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गोपालगंज में लोगों ने किया मतदान का बहिष्कार, 'बांध की मरम्मती नहीं, तो वोट नहीं' के लगाए पोस्टर - Loksabha Election 2024

People Boycott Voting In Gopalganj: गोपालगंज में छठे चरण में मतदान होना है. इसे लेकर सांसद के पंचायत के ग्रामीणों ने वोटिंग का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि बांध की मरम्मती नहीं, तो वोट नहीं मिलेगा. आगे पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 27, 2024, 3:33 PM IST

गोपालगंज में मतदान का विरोध

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले के सदर प्रखंड के मशान थाना पंचायत के ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. इसको लेकर जगह-जगह पोस्टर लगाकर कर नेताओं के खिलाफ गुस्से का इजहार किया जा रहा है. मशान थाना पंचायत के दर्जनों गांव के हजारों की आबादी का आवागमन एक मात्र सारण तटबंध से होता है. जो पिछले कई सालों से जर्जर हालत में पड़ा हुआ है.

ब्रिटिश काल में बने तटबंध की नहीं हुई मरम्मती: दरअसल यहां छठे चरण में 25 मई को मतदान होने वाले है, ऐसे में नेताओं द्वारा मतदाता से अपने पक्ष में मतदान कराने को लेकर कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहें है, जबकि जिला प्रशासन द्वारा मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. हालांकि मतदाता अपने प्रतिनिधि से पांच साल का हिसाब मांग रहे हैं. इस संदर्भ मे पंचायत के सरपंच कामेश्वर राव ने बताया कि गंडक नदी की विभीषिका को रोकने के लिए ब्रिटिश काल में सारण तटबंध का निर्माण कराया गया था, निर्माण के बाद तटबंध की मरमत आज तक नहीं हो सकी है.

गोपालगंज में मतदान का विरोध
गोपालगंज में मतदान का विरोध

सांसद के पंचायत में उनका विरोध: जबकि यह निवर्तमान सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन का पंचायत है लेकिन उनके ही पंचायत में उनका विरोध शुरू हो गया है. कई सालों से उपेक्षित सारण तटबंध जिसके माध्यम से रोजाना छह हजार से ज्यादा की आबादी का आवागमन होता है, उस तटबंध की मरम्मती नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने जगह-जगह पोस्टर लगाकर वोट नहीं देने और बहिष्कार करने का ऐलान किया है. ग्रामीणों ने बताया कि सांसद पिछले 5 साल से जीतने के बाद एक बार भी अपने पंचायत नहीं आए हैं, अगर सांसद अपने पंचायत आए होते तो इस इस पंचायत की समस्याओं पर उनका ध्यान जरूर गया होता.

"चुनाव के वक्त नेताजी आते हैं और वादें करके चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं.तटबंध की दुर्दशा को प्रत्येक साल बाढ़ आने पर जिला पदाधिकारी के द्वारा इलाके के भ्रमण के दौरान देखा जाता है लेकिन कोई भी अधिकारी का ध्यान इस टूटे हुए जर्जर सड़क के तरफ नहीं देखता है. इस सड़क से दर्जनों गांव के स्कूली बच्चे साइकिल बाइक और चार पहिया वाहन से आवागमन करते हैं लेकिन जर्जर सड़क के कारण कम समय की दूरी में काफी ज्यादा समय लग जाता है."-कामेश्वर राव, ग्रामीण

गोपालगंज में मतदान का विरोध
गोपालगंज में मतदान का विरोध

पढ़ें-निवर्तमान सांसद से नाराज हैं छात्र, बोले- 'किए गए वादे नहीं हुए पूरे, हर चुनाव में बनाया जाता है यूनिवर्सिटी को मुद्दा' - Loksabha Election 2024

गोपालगंज में मतदान का विरोध

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले के सदर प्रखंड के मशान थाना पंचायत के ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. इसको लेकर जगह-जगह पोस्टर लगाकर कर नेताओं के खिलाफ गुस्से का इजहार किया जा रहा है. मशान थाना पंचायत के दर्जनों गांव के हजारों की आबादी का आवागमन एक मात्र सारण तटबंध से होता है. जो पिछले कई सालों से जर्जर हालत में पड़ा हुआ है.

ब्रिटिश काल में बने तटबंध की नहीं हुई मरम्मती: दरअसल यहां छठे चरण में 25 मई को मतदान होने वाले है, ऐसे में नेताओं द्वारा मतदाता से अपने पक्ष में मतदान कराने को लेकर कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहें है, जबकि जिला प्रशासन द्वारा मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. हालांकि मतदाता अपने प्रतिनिधि से पांच साल का हिसाब मांग रहे हैं. इस संदर्भ मे पंचायत के सरपंच कामेश्वर राव ने बताया कि गंडक नदी की विभीषिका को रोकने के लिए ब्रिटिश काल में सारण तटबंध का निर्माण कराया गया था, निर्माण के बाद तटबंध की मरमत आज तक नहीं हो सकी है.

गोपालगंज में मतदान का विरोध
गोपालगंज में मतदान का विरोध

सांसद के पंचायत में उनका विरोध: जबकि यह निवर्तमान सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन का पंचायत है लेकिन उनके ही पंचायत में उनका विरोध शुरू हो गया है. कई सालों से उपेक्षित सारण तटबंध जिसके माध्यम से रोजाना छह हजार से ज्यादा की आबादी का आवागमन होता है, उस तटबंध की मरम्मती नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने जगह-जगह पोस्टर लगाकर वोट नहीं देने और बहिष्कार करने का ऐलान किया है. ग्रामीणों ने बताया कि सांसद पिछले 5 साल से जीतने के बाद एक बार भी अपने पंचायत नहीं आए हैं, अगर सांसद अपने पंचायत आए होते तो इस इस पंचायत की समस्याओं पर उनका ध्यान जरूर गया होता.

"चुनाव के वक्त नेताजी आते हैं और वादें करके चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं.तटबंध की दुर्दशा को प्रत्येक साल बाढ़ आने पर जिला पदाधिकारी के द्वारा इलाके के भ्रमण के दौरान देखा जाता है लेकिन कोई भी अधिकारी का ध्यान इस टूटे हुए जर्जर सड़क के तरफ नहीं देखता है. इस सड़क से दर्जनों गांव के स्कूली बच्चे साइकिल बाइक और चार पहिया वाहन से आवागमन करते हैं लेकिन जर्जर सड़क के कारण कम समय की दूरी में काफी ज्यादा समय लग जाता है."-कामेश्वर राव, ग्रामीण

गोपालगंज में मतदान का विरोध
गोपालगंज में मतदान का विरोध

पढ़ें-निवर्तमान सांसद से नाराज हैं छात्र, बोले- 'किए गए वादे नहीं हुए पूरे, हर चुनाव में बनाया जाता है यूनिवर्सिटी को मुद्दा' - Loksabha Election 2024

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