कैमूर: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर और उनके कुछ अफसरों को लेकर तंज कसा है. प्रशांत किशोर ने कैमूर जिले के बुद्धिजीवियों और प्रबुद्ध लोगों के साथ बिहार के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया के ईमानदार देशों ने चार बातों को फॉलो किया और भ्रष्टाचार को खत्म करने में सफल रहे. पहला राजनीति को सुचितापूर्ण बनाना, सत्ता और संसाधन का बड़े स्तर पर विकेंद्रीकरण, योजनाओं में जन भागीदारी और टेक्नोलॉजी का बड़े पैमाने पर उपयोग.
नीतीश पर पीके का हमला: प्रशांत किशोर ने भ्रष्टाचार रोकने को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि नल जल योजना को बनाने में 25 हजार करोड़ खर्च किया गया. अगर 2 हजार करोड़ खर्च करके टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर लिया होता तो, सरकार को पता होता कि कहां नल में पानी आ रहा है और कहां नहीं. कंजप्शन को बढ़ाकर ही बिहार में तरक्की लाई जा सकती है.
"भ्रष्टाचार को कभी भी पूर्ण रूप से खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसे बहुत हद तक कम किया जा सकता है. राजनीति में अच्छे लोगों का चयन, सत्ता का विकेन्द्रीकरण करना होगा. जबकि नीतीश सरकार में सत्ता का केन्द्रीकरण हो गया है और केवल 4-5 लोग ही सरकार चला रहे हैं. इसके साथ ही सरकार की योजना में जन भागीदारी और टेक्नोलॉजी का बड़े पैमाने पर उपयोग कर के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है."- प्रशांत किशोर, संस्थापक, जन सुराज
पलायन को लेकर प्रशांत किशोर का बड़ा बयान: बता दें कि एकदिवसीय दौरे पर कैमूर आए जन सुराज के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को रात्रि में कैमूर जिले की शारदा होटल में प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक कर बिहार और कैमूर की विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श किया. उन्होंने मुख्य तौर पर शिक्षा, पलायन, किसानों की बदहाली, भ्रष्टाचार जैसे विषयों पर लोगों से बात की, जहां उन्होंने यह बताया कि पलायन केवल गरीबों की समस्या नहीं है. पलायन बिहार के हर 1 व्यक्ति की समस्या है, जो लोग यहां पर अमीर है, उनके लिए तो पलायन और बड़ी समस्या है. क्योंकि अब आपके बच्चे जो दिल्ली, बेंगलुरु चले गए वह वापस लौट के नहीं आएंगे.
जनता से प्रशांत किशोर की अपील: उन्होंने अंत में समाज के प्रबुद्ध लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग बस घरों में बैठ कर आलोचना मत कीजिए. आप लोग आलोचना कीजिए पर उसके साथ प्रयास भी कीजिए. प्रयास के साथ सुझाव भी दीजिए. आप लोग केवल अपनी चिंता मत कीजिए, अब आप खुद से सक्षम है, इसलिए अब बिहार की और बिहार के भविष्य की चिंता भी कीजिए. बिहार को बदलने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा.
'अपना पेट भरने के बाद दूसरों की सोचें': प्रशांत किशोर ने अपना उदाहरण देते हुए पैसे वाले लोगों से कहा कि आपका बच्चा जब पढ़ लिख कर बाहर जाएगा,तो लिख कर रख लीजिए आपके बुढ़े होने के बाद वापस नहीं आएगा. जहाज डूबेगा तो उसमे बैठा हुआ हर आदमी डूबेगा. अपना पेट भर जाने के बाद दूसरों की चिंता ना करने वाला आदमी, मानव नहीं है.इसी मिट्टी में आपका जन्म हुआ, यहीं आप पढ़े. मैं भी बोरा वाले स्कूल में पढ़ा हूं. मैं तो बिहार वापस आ गया, लेकिन मेरा बेटा वापस नहीं आएगा.
बंद चीनी मिलों को लेकर प्रशांत ने क्या कहा?: प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार बताते हैं कि बिहार में कहीं कुछ बचा ही नही है, सिर्फ आलू और लालू बचा है, सब झारखंड चला गया. मुझे बताइये कि चीनी मिल लगाने के लिए कौन-सा खनिज चाहिए कि यहां सब चीनी मिल बंद है? गन्ना का खेत तो झारखंड में नहीं गया तो चीनी मिल कैसे बंद हो गया? कहते हैं यहां समुद्र नहीं है तो तेलंगाना, हरियाणा, मध्यप्रदेश में कहां समुद्र है. उनको (नीतीश) 19 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद पता चला है कि बिहार में समुद्र नहीं है.