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शराब के साथ बरामद कैश की जब्ती नहीं कर सकती पुलिस, पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला - PATNA HIGH COURT

पटना हाईकोर्ट ने शराबबंदी कानून से संबंधित एक तीन साल पुराने मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने नकदी जब्ती को अवैध करार दिया.

liquor ban in bihar
पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 7, 2024, 1:48 PM IST

पटना: हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई को गलत करार देते हुए जहानाबाद कोर्ट के उस निर्णय की आलोचना की है, जिसमें उसने आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया था. आरोपी के घर से पुलिस ने शराब और कैश बरामद किया था. आरोपी ने पुलिस द्वारा जब्त सवा दो लाख कैश वापस करने की अपील की थी.

'शराबबंदी के तहत बरामद राशि नहीं होगी जब्त': याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत नकद जब्ती नहीं की जा सकती है. साथ ही शराबबंदी कानून में इस बात पर भी चुप्पी है कि नकदी, आरोपी को वापस दी जानी चाहिए या नहीं. इस मामले में कोर्ट से स्पष्ट दिशा-निर्देश की दरकार है.

पटना हाईकोर्ट ने क्या कहा?: वहीं जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने बृजलाल यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून की धारा 58 के तहत शराबबंदी के तहत बरामद राशि को जब्त नहीं किया जा सकता है. शराबबंदी की धारा 58 के तहत नकद राशि जब्त करने वाला अधिकारी अपराध के आरोपी व्यक्ति के पास से नकद राशि बरामद करता है. तो उसे इसकी जब्ती दा अधिकार नहीं है.

जहानाबाद के DM को धनराशि लौटाने का निर्देश: कोर्ट ने कहा कि उसे (अधिकारी) ये धनराशि या रुपये जब्त करने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने जहानाबाद जिले के काको थाना में दर्ज मामले में जब्त लगभग सवा दो लाख रुपए याचिकाकर्ता को वापस करने का आदेश दिया है. जहानाबाद के जिलाधिकारी को कोर्ट ने आदेश प्राप्ति के बाद जमानत बांड ले कर धनराशि वापस करने का निर्देश दिया.

क्या था मामला?: पूरा मामला जहानाबाद के टिकुलिया गांव का है, जहां के रहने वाले 55 साल के बृजलाल यादव के घर पर 12 दिसंबर 2021 को काको थाने की पुलिस ने छापा मारा था. इस रेड में उनके घर से कथित तौर पर शराब और नकद सवा दो लाख रुपये जब्त किए गए थे. कैश की वापसी के लिए वह जिला मजिस्ट्रेट, जहानाबाद एसपी से लेकर कोर्ट तक के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन उनको कोई राहत नहीं मिली.

क्या कहता है शराबबंदी कानून: बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम में उल्लेखनीय है कि इस अधिनियम के अधीन किसी परिसर में कोई अपराध (शराब से संबंधित) होता हो या किया गया हो, तो अधिनियम की धारा 73 के अंतर्गत कोई पदाधिकारी तुरंत परिसर को सील कर सकता है.

कानून में लिखा गया है कि यदि किसी वाहन से शराब की बरामदगी होती है, तो उस वाहन को जब्त किया जाएगा. कानून के अनुसार शराब भरी बोतल, शराब बनाने में उपयोग किया गया उपकरण आदि जब्त करने का अधिकार पुलिस को है. लेकिन कानून में कहीं भी नकदी जब्त करने को लेकर कोई जिक्र नहीं है.

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पटना: हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई को गलत करार देते हुए जहानाबाद कोर्ट के उस निर्णय की आलोचना की है, जिसमें उसने आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया था. आरोपी के घर से पुलिस ने शराब और कैश बरामद किया था. आरोपी ने पुलिस द्वारा जब्त सवा दो लाख कैश वापस करने की अपील की थी.

'शराबबंदी के तहत बरामद राशि नहीं होगी जब्त': याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत नकद जब्ती नहीं की जा सकती है. साथ ही शराबबंदी कानून में इस बात पर भी चुप्पी है कि नकदी, आरोपी को वापस दी जानी चाहिए या नहीं. इस मामले में कोर्ट से स्पष्ट दिशा-निर्देश की दरकार है.

पटना हाईकोर्ट ने क्या कहा?: वहीं जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने बृजलाल यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून की धारा 58 के तहत शराबबंदी के तहत बरामद राशि को जब्त नहीं किया जा सकता है. शराबबंदी की धारा 58 के तहत नकद राशि जब्त करने वाला अधिकारी अपराध के आरोपी व्यक्ति के पास से नकद राशि बरामद करता है. तो उसे इसकी जब्ती दा अधिकार नहीं है.

जहानाबाद के DM को धनराशि लौटाने का निर्देश: कोर्ट ने कहा कि उसे (अधिकारी) ये धनराशि या रुपये जब्त करने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने जहानाबाद जिले के काको थाना में दर्ज मामले में जब्त लगभग सवा दो लाख रुपए याचिकाकर्ता को वापस करने का आदेश दिया है. जहानाबाद के जिलाधिकारी को कोर्ट ने आदेश प्राप्ति के बाद जमानत बांड ले कर धनराशि वापस करने का निर्देश दिया.

क्या था मामला?: पूरा मामला जहानाबाद के टिकुलिया गांव का है, जहां के रहने वाले 55 साल के बृजलाल यादव के घर पर 12 दिसंबर 2021 को काको थाने की पुलिस ने छापा मारा था. इस रेड में उनके घर से कथित तौर पर शराब और नकद सवा दो लाख रुपये जब्त किए गए थे. कैश की वापसी के लिए वह जिला मजिस्ट्रेट, जहानाबाद एसपी से लेकर कोर्ट तक के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन उनको कोई राहत नहीं मिली.

क्या कहता है शराबबंदी कानून: बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम में उल्लेखनीय है कि इस अधिनियम के अधीन किसी परिसर में कोई अपराध (शराब से संबंधित) होता हो या किया गया हो, तो अधिनियम की धारा 73 के अंतर्गत कोई पदाधिकारी तुरंत परिसर को सील कर सकता है.

कानून में लिखा गया है कि यदि किसी वाहन से शराब की बरामदगी होती है, तो उस वाहन को जब्त किया जाएगा. कानून के अनुसार शराब भरी बोतल, शराब बनाने में उपयोग किया गया उपकरण आदि जब्त करने का अधिकार पुलिस को है. लेकिन कानून में कहीं भी नकदी जब्त करने को लेकर कोई जिक्र नहीं है.

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