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मिलिए बनारस के इस योगी से...जिनकी घंटों शंख बजाने की साधना के मोदी से लेकर शाह तक दीवाने, योग की ताकत ने बना दिया आम आदमी से योगी - Shankh Player Of Varanasi

बनारस के 69 वर्षीय रामजन्म योगी घंटों शंख बजाने का माद्दा रखते हैं, योग की ताकत ने 8 साल की उम्र में ही आम आदमी को योगी बना दिया.इनकी इस अनोखी प्रतिभा का हर कोई मुरीद है.

आठ साल की उम्र से शंख बजा रहे रामजन्म योगी
आठ साल की उम्र से शंख बजा रहे रामजन्म योगी (PHOTO Credits ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 19, 2024, 4:31 PM IST

Updated : Jun 19, 2024, 4:51 PM IST

रामजन्म योगी बिना सांस रोके घंटों बजा सकते शंख (Video Credits ETV BHARAT)

वाराणसी: भारत के योग की ताकत को दुनिया ने लोहा माना है. यही वजह है कि, 21 जून को हर साल विश्व योग दिवस के रूप में पूरी दुनिया योग का डंका बजता है. देश में ऋषि मुनियों के समय से ऐसे ऐसे योग साधक मौजूद रहे हैं. जिनकी साधना को देखकर हर कोई दंग रह जाता है. ऐसे लोगों ने हर किसी को अपनी योग की शक्ति से आश्चर्यचकित कर दिया. ऐसी ही योग की ताकत के साथ लोगों को अचरज में डालने वाले बनारस के 69 साल के रामजन्म योगी भी हर किसी के आगे योग की उस ताकत को प्रदर्शित करते हैं, जिसे देखकर और सुनकर हर कोई अचरज में पड़ जाता है. रामजन्म योगी शंखनाद के उस अद्भुत कला को जीवित रखने वाले शख्स हैंं, जिसको आम जन कुछ सेकंड में ही खत्म कर देते हैं. सांस पर नियंत्रण के बल पर शंख को बजाने की यह अद्भुत क्रिया को रामजन्म योगी इस उम्र में भी निभा रहे हैं. आधे घंटे से ज्यादा समय तक एक लगातार शंखनाद की यह ताकत रामजन्म योगी को औरों से अलग बनाती है.

वाराणसी के रामजन्म योगी को एक दो मिनट नहीं बल्कि आधा घंटे तक लगातार शंखनाद करने में महारत हासिल है. उनकी इस कला की तारीफ पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई नामचीन हस्तियां कर चुकी हैं. बनारस के चौबेपुर इलाके के निवासी रामजन्म योगी योग क्रिया के बल पर कई साल से शंखनाद का अद्भुत काम कर रहे हैं. जिसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है. रामजन्म योगी 5 मिनट 10 मिनट 15 मिनट और आधे घंटे तक बिना सांस तोड़े लगातार शंखनाद करते हैं.

दरअसल 69 वर्षीय रामजन्म योगी जब 8 साल के थे तभी वह कुछ अलग करना चाहते थे. उनके घर के बाहर मौजूद हनुमान मंदिर में उन्होंने 8 वर्ष की अवस्था से शंखनाद करना शुरू किया. धीरे-धीरे शंख बजाते हुए योग की क्रिया के जरिए उन्होंने अपने श्वसन प्रणाली पर नियंत्रण करना शुरू किया. प्राणायाम सहित अन्य अलग-अलग क्रियाओं के जरिए उन्होंने सांस खींचना, सांस छोड़ना और सांस रोकना तीनों क्रियाओं को एक साथ संचालित करना सीख लिया.

रामजन्म योगी का कहना है कि, योग में वर्णित कुंभक, रेचक और पूरक क्रिया के जरिए वह शंख बजाते हुए ही बिना शंख की ध्वनि को किसी तरह से भी प्रभावित किए श्वसन प्रणाली को मजबूत करते हुए सांस लेते भी हैं और उसे रोककर भी रखते हैं. जिसकी वजह से शंखनाद की लय नहीं टूटती. ऐसे में लगातार आधे घंटे या फिर जितनी देर तक लोग चाहे उतनी देर तक शंख बजा सकते हैं.

योगी ने बनारस के बड़े धार्मिक आयोजनों से लेकर बड़ी हस्तियों के बनारस दौरे पर भी शंखनाद किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेशों से आए दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष इमैनुएल मैक्रों, जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे सहित कई अन्य राजनीतिक हस्तियों समेत देश के बड़े उद्योगपतियों के सामने भी रामजन्म योगी शंखनाद कर हर किसी को आश्चर्यचकित कर चुके हैं.

