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8 साल से क्षतिग्रस्त है नरियाना और मांगोबदर पुल, PM मोदी के आने से लोगों को जीर्णोद्धार की बढ़ी आस - PM Modi Jamui Visit

Damaged Bridge In Jamui: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जमुई दौरे पर हैं. इस दौरान वो वहां के एनडीए प्रत्याशी के लिए रैली करेंगे. पीएम को लेकर लोगों की उम्मीद भी बढ़ गई है. उन्हें आस है कि पीएम की नजर अगर क्षतिग्रस्त पुल पड़ पड़ेगी तो उसका भी जीर्णोद्धार किया जाएगा. आगे पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 4, 2024, 8:26 AM IST

जमुई का नरियाना और मांगोबदर पुल

जमुई: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर पहली बार बिहार के जमुई से शंखनाद करने वाले हैं. एनडीए प्रत्यासी अरूण भारती के समर्थन में चुनावी आम जन सभा को संबोधित करेंगे. जिले के खैरा प्रखंड स्थित बल्लोपुर नरियाना के पास तैयारियों को लेकर प्रशासन, एनडीए और उसके घटक दल दिन-रात एक कर लगे हुए हैं. पिछले कुछ दिनों से पीएम के प्रोग्राम को लेकर पूरी तैयारी की जा रही है.

लोगों को पुल के जीर्णोद्धार की आस
लोगों को पुल के जीर्णोद्धार की आस

8 सालों से क्षतिग्रस्त है पुल: इससे पहले भी पीएम पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से चुनावी शंखनाद कर चुके हैं. एनडीए इस स्थान को 'लकी' मानता है. आज चुनावी सभा में पीएम मंच से विपक्ष पर निशाना साध सकते है, साथ ही मोदी गारंटी की बात करेंगे. इन सबके बीच पीएम जिस नरियाना पुल के पास में चुनावी जनसभा कर रहे है. वो पुल और मांगोबंदर पुल 8 सालों से क्षतिग्रस्त पड़ा है. कोई इसकी सूध लेने वाला नहीं है.

2011 में बना था पुल
2011 में बना था पुल

करोड़ों की लागत से हुआ था निर्माण: स्थानीय लोगों का कहना है कि पीएम मोदी और डबल इंजन की सरकार शायद इस पर नजर पड़ जाऐ तो क्षतिग्रस्त पुल जीर्णोद्धार हो जाएगा. जिले के खैरा सोनो मार्ग पर नरियाना और मांगोबदर पुल का करोड़ों की लागत से निर्माण हुआ था, जो कुछ सालों बाद ही क्षतिग्रस्त हो गया. वर्तमान में पुल की स्थिति ऐसी है कि कोई भी हादसा हो सखता है. जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दुरी पर एनएच 333 पर खैरा और सोनो के बीच स्थित नरियाना और मांगोबंदर पुल अपनी बदहाली की मार रो रहा है.

जर्जर हालत में पुल
जर्जर हालत में पुल

2011 में बना था पुल: मिली जानकारी के अनुसार 2009 में पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 2011 में पुरा हो गया था और कुछ सालों बाद ही पुल क्षतिग्रस्त हो गया. वहीं करोड़ों की लागत से बना पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. पुल के दोनों तरफ प्रशासन की ओर से पक्की दीवार खड़ी कर बेरियर बना दिया गया और पुल के पास में एक बोर्ड लगाकर लिखवा दिया गया कि सावधान पुल क्षतिग्रस्त है. भारी वाहनों का परिचालन बंद है, अब छोटी गाड़िया यहां से पार होती है लेकिन जान जोखिम में डालकर कई लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं.

क्षतिग्रस्त पुल के बनने की उम्मीद
क्षतिग्रस्त पुल के बनने की उम्मीद

पढ़ें-Bihar News: जमुई में बरनार नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त, 4 पिलर धंसने से आवामगन प्रभावित, प्रशासन पर गंभीर आरोप

जमुई का नरियाना और मांगोबदर पुल

जमुई: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर पहली बार बिहार के जमुई से शंखनाद करने वाले हैं. एनडीए प्रत्यासी अरूण भारती के समर्थन में चुनावी आम जन सभा को संबोधित करेंगे. जिले के खैरा प्रखंड स्थित बल्लोपुर नरियाना के पास तैयारियों को लेकर प्रशासन, एनडीए और उसके घटक दल दिन-रात एक कर लगे हुए हैं. पिछले कुछ दिनों से पीएम के प्रोग्राम को लेकर पूरी तैयारी की जा रही है.

लोगों को पुल के जीर्णोद्धार की आस
लोगों को पुल के जीर्णोद्धार की आस

8 सालों से क्षतिग्रस्त है पुल: इससे पहले भी पीएम पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से चुनावी शंखनाद कर चुके हैं. एनडीए इस स्थान को 'लकी' मानता है. आज चुनावी सभा में पीएम मंच से विपक्ष पर निशाना साध सकते है, साथ ही मोदी गारंटी की बात करेंगे. इन सबके बीच पीएम जिस नरियाना पुल के पास में चुनावी जनसभा कर रहे है. वो पुल और मांगोबंदर पुल 8 सालों से क्षतिग्रस्त पड़ा है. कोई इसकी सूध लेने वाला नहीं है.

2011 में बना था पुल
2011 में बना था पुल

करोड़ों की लागत से हुआ था निर्माण: स्थानीय लोगों का कहना है कि पीएम मोदी और डबल इंजन की सरकार शायद इस पर नजर पड़ जाऐ तो क्षतिग्रस्त पुल जीर्णोद्धार हो जाएगा. जिले के खैरा सोनो मार्ग पर नरियाना और मांगोबदर पुल का करोड़ों की लागत से निर्माण हुआ था, जो कुछ सालों बाद ही क्षतिग्रस्त हो गया. वर्तमान में पुल की स्थिति ऐसी है कि कोई भी हादसा हो सखता है. जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दुरी पर एनएच 333 पर खैरा और सोनो के बीच स्थित नरियाना और मांगोबंदर पुल अपनी बदहाली की मार रो रहा है.

जर्जर हालत में पुल
जर्जर हालत में पुल

2011 में बना था पुल: मिली जानकारी के अनुसार 2009 में पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 2011 में पुरा हो गया था और कुछ सालों बाद ही पुल क्षतिग्रस्त हो गया. वहीं करोड़ों की लागत से बना पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. पुल के दोनों तरफ प्रशासन की ओर से पक्की दीवार खड़ी कर बेरियर बना दिया गया और पुल के पास में एक बोर्ड लगाकर लिखवा दिया गया कि सावधान पुल क्षतिग्रस्त है. भारी वाहनों का परिचालन बंद है, अब छोटी गाड़िया यहां से पार होती है लेकिन जान जोखिम में डालकर कई लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं.

क्षतिग्रस्त पुल के बनने की उम्मीद
क्षतिग्रस्त पुल के बनने की उम्मीद

पढ़ें-Bihar News: जमुई में बरनार नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त, 4 पिलर धंसने से आवामगन प्रभावित, प्रशासन पर गंभीर आरोप

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