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प्रशांत किशोर से हो गई बड़ी मिस्टेक? तरारी से बदलना पड़ सकता है उम्मीदवार, जानें वजह

बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. उपचुनाव से पहले पीके से बड़ी गलती हो गई.

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 20 hours ago

Updated : 20 hours ago

कैमूर (भभुआ): प्रशांत किशोर देश के सबसे सफल चुनाव रणनीतिकार रहे हैं. राजनीति में भी सफल हो सकेंगे, अभी सवाल का जवाब मिलना बाकी है चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के लिए चुनाव का थ्योरी पेपर आसान था. लेकिन चुनाव में कूदते ही अब प्रैक्टिकल मुश्किल हो रहा है. दरअसल, सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर रहे हैं. वहीं पहली बार बिहार की राजनीति में उतरने वाले प्रशांत किशोर से एक मिस्टेक हो गई है. ये मिस्टेक प्रत्याशी के नाम का घोषणा करने को लेकर हुई है.

प्रत्याशी के नाम पर पीके से बड़ी गलती: दरअसल, बिहार की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव में तरारी सीट से कैंडिडेट के चयन में प्रशांत किशोर से गलती हो गई है. इस गलती के चलते प्रशांत किशोर को तरारी से अपना कैंडिडेट बदलना पड़ेगा. बता दें कि प्रशांत किशोर ने तरारी सीट से जिस श्रीकृष्ण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया हैं. लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह.जो सेना में वाइस-चीफ रहे हैं. वह दिल्ली के वोटर हैं. एस के सिंह का नाम बिहार की वोटर लिस्ट में शामिल ही नहीं है. ऐसे में एस के सिंह बिहार में विधानसभा का कोई चुनाव नहीं लड़ सकते.

प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

कैडिडेट का नाम वोटर लिस्ट में नहीं: प्रशांत किशोर का कहना है कि इलेक्शन कमिशन के रूल बुक के हिसाब से भले ही नागरिक बिहार का हो, लेकिन बिहार के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में अगर मतदाता के तौर पर किसी इंसान का नाम रेजिस्टर्ड नहीं हैं तो वो चुनाव नहीं लड़ सकता है. प्रशांत किशोर ने कहा कि "यह कितनी प्रो इन्कम्बन्सी की बात है कि तरारी का लड़का देश की आर्मी में वाइस-चीफ बना, जिसने सेना को सियाचिन और ऑपरेशन पराक्रम में सेना का नेतृत्व किया. उसका तरारी में खुद की जमीन और खुद का निवास-स्थान होने के बावजूद वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं क्योंकि उसका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है."

2020 तक बिहार बिहार के थे वोटर: दरअससल, वोटर लिस्ट में नाम डालने के लिए, फॉर्म 8A भरा गया है. 2020 तक जनरल साहब का नाम बिहार के वोटर लिस्ट में था, पर पत्नी के देहांत के बाद उनका नाम नोएडा के वोटर लिस्ट में शिफ्ट हो गये. क्योंकि वो वहां रहते थे और 2024 में उन्हें वहां वोट देना था. इसी को आधार बनाकर जिला प्रशासन और इलेक्शन के लोग उनको लड़ने से रोकना चाहते हैं.

प्रशांत किशोर ने RJD को दी खुली चुनौती: प्रशांत किशोर ने आज कैमूर से पूर्व उप-मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव को 13 नवंबर को रामगढ़ में होने वाले उप-चुनाव में रामगढ़ से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा अगर वह रामगढ़ से चुनाव लड़ते हैं तो प्रशांत किशोर स्वयं उनके सामने रामगढ़ से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने यह भी दावा किया है कि इस बार उप-चुनाव में जगदानंद सिंह के बेटे अजीत कुमार सिंह जो आरजेडी के रामगढ़ से उम्मीदवार है. उनका जितना तो बहुत दूर की बात.

24 को करेंगे नामांकन: जनसुराज के प्रत्याशी 24 अक्टूबर को बेलागंज और इमामगंज से तथा 25 अक्टूबर को तरारी और रामगढ़ से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. रामगढ़ विधानसभा से जन सुराज के 5 संभावित उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की. जिसमें विनायक प्रसाद जायसवाल, शामिम अहमद, आनंद सिंह दुर्गावती, सुशील कुशवाहा और वकील रामनारायण राम संभावित उम्मीदवार हैं. 22 अक्टूबर को रामगढ़ से जन सुराज के उम्मीदवार के नाम की घोषणा की जाएगी.

