जयपुर: राजस्थान में इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इसी बीच इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन भी राजस्थान के अलग-अलग जिलों में लगाए जा रहे हैं. राजधानी जयपुर की बात करें तो बीते कुछ सालों में टू व्हीलर और फोर व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन सबसे अधिक सड़कों पर दौड़ते हुए नजर आते हैं. इसी के साथ धीरे-धीरे चार्जिंग स्टेशन से जुड़ा इंफ्रा भी डेवलप किया जा रहा है.
इसी बीच राजधानी जयपुर में राजस्थान का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग हब बनाया गया है, जहां एक बार में 12 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्ज हो सकते हैं. जोबोल्ट कंपनी की ओर से बनाए गए इस इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग हब पर टू व्हीलर टू व्हीलर और फोर व्हीलर और यहां तक की इलेक्ट्रिक बसें भी चार्ज हो रही हैं. कंपनी की ओर से यहां पर चार फास्ट चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जहां एक बार में 9 इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर चार्ज हो सकते हैं. इसके अलावा थ्री व्हीलर और टू व्हीलर के लिए स्लो चार्जिंग के लिए भी चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं.
जोबोल्ट कम्पनी के मालिक योगेश मेहरा का कहना है कि पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में चार्जिंग इंफ्रा को यदि डेवलप किया जाएगा तो अधिक से अधिक लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद सकेंगे और इससे पर्यावरण को भी काफी फायदा होगा. जयपुर के अजमेर रोड पर बनाया गया यह इलेक्ट्रिक व्हीकल हब अभी तक राजस्थान का सबसे बड़ा चार्जिंग पॉइंट है, जहां बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्ज हो सकते हैं. इसके अलावा शहर के अन्य स्थानों पर भी इस तरह के चार्जिंग स्टेशन लगाए गए हैं, ताकि लोगों को चार्जिंग से जुड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़े.
सिर्फ प्राइवेट कंपनियां लगा रहीं चार्जर : राजस्थान में फिलहाल विभिन्न प्राइवेट कंपनियों की ओर से ही चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं. सरकार भले ही इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने की बात करती हो लेकिन अभी तक सरकार की ओर से एक भी सरकारी चार्जिंग स्टेशन स्थापित नहीं किया गया है, जबकि पिछले 2 साल में पूरे राजस्थान में 20 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन बिके हैं. वहीं, जेडीए की ओर से राजधानी जयपुर में 70 से अधिक चार्जिंग स्टेशन लगते की बात कही गई थी, लेकिन उस प्रोजेक्ट पर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है.
सरकार दे रही रियायत : राजस्थान की बात करें तो इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद पर राज्य सरकार की ओर से रियायत भी दी जा रही है. हालांकि, गहलोत सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सब्सिडी देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक उसका फायदा भी आम जनता को नहीं मिल पा रहा. राजस्थान में फिलहाल इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर आरटीओ रजिस्ट्रेशन के रूप में लिए जाने वाले शुल्क को माफ किया गया है. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने पर सरकार रियायती दर पर बिजली दे रही है.
ये है चार्जिंग शुल्क : राजस्थान में लगाए गए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन पर गाड़ी चार्ज करने के शुक्ल की बात करें तो फास्ट चार्जर पर तकरीबन 18 से 20 रुपये प्रति यूनिट का शुल्क लिया जा रहा है, जबकि स्लो चार्ज पर 10 से 15 रुपये प्रति यूनिट का खर्चा आता है. राजस्थान में अन्य कंपनी अभी धीरे-धीरे चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रही है. राजस्थान में अभी तक 20 किलोवाट से लेकर 120 किलो वाट तक के चार्जर लगाए गए हैं.