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'ठेकेदार ही बांध में छेद करवाते हैं..' प्रशांत किशोर ने बताया क्यों नहीं निकलता बाढ़ का स्थायी समाधान? - Prashant Kishor

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 2 hours ago

Prashant Kishor On Bihar Flood: एक तरफ आधा बिहार बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है, दूसरी तरफ बाढ़ को लेकर राजनीति भी गरमाती जा रही है. जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने हालात के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि बाढ़ के नाम पर काली कमाई के लिए ठेकेदार ही बांध में छेद करवाते हैं और इस काम में इंजीनियर और ब्यूरोक्रेट्स की भी मिलीभगत होती है.

Prashant Kishor
प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

पटना: चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर अलग-अलग समस्याओं को लेकर मुखर रहते हैं. इस बार उन्होंने बाढ़ को लेकर बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि बिहार में ठेकेदार ही बांध को क्षतिग्रस्त करते हैं और यह उनके कमाई का जरिया बनता है. इसके अलावा इंजीनियर और ब्यूरोक्रेट भी बाढ़ का स्थाई समाधान नहीं चाहते हैं.

'ठेकेदार ही करवाते हैं बांध में छेद': जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने कहा कि बाढ़ से तबाही बिहार में आने वाली हर साल की समस्या है. इसके पीछे का आधा कारण तो हम सब जानते हैं लेकिन आधा समस्या इंजीनियर और ब्यूरोक्रेट्स हैं. उन्होंने कहा कि ठेकेदार, इंजीनियर और ब्यूरोक्रेट के चलते बिहार में बाढ़ की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है, क्योंकि काली कमाई के लिए ठेकेदार ही बांध में छेद करवा देते हैं ताकि कटाव हो और बाढ़ नियंत्रण के नाम पर पैसों की लूटपाट की जा सके.

जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

"बाढ़ की आधी समस्या तो इंजीनियर और ब्यूरोक्रेट्स की कमाई के लिए खुद किया हुआ है. आप गांव-देहात में चलिये. लोग हमको बता रहे हैं कि भइया जो ठेकेदार है, वही जाकर बांध में छेद करवाता है ताकि कटे. बाढ़ नियंत्रण के नाम पर पैसे आए और उसमें लूट किया जाए."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

क्या है बाढ़ का स्थानीय समाधान?: प्रशांत किशोर ने कहा कि बाढ़ और सूखे के प्रबंधन के लिए हमने रोड मैप तैयार कर लिया है. अगर हमारी सरकार बनी तो हम बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए स्थायी समाधान की दिशा में काम करेंगे. जल्द ही हम अपना विजन डॉक्यूमेंट जारी करेंगे. विजन डॉक्यूमेंट के जरिए सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कई साल पहले ही बाढ़ पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया लेकिन हमारे यहां इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई.

बिहार में बाढ़ से भारी तबाही: इन दिनों बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में है. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुसने लगा है. लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. फिलहाल नेपाल से जल छोड़े जाने के चलते कोसी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. इस बीच कई जगहों से बांध के टूटने की खबर सामने आई है, जिस वजह से लोग ऊंची जगहों पर शरण लेने के लिए मजबूर हैं.

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जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

"बाढ़ की आधी समस्या तो इंजीनियर और ब्यूरोक्रेट्स की कमाई के लिए खुद किया हुआ है. आप गांव-देहात में चलिये. लोग हमको बता रहे हैं कि भइया जो ठेकेदार है, वही जाकर बांध में छेद करवाता है ताकि कटे. बाढ़ नियंत्रण के नाम पर पैसे आए और उसमें लूट किया जाए."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

क्या है बाढ़ का स्थानीय समाधान?: प्रशांत किशोर ने कहा कि बाढ़ और सूखे के प्रबंधन के लिए हमने रोड मैप तैयार कर लिया है. अगर हमारी सरकार बनी तो हम बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए स्थायी समाधान की दिशा में काम करेंगे. जल्द ही हम अपना विजन डॉक्यूमेंट जारी करेंगे. विजन डॉक्यूमेंट के जरिए सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कई साल पहले ही बाढ़ पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया लेकिन हमारे यहां इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई.

बिहार में बाढ़ से भारी तबाही: इन दिनों बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में है. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुसने लगा है. लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. फिलहाल नेपाल से जल छोड़े जाने के चलते कोसी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. इस बीच कई जगहों से बांध के टूटने की खबर सामने आई है, जिस वजह से लोग ऊंची जगहों पर शरण लेने के लिए मजबूर हैं.

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