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'चोर दरवाजे से घुसकर क्रेडिट लेने की कोशिश': विजय चौधरी का तेजस्वी यादव पर हमला

बिहार में प्रधानाचार्य की बहाली को लेकर राजद और जदयू आमने-सामने है. मंत्री विजय चौधरी ने तेजस्वी यादव पर क्रेडिट चोरी करने के आरोप लगाये.

Vijay Chaudhary
विजय चौधरी, जल संसाधन मंत्री. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 3, 2024, 3:20 PM IST

पटना: बिहार में प्रधानाचार्य की बहाली को लेकर सियासत शुरू है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीपीएससी की ओर से रिजल्ट जारी करने के बाद क्रेडिट लेने की कोशिश की. रविवार 3 नवंबर को जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने इसका खंडन किया. विजय चौधरी ने तेजस्वी यादव का बिना नाम लिए बिना कहा कि जब यह फैसला लिया गया था उस समय एनडीए की सरकार थी. विजय चौधरी ने कहा कि जब यह फैसला लिया गया था उस वक्त वो ही शिक्षा मंत्री थे.

"महागठबंधन की सरकार अगस्त 2022 में बनी थी जबकि फैसला अगस्त 2021 में ही लिया गया था. मार्च 2022 में तो विज्ञापन भी पहले चरण का निकल गया था. भ्रम फैला रहे हैं और चोर दरवाजे से क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं."- विजय चौधरी, जल संसाधन मंत्री

विजय चौधरी, जल संसाधन मंत्री (ETV Bharat)

विपक्ष भ्रम फैला रहाः तेजस्वी के बयान पर विजय चौधरी ने कहा, बिहार सरकार की उपलब्धियों पर भी विपक्ष भ्रम फैला रहा है. किसी विपक्षी नेता में यह कहने की हिम्मत नहीं है कि बिहार में विकास का काम नहीं हुआ है. अब जब कोई दाल नहीं गल रही है तो लोग चोर दरवाजे से घुसकर क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि सबको पता है कि बहाली कौन करवा रहा है? जब कुछ नहीं सूझ रहा तब वह बेवजह क्रेडिट लेने की होड़ में लगे हुए हैं, जनता सब समझती है.

एनडीए की सरकार में निकला था विज्ञापनः मंत्री विजय चौधरी ने कहा, फरवरी 2021 में शिक्षा मंत्री का प्रभार मुझे दिया गया था. आज जो प्रधानाध्यापक की बहाली हुई है यह फैसला अगस्त 2021 में ही हुआ था, जबकि आज लोग यह दावा कर रहे हैं कि उनकी वजह से बहाली हुई है. इससे साफ समझा जा सकता है कि वह कितना झूठ बोल रहे हैं. इस बार जो बहाली हुई उसका पहले चरण का विज्ञापन मार्च 2022 में ही हुआ था. आज जो बहाली हुई है प्रधानाध्यापक की, उसी का दूसरा चरण है.

दस्तावेजी प्रमाण हैः मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हम जो भी दावा कर रहे हैं उसका दस्तावेजी प्रमाण दे रहे हैं और दूसरे लोग इस मामले में झूठा प्रचार कर क्रेडिट ले रहे हैं. उनसे जरा यह सवाल पूछिए कि जो बात बोल रहे हैं उसका कोई आधार है. नीतीश कुमार जब सरकार चलाते हैं तो उन्हीं का फैसला उन्हीं की मर्जी चलती है. नीतीश कुमार जो फैसला लेते हैं वही फैसला लागू होता है. ऐसे में अगर बिहार में कोई बड़ा फैसला होता है तो क्रेडिट भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही मिलेगा.

जनता का है विश्वासः तेजस्वी यादव की ओर से बिहार में अपराध की घटनाओं को लेकर एक बार फिर से क्राइम बुलेटिन जारी किया गया है. उसको लेकर भी विजय चौधरी ने कहा अपराध के जो आंकड़े हैं और गृह विभाग का जो एक्शन है, दोनों मिलाकर देख लें स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अपराध के मामले में कौन सी पार्टी, कौन से नेता और कौन सी सरकार जनता के विश्वास पर खरा उतरती रही है यह सब को पता है.

क्या कहा था तेजस्वी नेः बिहार लोक सेवा आयोग ने जो परिणाम जारी किया उसमें प्रधान शिक्षक के 36947 और प्रधानाध्यापक के 5971 अभ्यर्थी पास हुए हैं. तेजस्वी यादव ने इसे अपनी उपलब्धि बताते हुए कहा था, "देश के इतिहास में पहली बार हमने पिछले साल 2 नवंबर को रिकॉर्ड बनाते हुए गांधी मैदान से एक राज्य में एक दिन में एक विभाग में एक साथ 1, 20, 336 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण किया था. अगस्त 2022 में सरकार में आने के बाद हमने मात्र 17 महीने में 5 लाख नियुक्तियां कीं और विभिन्न विभागों में तीन लाख से अधिक नियुक्तियों का प्रक्रियाधीन करवाया."

