ETV Bharat / state

'BJP के 4 मजबूत किले में से 3 को तोड़ना पड़ेगा', प्रशांत किशोर ने बताया मोदी को हराने का फार्मूला - बीजेपी का मजबूत किला

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर भाजपा है. भाजपा को हराने के लिए प्रशांत किशोर ने एक्शन प्लान तैयार किया है. तमाम विपक्षी दलों को पीके ने फार्मूला भी सुखाया है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Prashant Kishor Etv Bharat
Prashant Kishor Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 15, 2024, 6:31 PM IST

प्रशांत किशोर

पटना : लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और मोदी के रथ को कैसे रोका जाए इसको लेकर तमाम विपक्षी पार्टियां जोर आजमाइश कर रही है. इंडिया गठबंझन को भी बनाया गया है. पर किस तरह से पीएम मोदी को घेरा जाए और माहौल बनाया जाए यह अभी तक क्लीयर नहीं हुआ है. इसी बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है.

भाजपा के जीतने के 4 प्रमुख कारण : संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा से जुड़े सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि, देश के स्तर पर जब लोग पूछते हैं भाजपा की जीत क्यों होती है? तो मैं बता दूं कि भाजपा के जीतने के 4 प्रमुख कारण हैं. वो है विचारधारा, जिसको आप हिंदुत्व कहते हैं. दूसरा है नेशनलिज्म (राष्ट्रवाद). तीसरा है लाभार्थी और चौथा है उनकी ऑर्गेनाइजेशनल और फाइनेंशियल ताकत.

''मैंने ये बताया कि अगर आपको भाजपा को हराना है तो किसी दल को, किसी नेता व गठबंधन को इन चार मजबूत किले-द्वार में से तीन को तोड़ना पड़ेगा. हमको बिहार को और बिहार की जनता को जिताना है. हमको भाजपा को नहीं हराना है.''- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

सरकारें आयी-गई, बिहार से पलायन नहीं रुका : पीके ने कहा कि बिहार में भाजपा जीती भी है और हारी भी है. बिहार की जनता की स्थिति तो नहीं बदली. बिहार में लालू-नीतीश जीते भी हैं और हारे भी हैं. कांग्रेस जीती भी है और हारी भी है. हम लोगों ने यूपीए की सरकार देखी और 10 सालों तक एनडीए की सरकार भी देखी. इसके बावजूद बिहार से पलायन तो नहीं रुका, यहां से गरीबी तो नहीं मिटी.

''आपने 40 वर्षों तक कांग्रेस का भी राज देखा, भाजपा, नीतीश और लालू का भी राज देख रहे हैं. इसके बावजूद स्थिति तो नहीं सुधरी. जब तक आप समस्या के मूल को नहीं समझिएगा, जड़ को नहीं सुधारिएगा तब तक विकास संभव नहीं है.''- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

'समस्याओं को भूल जाति-धर्म के नाम पर करते हैं वोट' : प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जड़ में यहां के लोगों की वो प्रवृत्ति है, जहां आप 5 सालों तक अपनी समस्याओं से जूझते हैं, लड़ते हैं, गाते हैं, परेशान रहते हैं. हालांकि जिस दिन वोट देने जाते हैं, उस दिन सारी समस्याओं को भूलकर जाति-धर्म के नाम पर, लालू के डर से भाजपा को और भाजपा के डर से लालू को वोट करते हैं. इसलिए आपकी समस्या सुलझती नहीं है.

ये भी पढ़ें :-

बिहार में नए विकल्प की जरूरत, प्रशांत किशोर बोले-'14-15 लाख लोग मिलकर दल बनाएंगे'

प्रशांत किशोर की बड़ी भविष्यवाणी- 'मांझी-कुशवाहा को जहां 1-2 लोकसभा सीट मिलेगी उसी साइड चले जाएंगे'

'हमारा बस चले तो 48 घंटे में शराबबंदी हटा दें' : प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर

पटना : लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और मोदी के रथ को कैसे रोका जाए इसको लेकर तमाम विपक्षी पार्टियां जोर आजमाइश कर रही है. इंडिया गठबंझन को भी बनाया गया है. पर किस तरह से पीएम मोदी को घेरा जाए और माहौल बनाया जाए यह अभी तक क्लीयर नहीं हुआ है. इसी बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है.

भाजपा के जीतने के 4 प्रमुख कारण : संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा से जुड़े सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि, देश के स्तर पर जब लोग पूछते हैं भाजपा की जीत क्यों होती है? तो मैं बता दूं कि भाजपा के जीतने के 4 प्रमुख कारण हैं. वो है विचारधारा, जिसको आप हिंदुत्व कहते हैं. दूसरा है नेशनलिज्म (राष्ट्रवाद). तीसरा है लाभार्थी और चौथा है उनकी ऑर्गेनाइजेशनल और फाइनेंशियल ताकत.

''मैंने ये बताया कि अगर आपको भाजपा को हराना है तो किसी दल को, किसी नेता व गठबंधन को इन चार मजबूत किले-द्वार में से तीन को तोड़ना पड़ेगा. हमको बिहार को और बिहार की जनता को जिताना है. हमको भाजपा को नहीं हराना है.''- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

सरकारें आयी-गई, बिहार से पलायन नहीं रुका : पीके ने कहा कि बिहार में भाजपा जीती भी है और हारी भी है. बिहार की जनता की स्थिति तो नहीं बदली. बिहार में लालू-नीतीश जीते भी हैं और हारे भी हैं. कांग्रेस जीती भी है और हारी भी है. हम लोगों ने यूपीए की सरकार देखी और 10 सालों तक एनडीए की सरकार भी देखी. इसके बावजूद बिहार से पलायन तो नहीं रुका, यहां से गरीबी तो नहीं मिटी.

''आपने 40 वर्षों तक कांग्रेस का भी राज देखा, भाजपा, नीतीश और लालू का भी राज देख रहे हैं. इसके बावजूद स्थिति तो नहीं सुधरी. जब तक आप समस्या के मूल को नहीं समझिएगा, जड़ को नहीं सुधारिएगा तब तक विकास संभव नहीं है.''- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

'समस्याओं को भूल जाति-धर्म के नाम पर करते हैं वोट' : प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जड़ में यहां के लोगों की वो प्रवृत्ति है, जहां आप 5 सालों तक अपनी समस्याओं से जूझते हैं, लड़ते हैं, गाते हैं, परेशान रहते हैं. हालांकि जिस दिन वोट देने जाते हैं, उस दिन सारी समस्याओं को भूलकर जाति-धर्म के नाम पर, लालू के डर से भाजपा को और भाजपा के डर से लालू को वोट करते हैं. इसलिए आपकी समस्या सुलझती नहीं है.

ये भी पढ़ें :-

बिहार में नए विकल्प की जरूरत, प्रशांत किशोर बोले-'14-15 लाख लोग मिलकर दल बनाएंगे'

प्रशांत किशोर की बड़ी भविष्यवाणी- 'मांझी-कुशवाहा को जहां 1-2 लोकसभा सीट मिलेगी उसी साइड चले जाएंगे'

'हमारा बस चले तो 48 घंटे में शराबबंदी हटा दें' : प्रशांत किशोर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.