एक्टिव हुआ. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मदन राठौड़ से इस बारे में चर्चा की थी. इसके बाद उन्हें नोटिस भेजा गया. नोटिस में कहा गया था कि सार्वजनिक रूप से बयान देकर भाजपा नीत सरकार पर फोन टैप करने का आरोप लगाया, जो असत्य है. आपने बयान देकर भाजपा की बहुमत वाली सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का काम किया है.