कुरुक्षेत्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 सितंबर यानी आज धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे. कुरुक्षेत्र में होने वाली इस रैली के लिए पार्टी की तैयारियां जोरों पर हैं. माना जा रहा है कि इस रैली के जरिए पीएम मोदी जीटी रोड बेल्ट के वोट बैंक को साधेंगे. बता दें कि हरियाणा की राजनीति में जीटी रोड बेल्ट का अहम योगदान रहा है.
बीजेपी की जीटी रोड बेल्ट के वोट बैंक पर नजर! पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के प्रचार अभियान की शुरुआत कुरुक्षेत्र से की थी. अब विधानसभा चुनाव में भी पीएम कुरुक्षेत्र से हरियाणा विधानसभा का चुनावी शंखनाद करने जा रहे है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुरुक्षेत्र से चुनाव अभियान की शुरुआत करना इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि ये हरियाणा का जीटी रोड बेल्ट से लगता हुआ जिला है. इस जिले के साथ-साथ जीटी रोड बेल्ट के अन्य जिलों पर भी रैली का प्रभाव पड़ेगा. जिसके चलते प्रधानमंत्री ने अपनी रैली की शुरुआत कुरुक्षेत्र से करने की सोची है.
हरियाणा की राजनीति में जीटी रोड बेल्ट का अहम योगदान: हरियाणा में पिछले दो प्लान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने में जीटी रोड बेल्ट का अहम योगदान रहा है. अगर हरियाणा की राजनीति की बात करें तो जीटी रोड बेल्ट अपना अहम योगदान रखती है. जीटी रोड बेल्ट के तहत करीब 9 जिले आते हैं. इस लिहाज से पीएम मोदी कुरुक्षेत्र में होने वाली रैली के चलते करीब 40% हरियाणा के हिस्से पर प्रभाव डाल सकते हैं.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हुआ नुकसान: जीटी रोड बेल्ट पर लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान हुआ था. इसलिए बीजेपी विधानसभा चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में इस बार नुकसान हुआ है. जीटी रोड बेल्ट पर अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और सोनीपत लोकसभा सीटें आता हैं.
बीजेपी के लिए जीटी रोड बेल्ट कितनी जरूरी? लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र और करनाल सीट पर भारतीय जनता पार्टी को जीत हासिल मिली है, जबकि अंबाला और सोनीपत लोकसभा सीट पर हार मिली है. ऐसे में प्रधानमंत्री लोकसभा चुनाव की गलती को दौराहना नहीं चाहते. जिसके चलते अब वो विधानसभा चुनाव में अपने पार्टी को जीत रोड बेल्ट पर मजबूत करने के लिए यहीं से शुरुआत कर रहे हैं.