अजमेर. प्रदेश में भीषण गर्मी व हीट स्ट्रोक के बाद अब उमस का दौर शुरू हो गया है.अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में अन्य जिलों से भी मरीज रेफर होकर आते हैं. ऐसे में अस्पताल का दायित्व और भी बढ़ जाता है. जेएलएन अस्पताल का निरीक्षण करते हुए विधानसभा अध्यक्ष और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने यह बात कही.
देवनानी ने मरीजों से बातचीत कर चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी ली. साथ ही अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. तापाघात(हीट स्ट्रोक) के आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए भी कहा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संभाग स्तरीय जेएलएन अस्पताल में दूर दूर से लोग इलाज के लिए आते हैं. इन दिनों भीषण गर्मी का दौर है. गरीब, मजदूर वर्ग बाहर काम करते हैं और लू का शिकार हो जाते हैं. ऐसे मरीजों को अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए. कोई भी मरीज का सुविधा या चिकित्सा व्यवस्था में किसी तरह की कमी के कारण परेशान ना हो और इस कारण उसकी जान पर ना बन आए.
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सभी व्यवस्थाएं बेहतर की गई हैं, लेकिन यह व्यवस्था सुचारू भी हो, इसको सुनिश्चित भी करना है. यहां ड्यूटी के अनुसार चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध रहे. निरीक्षण के दौरान नर्सिंग स्टाफ की कमी का मामला भी सामने आया है. आचार संहिता के बाद इस कमी को भी पूरा कर दिया जाएगा. देवनानी ने कहा कि चिकित्सकों से भी आग्रह किया गया है कि अस्पताल में आने वाले मरीज को अपने घर के सदस्य की तरह समझें और रोगी का इलाज भी इस भावना के साथ करें.
सात दिन में फिर लूंगा रिपोर्ट: देवनानी ने अस्पताल में चिकित्सा अधिकारियों से भी व्यवस्थाओं को लेकर वार्ता की. साथ ही निरीक्षण के दौरान दिखी अव्यवस्था को 7 दिन में सुधारने के भी निर्देश दिए. चिकित्सा अधिकारियों को देवनानी ने कहा 7 दिन के बाद वे फिर से रिपोर्ट लेंगे. बता दें कि अजमेर का तापमान सोमवार को 42 डिग्री रहा. चिलचिलाती धूप और लू का प्रकोप जारी है. कई लोग तापाघात के शिकार हो रहे हैं. स्ट्रोक किसी के लिए जानलेवा न बने, इसलिए चिकित्सक पर्याप्त मात्रा में पानी पीने, भूखा नहीं रहने और छाया में रहने की सलाह दे रहे हैं. मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से तापमान में कुछ गिरावट दर्ज हो सकती है.