पटना: गंगा नदी रौद्र रूप अख्तियार कर ली है. पटना में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. पटनावासियों को गंगा डराने लगी है. गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे आसपास के इलाकों में पानी भर गया है. गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से दीघा और गांधी घाट पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. बाढ़ की स्थिति के चलते लोग पलायन के लिए मजबूर हैं.
पटना में गंगा का जलस्तर बढ़ा: राजधानी पटना के दीघा घाट में जलस्तर का उच्चतम स्तर 52.52 दर्ज किया गया है तो निम्नतम स्तर 52.45 दर्ज किया गया है. गांधी घाट की अगर बात कर ले तो गांधी घाट में जल स्तर का उच्चतम लेवल 50.52 है, जबकि न्यूनतम स्तर 48.60 दर्ज किया गया है. पटना के ज्यादातर घाटों पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है.
पलायन करने लगे हैं लोग: गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए लोग पलायन करने लगे हैं. गंगा के कछार पर बसे इलाके जलमग्न हो चुके हैं पटना के बिना टोली जलमग्न है नकटा दियारा इलाका पूरी तरह डूब चुका है तो गायघाट इलाके में भी कई मोहल्ले जलमग्न है. लोग बाग अपने घर छोड़कर अलग-अलग जगह पर शरण ले रखे
"पिछले कई सालों में हम लोगों ने ऐसी स्थिति नहीं देखी थी. पिछले कई दिनों से गंगा खतरे के निशान से ऊपर है और लोगों की चिंता भी बढ़ गई है."- स्थानीय
तमाम सीढ़ियां है जलमग्न: राजधानी पटना के कालीघाट की स्थिति भयावह है. इतना ही नहीं पटना के गंगा घाटों की लगभग सभी सीढ़ियां तक डूब चुकी हैं. वहां पूजा अर्चना करना लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है. कई जगहों पर गंगा पाथवे भी जलमग्न हो चुका है. मरीन ड्राइव के डूबे दिख रहे हैं.
सड़क पर बह रहा पानीः पटना के भद्रघाट पर सड़क पर भी पानी आ चुका है. हालांकि, इस सड़क के माध्यम से लोग अभी भी आ जा रहे हैं. सड़क पर गंगा नदी का पानी बह रहा है. सड़क पर बह रहे पानी के बीच आवागमन से हादसे की आशंका बनी रहती है. प्रशासन ने सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किये हैं. लोग, जान हथेली पर लेकर सड़क मार्ग से गुजर रहे हैं.
गंगा और सोन नदी में उफान: बता दें कि लगातार बारिश होने के बाद गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है. वहीं नेपाल से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. गंगा और सोन नदी उफान पर है कई छोटी-बड़ी नदियां अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. अमूमन पहाड़ी और पथरी इलाकों में भारी बारिश होने के बाद हर छोटी बड़ी नदियां अपने खतरे से निशान से ऊपर होने के बाद गंगा में समाहित हो जाती हैं. इसी वजह से बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ने लगता है.
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