पलामू: पलामू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भोजपुरी और मगही अवतार निकलकर सामने आया है. दरअसल पलामू के चियांकि हवाई अड्डा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे. प्रधानमंत्री का सुबह 10.37 संबोधन शुरू हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक पकड़ने के साथ ही नीलांबर पीतांबर की धरती पलामू को प्रणाम किया.
उसके बाद भोजपुरी और मगही को मिक्स कर स्थानीय भाषा में कहा 'रउवन सबके प्रणाम, गोड़ लागत ही.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस वाक्य के साथ ही पूरी सभा तालियों से गूंज उठी और जय श्री राम के नारे लगने लगे. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह वाक्य भोजपुरी और मगही को मिलकर बनी है जो पलामू के इलाके में बोली जाती है.
पलामू में बोले जाने वाली इस भाषा को पलमुआ बोली भी कहा जाता है. पहली बार मंच से किसी बड़े नेता ने स्थानीय लोगों को संबोधन के लिए पलमुआ बोली का इस्तेमाल किया है. पलमुआ बोली को भी झारखंड सरकार ने अपनी सूची में शामिल किया है. वरिष्ठ पत्रकार प्रभात सुमन बताते है कि स्थानीय भाषा में संबोधन करना स्थानीय लोगों को काफी प्रभावित करती है.
पलामू के इलाके में भोजपुरी और मगही का प्रभाव है. भारतीय जनता पार्टी के नेता लवली गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जैसे ही स्थानीय भाषा में शब्द बोले लगा कि कोई अपने बीच का आदमी बोल रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के स्थानीय शब्द सुनने के बाद मन गदगद हो गया और लोग उत्साहित हो गए.
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