शिमला: लंबे समय तक प्रियंका गांधी वाड्रा चुनावी राजनीति से दूर रही हैं. अब वे वायनाड से चुनाव मैदान में हैं. प्रियंका वाड्रा पहली बार कोई चुनाव लड़ रही हैं. ऐसे में उनके चुनावी समर को लेकर देशभर में चर्चा है. इसके साथ ही प्रियंका गांधी वाड्रा (चुनावी हल्फनामे के अनुसार नाम) की संपत्ति को लेकर भी जनता में खूब उत्सुकता है.
प्रियंका वाड्रा के चुनावी हलफनामे में हिमाचल व शिमला का जिक्र है. हिमाचल का जिक्र दो गाड़ियों के रूप में है. ये गाड़ियां हिमाचल के नंबर की हैं. इसके अलावा शिमला के समीप छराबड़ा में प्रियंका वाड्रा की आलीशान कोठी है. उस कोठी की बाजार कीमत इस समय 5.63 करोड़ रुपये से अधिक है. प्रियंका वाड्रा के पास एचपी-63-एफ-0123 टोयोटा लैंड क्रूजर गाड़ी है. इसकी कीमत 53 लाख रुपये है. इसके अलावा हिमाचल में रजिस्टर्ड एक अन्य वाहन भी है. ये वाहन होंडा सीआरवी कार के रूप में है. इसका नंबर एचपी-63-सी-8860 है. इसकी कीमत आठ लाख रुपये दर्शायी गई है.
Filing my nomination for the Wayanad by-election today was a moment filled with emotion. The love you’ve shown to Rahul Ji, and now to me, is something I carry with me every step of the way.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 23, 2024
Wayanad’s strength lies in its people-their kindness, resilience, and belief in a better… pic.twitter.com/v2rc5lKXFk
एक करोड़ रुपये से अधिक की जमीन, 5 करोड़ से अधिक की कंस्ट्रक्शन
प्रियंका वाड्रा के पास छराबड़ा में 48 हजार वर्ग मीटर से अधिक जगह है. इसमें से 11955 वर्ग फीट में कंस्ट्रक्शन हुआ है. यहां प्रियंका ने 2007, 20011 व 2014 में जमीन टुकड़ों में खरीदी थी. ये जमीन एक करोड़ 09 लाख 90 हजार 660 रुपये में खरीदी गई थी. इस जमीन पर 5 करोड़, 05 लाख, 89 हजार 257 रुपये से निर्माण किया गया है. अब इसकी करंट मार्केट वैल्यू 5 करोड़ 63 लाख 99 हजार रुपए दर्शायी गई है.
कानूनी पचड़ों में फंसा रहा प्रियंका का भूमि सौदा
प्रियंका गांधी वाड्रा व गांधी परिवार शिमला के समीप छराबड़ा में बने आलीशान वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल में रुकते रहे हैं. ये जगह गांधी परिवार को पसंद है. लिहाजा प्रियंका गांधी वाड्रा ने यहां जमीन खरीदने का फैसला लिया था. ये जमीन सौदा विवादों में रही. मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा और राज्य सूचना आयोग में भी चला. एक दशक से भी अधिक समय तक विवाद चलता रहा.
चूंकि हिमाचल में कोई बाहरी राज्य का व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता. लिहाजा धारा-118 के तहत जमीन खरीद की अनुमति ली गई. प्रियंका गांधी के जमीन सौदे के दौरान हिमाचल में कांग्रेस व भाजपा की सरकारें रहीं और सभी सरकारों के समय कोई न कोई कानूनी प्रक्रिया पूरी हुई. आरटीआई कार्यकर्ता देवाशीष भट्टाचार्य ने प्रियंका वाड्रा के भूमि सौदे से जुड़ी जानकारी मांगी थी. प्रियंका वाड्रा ने उस समय एसपीजी प्रोटेक्टी होने के कारण सौदे की जानकारी देने से मना किया था. मामला हाईकोर्ट पहुंचा था. खैर, अब वायनाड चुनाव में प्रियंका वाड्रा के मैदान में उतरने के बाद फिर से उनका हिमाचल कनेक्शन चर्चा में आया है.
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