इसे भी पढ़ेंः बिहार में 40000 से अधिक प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ, नीतीश कैबिनेट से मिली मंजूरी

इसे भी पढ़ेंः दिवाली से पहले तीन शिक्षकों को बड़ा झटका, इस गलती के कारण चली गयी नौकरी

पटना: बिहार में प्रधानाचार्य की बहाली को लेकर सियासत शुरू है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीपीएससी की ओर से रिजल्ट जारी करने के बाद क्रेडिट लेने की कोशिश की. रविवार 3 नवंबर को जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने इसका खंडन किया. विजय चौधरी ने तेजस्वी यादव का बिना नाम लिए बिना कहा कि जब यह फैसला लिया गया था उस समय एनडीए की सरकार थी. विजय चौधरी ने कहा कि जब यह फैसला लिया गया था उस वक्त वो ही शिक्षा मंत्री थे.

"महागठबंधन की सरकार अगस्त 2022 में बनी थी जबकि फैसला अगस्त 2021 में ही लिया गया था. मार्च 2022 में तो विज्ञापन भी पहले चरण का निकल गया था. भ्रम फैला रहे हैं और चोर दरवाजे से क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं."- विजय चौधरी, जल संसाधन मंत्री

विजय चौधरी, जल संसाधन मंत्री (ETV Bharat)

विपक्ष भ्रम फैला रहाः तेजस्वी के बयान पर विजय चौधरी ने कहा, बिहार सरकार की उपलब्धियों पर भी विपक्ष भ्रम फैला रहा है. किसी विपक्षी नेता में यह कहने की हिम्मत नहीं है कि बिहार में विकास का काम नहीं हुआ है. अब जब कोई दाल नहीं गल रही है तो लोग चोर दरवाजे से घुसकर क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि सबको पता है कि बहाली कौन करवा रहा है? जब कुछ नहीं सूझ रहा तब वह बेवजह क्रेडिट लेने की होड़ में लगे हुए हैं, जनता सब समझती है.

एनडीए की सरकार में निकला था विज्ञापनः मंत्री विजय चौधरी ने कहा, फरवरी 2021 में शिक्षा मंत्री का प्रभार मुझे दिया गया था. आज जो प्रधानाध्यापक की बहाली हुई है यह फैसला अगस्त 2021 में ही हुआ था, जबकि आज लोग यह दावा कर रहे हैं कि उनकी वजह से बहाली हुई है. इससे साफ समझा जा सकता है कि वह कितना झूठ बोल रहे हैं. इस बार जो बहाली हुई उसका पहले चरण का विज्ञापन मार्च 2022 में ही हुआ था. आज जो बहाली हुई है प्रधानाध्यापक की, उसी का दूसरा चरण है.

दस्तावेजी प्रमाण हैः मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हम जो भी दावा कर रहे हैं उसका दस्तावेजी प्रमाण दे रहे हैं और दूसरे लोग इस मामले में झूठा प्रचार कर क्रेडिट ले रहे हैं. उनसे जरा यह सवाल पूछिए कि जो बात बोल रहे हैं उसका कोई आधार है. नीतीश कुमार जब सरकार चलाते हैं तो उन्हीं का फैसला उन्हीं की मर्जी चलती है. नीतीश कुमार जो फैसला लेते हैं वही फैसला लागू होता है. ऐसे में अगर बिहार में कोई बड़ा फैसला होता है तो क्रेडिट भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही मिलेगा.

जनता का है विश्वासः तेजस्वी यादव की ओर से बिहार में अपराध की घटनाओं को लेकर एक बार फिर से क्राइम बुलेटिन जारी किया गया है. उसको लेकर भी विजय चौधरी ने कहा अपराध के जो आंकड़े हैं और गृह विभाग का जो एक्शन है, दोनों मिलाकर देख लें स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अपराध के मामले में कौन सी पार्टी, कौन से नेता और कौन सी सरकार जनता के विश्वास पर खरा उतरती रही है यह सब को पता है.

क्या कहा था तेजस्वी नेः बिहार लोक सेवा आयोग ने जो परिणाम जारी किया उसमें प्रधान शिक्षक के 36947 और प्रधानाध्यापक के 5971 अभ्यर्थी पास हुए हैं. तेजस्वी यादव ने इसे अपनी उपलब्धि बताते हुए कहा था, "देश के इतिहास में पहली बार हमने पिछले साल 2 नवंबर को रिकॉर्ड बनाते हुए गांधी मैदान से एक राज्य में एक दिन में एक विभाग में एक साथ 1, 20, 336 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण किया था. अगस्त 2022 में सरकार में आने के बाद हमने मात्र 17 महीने में 5 लाख नियुक्तियां कीं और विभिन्न विभागों में तीन लाख से अधिक नियुक्तियों का प्रक्रियाधीन करवाया."

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