जयपुर: प्रदेश में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. वन्यजीवों को सर्दी से बचाने के लिए नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन विभाग की ओर से विशेष इंतजाम किए गए हैं. वन्यजीवों के एंक्लोजर्स के अंदर हीटर लगाए गए हैं. वहीं, बाहर की तरफ पर्दे लगाए गए हैं, ताकि ठंडी हवा अंदर प्रवेश नहीं कर सके. वन्यजीवों की डाइट में भी बदलाव किया गया है. टाइगर, लायन, पैंथर और बफेलो को चिकन मीट दिया जा रहा है. वन्यजीवों के लिए डाइट में दो बॉइल एग शामिल करने के साथ-साथ चिकन की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है. भालू को उबले अंडे के साथ गर्म दूध, गुड़ और पिंड खजूर दिया जा रहा है. साथ ही शहद की मात्रा बढ़ा दी गई है. शाकाहारी वन्यजीवों के लिए दाल की मात्रा बढ़ा दी गई है.
डीसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों के पिंजरों में पराल भूसा बिछाया जा रहा है और बोरियां लगाई जा रही है, ताकि तेज सर्दी से बचाव हो सके. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 28 प्रजातियों के वन्यजीव रहते हैं. वन्यजीवों के खान-पान में परिवर्तन किया गया है. भालू की डाइट में शहद की मात्रा 100 ग्राम बढ़ा दी गई है और पिंड खजूर दिया जा रहा है. शक्कर की जगह गुड़ दिया जा रहा है. रोटी के साथ गर्म दूध और दो अंडे बॉयल करके दिए जा रहे है. लॉयन, पैंथर और टाइगर को दो-दो बॉयल अंडे दिए जा रहे है. शाकाहारी वन्यजीवों की 100 ग्राम दाल बढ़ाई गई है. इसके अलावा गाजर भी खिलाई जा रही है.
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रेप्टाइल प्रजातियों के जानवरों के भोजन में कमी: रेप्टाइल प्रजातियों के जानवरों जैसे मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल के भोजन में कमी की गई है, क्योंकि सर्दियों में इन वन्यजीवों का मेटाबॉलिज्म पचाने की क्षमता कम हो जाती है. दिन में सभी वन्यजीवों को बारी-बारी से बाहर छोड़ा जाएगा, ताकि धूप की तपन मिल सके.
हिरण प्रजाति के वन्यजीवों को खिलाई जा रही गाजर: क्षेत्रीय वन अधिकारी गौरव कुमार के मुताबिक जानवरों के लिए सर्दी में डाइट बदल दी जाती है. हिरण प्रजाति के वन्यजीवों को गाजर खिलाई जाएगी. साथ ही चना की मात्रा बढ़ा दी गई है. तमाम व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग भी की जा रही है. सर्दी में वन्यजीवों की देखभाल के लिए कर्मचारियों को अलर्ट किया गया है.