बाड़मेरः राजस्थान में इन दिनों खेजड़ी को बचाने के लिए बीकानेर जिले में आंदोलन चल रहा है. इस आंदोलन की आग अब बाड़मेर तक पहुंच गई है. सोलर प्लांट कंपनियों द्वारा की जा रही पेड़ों की कटाई के विरोध में सोमवार को पर्यावरण प्रेमियों की ओर से बाड़मेर बंद का आह्वान किया गया. सुबह से ही बाड़मेर में बंद का असर देखने को मिला.
इस दौरान शहर के चौहटन चौराहे से रैली के रूप में बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां पर पर्यावरण प्रेमियों द्वारा विभिन्न मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा गया. बंद के आह्वान को देखते हुए बाड़मेर का बाजार सुबह से ही बंद रहा. बंद के दौरान शहर में जगह-जगह पर पुलिस के जवान तैनात रहे. इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह चांदावत और एएसपी जस्साराम बॉस सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बाजार का निरीक्षण करते हुए नजर आए. वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस की ओर से माकूल बंदोबस्त किए गए. वहीं, दवा विक्रेताओं ने काली पट्टी बांधकर बाड़मेर बंद का समर्थन किया.
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यह है मांगः पर्यावरण जीवरक्षा संस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि प्रदेश में सोलर प्लांट लग रहे हैं और कंपनियों द्वारा पेड़ो की कटाई करवाई जा रही है. उन्होंने बताया कि पेड़ों कटाई को रोकने और ट्री प्रोटेक्शन एक्ट में संशोधन करने की मांग को लेकर बाड़मेर बंद रहा. इसके अलावा बीकानेर के खेजड़ली गांव में पिछले 7 माह से धरना चल रहा है. उन्होंने कहा कि वे सरकार से खेजड़ी के पेड़ों को बचाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार ने सुनवाई नही की है. ऐसे में हम आंदोलन का समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए खेजड़ी समेत पेड़-पौधों और जंगली पशु-पक्षियों को बचाना जरूरी है. इसके लिए बाड़मेर बंद रहा है. उन्होंने बताया कि चौहटन चौराहे से रैली के रूप में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. इसमें पेड़ों की कटाई को रोकने और कानून में संशोधन करने की मांग सरकार से की गई है.