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कैमूर (भभुआ): प्रशांत किशोर देश के सबसे सफल चुनाव रणनीतिकार रहे हैं. राजनीति में भी सफल हो सकेंगे, अभी सवाल का जवाब मिलना बाकी है चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के लिए चुनाव का थ्योरी पेपर आसान था. लेकिन चुनाव में कूदते ही अब प्रैक्टिकल मुश्किल हो रहा है. दरअसल, सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर रहे हैं. वहीं पहली बार बिहार की राजनीति में उतरने वाले प्रशांत किशोर से एक मिस्टेक हो गई है. ये मिस्टेक प्रत्याशी के नाम का घोषणा करने को लेकर हुई है.

प्रत्याशी के नाम पर पीके से बड़ी गलती: दरअसल, बिहार की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव में तरारी सीट से कैंडिडेट के चयन में प्रशांत किशोर से गलती हो गई है. इस गलती के चलते प्रशांत किशोर को तरारी से अपना कैंडिडेट बदलना पड़ेगा. बता दें कि प्रशांत किशोर ने तरारी सीट से जिस श्रीकृष्ण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया हैं. लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह.जो सेना में वाइस-चीफ रहे हैं. वह दिल्ली के वोटर हैं. एस के सिंह का नाम बिहार की वोटर लिस्ट में शामिल ही नहीं है. ऐसे में एस के सिंह बिहार में विधानसभा का कोई चुनाव नहीं लड़ सकते.

प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

कैडिडेट का नाम वोटर लिस्ट में नहीं: प्रशांत किशोर का कहना है कि इलेक्शन कमिशन के रूल बुक के हिसाब से भले ही नागरिक बिहार का हो, लेकिन बिहार के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में अगर मतदाता के तौर पर किसी इंसान का नाम रेजिस्टर्ड नहीं हैं तो वो चुनाव नहीं लड़ सकता है. प्रशांत किशोर ने कहा कि "यह कितनी प्रो इन्कम्बन्सी की बात है कि तरारी का लड़का देश की आर्मी में वाइस-चीफ बना, जिसने सेना को सियाचिन और ऑपरेशन पराक्रम में सेना का नेतृत्व किया. उसका तरारी में खुद की जमीन और खुद का निवास-स्थान होने के बावजूद वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं क्योंकि उसका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है."

2020 तक बिहार बिहार के थे वोटर: दरअससल, वोटर लिस्ट में नाम डालने के लिए, फॉर्म 8A भरा गया है. 2020 तक जनरल साहब का नाम बिहार के वोटर लिस्ट में था, पर पत्नी के देहांत के बाद उनका नाम नोएडा के वोटर लिस्ट में शिफ्ट हो गये. क्योंकि वो वहां रहते थे और 2024 में उन्हें वहां वोट देना था. इसी को आधार बनाकर जिला प्रशासन और इलेक्शन के लोग उनको लड़ने से रोकना चाहते हैं.

प्रशांत किशोर ने RJD को दी खुली चुनौती: प्रशांत किशोर ने आज कैमूर से पूर्व उप-मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव को 13 नवंबर को रामगढ़ में होने वाले उप-चुनाव में रामगढ़ से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा अगर वह रामगढ़ से चुनाव लड़ते हैं तो प्रशांत किशोर स्वयं उनके सामने रामगढ़ से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने यह भी दावा किया है कि इस बार उप-चुनाव में जगदानंद सिंह के बेटे अजीत कुमार सिंह जो आरजेडी के रामगढ़ से उम्मीदवार है. उनका जितना तो बहुत दूर की बात.

24 को करेंगे नामांकन: जनसुराज के प्रत्याशी 24 अक्टूबर को बेलागंज और इमामगंज से तथा 25 अक्टूबर को तरारी और रामगढ़ से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. रामगढ़ विधानसभा से जन सुराज के 5 संभावित उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की. जिसमें विनायक प्रसाद जायसवाल, शामिम अहमद, आनंद सिंह दुर्गावती, सुशील कुशवाहा और वकील रामनारायण राम संभावित उम्मीदवार हैं. 22 अक्टूबर को रामगढ़ से जन सुराज के उम्मीदवार के नाम की घोषणा की जाएगी.

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