जयपुर. राजस्व मामले से जुड़े एक विवाद में परिवादी के पक्ष में फैसला देने के बदले कोटकासिम के तत्कालीन एसडीएम (आरएएस अधिकारी) रामकिशोर मीणा द्वारा तीन दलालों के जरिए 12.50 लाख रुपए की घूस मांगने का मामला सामने आया है. इस संबंध में परिवादी की शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
एसीबी ने मंगलवार को कोटकासिम उपखंड अधिकारी कार्यालय में तलाशी अभियान चलाकर सबूत भी जुटाए हैं. एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर जयपुर नगर-द्वितीय एवं अलवर-द्वितीय इकाई की ओर से आज कोटकासिम में कार्रवाई करते हुए कोटकासिम (खैरथल-तिजारा) के तत्कालीन उपखंड अधिकारी रामकिशोर मीणा के खिलाफ निजी व्यक्तियों (दलाल) ज्ञानीराम बाबा, राजाराम और विक्रम सिंह के जरिए से 12.50 लाख रुपए रिश्वत मांगने के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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पक्ष में फैसला देने के लिए मांगी घूस : एसीबी के महानिदेशक (डीजी) डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी की जयपुर नगर द्वितीय इकाई को परिवादी ने शिकायत दी और बताया कि राजस्व वाद में फैसला उसके पक्ष में करने की एवज में आरएएस अधिकारी (तत्कालीन एसडीएम, कोटकासिम) रामकिशोर मीणा ने अपने दलाल ज्ञानीराम बाबा, राजाराम और विक्रम सिंह के जरिए से 12.50 लाख रुपए की रिश्वत मांगी.
सत्यापन में सही पाई गई शिकायत : परिवादी की शिकायत पर एसीबी जयपुर के डीआईजी डॉ. रवि के सुपरवीजन में एसीबी जयपुर नगर द्वितीय इकाई के उपाधीक्षक अभिषेक पारीक के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया गया. सत्यापन से मामला सही पाया जाने और प्रथमदृष्टया रिश्वत की मांग स्पष्ट पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया गया. एसीबी (अलवर-द्वितीय) के उपाधीक्षक परमेश्वर लाल को मामले की जांच सौंपी गई है.
तलाशी लेकर जुटाए साक्ष्य : एसीबी जयपुर के डीआईजी रणधीर सिंह के सुपरवीजन में मंगलवार को अनुसंधान अधिकारी द्वारा कोटकासिम उपखंड अधिकारी कार्यालय अनुसंधान की कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई में आरोपियों के विरूद्ध महत्वपूर्ण साक्ष्यों का संकलन किया गया. एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अनुसंधान और अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.