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HC ने गायघाट ऑप्टर केयर होम मामले में सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए दी दो सप्ताह की मोहलत

Patna High Court : गायघाट ऑप्टर केयर होम मामले में पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 19, 2024, 3:42 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट में पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना पर सुनवाई हुई. मामले पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है.

राज्य में कितने आफ्टर केयर और शेल्टर होम? : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को राज्य के आफ्टर केयर होम और शेल्टर होम की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने को कहा था कि राज्य में इनकी कितनी संख्या है. इसमें कितने लड़के और कितनी लड़कियों के लिए है. इसकी जानकारी दी जाए.

आफ्टर केयर और शेल्टर होम का संचान कौन करता है? : साथ ही कोर्ट ने ये भी बताने को कहा था कि ये आफ्टर केयर होम व शेल्टर होम सरकार चलाती है या स्वयंसेवी संस्थायें चलाती हैं. वरीय अधिवक्ता आलमदार हुसैन ने कोर्ट को बताया कि इन मामलों की जांच सही तरीके से नहीं हो रही है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद इन मामलों की कार्रवाई मैजिस्ट्रेट के समक्ष होती है.

दो सप्ताह बाद अगली सुनवाई : हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया था. कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन थे, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य के रूप में थे. इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद की जाएगी. अब उस दिन कोर्ट क्या कहती है इसपर निगाह टिकी रहेगी.

पटना : पटना हाईकोर्ट में पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना पर सुनवाई हुई. मामले पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है.

राज्य में कितने आफ्टर केयर और शेल्टर होम? : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को राज्य के आफ्टर केयर होम और शेल्टर होम की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने को कहा था कि राज्य में इनकी कितनी संख्या है. इसमें कितने लड़के और कितनी लड़कियों के लिए है. इसकी जानकारी दी जाए.

आफ्टर केयर और शेल्टर होम का संचान कौन करता है? : साथ ही कोर्ट ने ये भी बताने को कहा था कि ये आफ्टर केयर होम व शेल्टर होम सरकार चलाती है या स्वयंसेवी संस्थायें चलाती हैं. वरीय अधिवक्ता आलमदार हुसैन ने कोर्ट को बताया कि इन मामलों की जांच सही तरीके से नहीं हो रही है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद इन मामलों की कार्रवाई मैजिस्ट्रेट के समक्ष होती है.

दो सप्ताह बाद अगली सुनवाई : हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया था. कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन थे, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य के रूप में थे. इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद की जाएगी. अब उस दिन कोर्ट क्या कहती है इसपर निगाह टिकी रहेगी.

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