पटना: सक्षमता परीक्षा के विरोध में नियोजित शिक्षकों ने राज्य सरकार से आर-पार की लड़ाई के लिए आज प्रदेश भर से हजारों की तादाद में गर्दनीबाग पहुंच रहे हैं. विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विधानसभा के घेराव का कार्यक्रम है. तमाम नियोजित शिक्षकों के संगठनों ने संयुक्त रूप से बिहार शिक्षक एकता मंच बनाया है. इस मंच के आह्वान पर शनिवार देर शाम सभी जिलों में सक्षमता परीक्षा के विरोध में शिक्षकों ने मसाल जुलूस निकाला गया था.
विधानसभा का घेराव करेंगे नियोजित शिक्षक: मंच के आह्वान पर आज 13 फरवरी को विधानसभा घेराव करने के लिए नियोजित शिक्षक तैयार है. तमाम शिक्षक छुट्टी लेकर के पहुंच रहे हैं और शिक्षा विभाग के फरमान के बावजूद आंदोलन में शामिल होने के लिए कमर कस चुके हैं.
क्या बोले नियोजित शिक्षक?: ऑनलाइन सक्षमता परीक्षा के विरोध में शिक्षकों ने फॉर्म नहीं भरा है. शिक्षक एकता मंच के सदस्य शिक्षक नेता अमित विक्रम का कहना है कि प्रदेश के सभी जिलों से शिक्षक आ रहे हैं. नियोजित शिक्षकों को डराने के लिए ले जा रहे शिक्षा विभाग के निर्देशों के कारण शिक्षकों का डर खत्म हो गया है. नियोजित शिक्षकों को छंटनी का प्रयास किया जा रहा है. कानून के दायरे में ही शिक्षक प्रदर्शन करने आ रहे हैं.
"सरकार ने ही दक्षता परीक्षा लेकर 60 साल के लिए शिक्षकों की सेवा बहाल की थी तो शिक्षकों को हटाए जाने के लिए ले जा रहे नियम कानून के विरुद्ध हैं. उपार्जित अवकाश शिक्षकों का अधिकार है और छुट्टी लेकर के ही सभी शिक्षक पटना पहुंचे हैं. नियोजित शिक्षकों की मांग जायज है और सरकार को इसके खिलाफ जो करना है कर ले, शिक्षक डरने वाले नहीं."- अमित विक्रम, शिक्षक सह शिक्षक एकता मंच के सदस्य
क्या है नियोजित शिक्षकों की मांग?: नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने के लिए आयोजित होने वाले सक्षमता परीक्षा में तीन जिलों का विकल्प निरस्त करते हुए ऐच्छिक स्थानांतरण का प्रावधान करना चाहिए. अनिवार्य स्थानांतरण के लिए विकल्प का प्रावधान समाप्त हो. सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन लिए जाने में कई सारी व्यावहारिक दिक्कतें हैं. अधिकांश नियोजित शिक्षक कंप्यूटर चलाने की जानकारी नहीं रखते हैं इसलिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन ऑफलाइन किया जाए.
न्यूनतम वेतन वृद्धि की गारंटी मिलनी चाहिए: शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी के द्वारा की गई अनुशंसा जिसमें तीन बार में सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने पर सेवामुक्त कर देने का प्रावधान है, उसको निरस्त किया जाना चाहिए. राज्यकर्मी बनने के उपरांत सभी नियोजित शिक्षकों की समानुपातिक वेतन वृद्धि होनी चाहिए. एक न्यूनतम वेतन वृद्धि की गारंटी सबको की जानी चाहिए.
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