पन्ना। पन्ना जिले में 300 करोड़ की लागत से बन रहे रुंझ बांध मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य एक साल से बंद है. मुआवजा राशि की विसंगतियों व ग्रामीणों के विरोध के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका. 100 से अधिक परिवार मुआवजा राशि की मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं. लेकिन अब प्रशासन ने फिर से बांध का काम शुरू करने की तैयारी की है. अब जब बिना भुगतान के ही प्रभावित परिवारों को हटाया जाने लगा तो ग्रामीण सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए. प्रशासन व पुलिस की टीम की परवाह किए बगैर इन परिवारों की महिलाएं और बच्चे मशीनों के नीचे घुस गए.
जमीन के हिसाब से मुआवजा मांग रहे किसान
प्रभावितों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा कई बार समन्वय बैठक की गई और सूची तैयार की गई. प्रशासन ने जमीन के हिसाब से राशि देने का आश्वासन दिया. इस पर सभी सहमत हो गए. इसके बाद भी बिना मुआवजा राशि के ही हटाने का प्रयास किया गया. ग्रामीणों ने बताया कि हमारा कहीं और मकान, जमीन या कोई और व्यवसाय नहीं है. जिससे यहां से हटने के बाद हम पूरी तरह से बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे. ऐसे में परिवार का गुजारा कैसे करेंगे. इसलिए यहां से हटने से पहले हमें अपना मुआवजा राशि चाहिए. लेकिन प्रशासन तानाशाही पूर्वक जबरन हटाना चाहता है.
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ग्रामीणों ने लगया प्रशासन पर धमकाने का आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि 10 अप्रैल को दोपहर लगभग 2 बजे अजयगढ़ एसडीएम कुशल सिंह गौतम, तहसीलदार सुरेंद्र कुमार अहिरवार, राजस्व टीम के साथ रुंझ बांध पहुंचे और रुका हुआ काम चालू करवाने लगे. भनक लगते ही सैकड़ों की संख्या में महिलाओं, बच्चों, युवाओं व बुजुर्गों ने प्लांट को घेर कर काम रुकवा दिया. अधिकारियों ने एसडीओपी राजीव सिंह भदोरिया, थाना प्रभारी बखत सिंह सहित भारी पुलिस बल को बुला लिया और काम चालू नहीं करने देने की स्थिति में ग्रामीणों जेल भेजने की धमकी दी, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि चाहे हमें जेल भेज दो या गोली मार दो, लेकिन हम बिना मुआवजा के नहीं हटेंगे.