शंखनाद के साधक रामजन्म योगी के इस साधना को विश्व रिकॉर्ड के लिए दर्ज कराने की कोशिश उनके चाहने वालों ने कई बार की. लेकिन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने रामजन्म योगी को अपने जैसे कम से कम 2 अन्य लोगों को तलाशने के लिए कहा, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी अब तक कोई ऐसा शंख वादक नहीं मिला जो लगातार पांच से 10 मिनट तक भी शंख बजा सकें. यही वजह है कि उनके प्रयास अब तक गिनीज बुक में दर्ज होने के लिए जारी हैं.

ये भी पढ़ें: बनारस के रामजन्म योगी के शंखनाद का हर कोई कायल, जानिए क्या है खासियत

रामजन्म योगी बिना सांस रोके घंटों बजा सकते शंख (Video Credits ETV BHARAT)

वाराणसी: भारत के योग की ताकत को दुनिया ने लोहा माना है. यही वजह है कि, 21 जून को हर साल विश्व योग दिवस के रूप में पूरी दुनिया योग का डंका बजता है. देश में ऋषि मुनियों के समय से ऐसे ऐसे योग साधक मौजूद रहे हैं. जिनकी साधना को देखकर हर कोई दंग रह जाता है. ऐसे लोगों ने हर किसी को अपनी योग की शक्ति से आश्चर्यचकित कर दिया. ऐसी ही योग की ताकत के साथ लोगों को अचरज में डालने वाले बनारस के 69 साल के रामजन्म योगी भी हर किसी के आगे योग की उस ताकत को प्रदर्शित करते हैं, जिसे देखकर और सुनकर हर कोई अचरज में पड़ जाता है. रामजन्म योगी शंखनाद के उस अद्भुत कला को जीवित रखने वाले शख्स हैंं, जिसको आम जन कुछ सेकंड में ही खत्म कर देते हैं. सांस पर नियंत्रण के बल पर शंख को बजाने की यह अद्भुत क्रिया को रामजन्म योगी इस उम्र में भी निभा रहे हैं. आधे घंटे से ज्यादा समय तक एक लगातार शंखनाद की यह ताकत रामजन्म योगी को औरों से अलग बनाती है.

वाराणसी के रामजन्म योगी को एक दो मिनट नहीं बल्कि आधा घंटे तक लगातार शंखनाद करने में महारत हासिल है. उनकी इस कला की तारीफ पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई नामचीन हस्तियां कर चुकी हैं. बनारस के चौबेपुर इलाके के निवासी रामजन्म योगी योग क्रिया के बल पर कई साल से शंखनाद का अद्भुत काम कर रहे हैं. जिसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है. रामजन्म योगी 5 मिनट 10 मिनट 15 मिनट और आधे घंटे तक बिना सांस तोड़े लगातार शंखनाद करते हैं.

दरअसल 69 वर्षीय रामजन्म योगी जब 8 साल के थे तभी वह कुछ अलग करना चाहते थे. उनके घर के बाहर मौजूद हनुमान मंदिर में उन्होंने 8 वर्ष की अवस्था से शंखनाद करना शुरू किया. धीरे-धीरे शंख बजाते हुए योग की क्रिया के जरिए उन्होंने अपने श्वसन प्रणाली पर नियंत्रण करना शुरू किया. प्राणायाम सहित अन्य अलग-अलग क्रियाओं के जरिए उन्होंने सांस खींचना, सांस छोड़ना और सांस रोकना तीनों क्रियाओं को एक साथ संचालित करना सीख लिया.

रामजन्म योगी का कहना है कि, योग में वर्णित कुंभक, रेचक और पूरक क्रिया के जरिए वह शंख बजाते हुए ही बिना शंख की ध्वनि को किसी तरह से भी प्रभावित किए श्वसन प्रणाली को मजबूत करते हुए सांस लेते भी हैं और उसे रोककर भी रखते हैं. जिसकी वजह से शंखनाद की लय नहीं टूटती. ऐसे में लगातार आधे घंटे या फिर जितनी देर तक लोग चाहे उतनी देर तक शंख बजा सकते हैं.

योगी ने बनारस के बड़े धार्मिक आयोजनों से लेकर बड़ी हस्तियों के बनारस दौरे पर भी शंखनाद किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेशों से आए दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष इमैनुएल मैक्रों, जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे सहित कई अन्य राजनीतिक हस्तियों समेत देश के बड़े उद्योगपतियों के सामने भी रामजन्म योगी शंखनाद कर हर किसी को आश्चर्यचकित कर चुके हैं.

शंखनाद के साधक रामजन्म योगी के इस साधना को विश्व रिकॉर्ड के लिए दर्ज कराने की कोशिश उनके चाहने वालों ने कई बार की. लेकिन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने रामजन्म योगी को अपने जैसे कम से कम 2 अन्य लोगों को तलाशने के लिए कहा, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी अब तक कोई ऐसा शंख वादक नहीं मिला जो लगातार पांच से 10 मिनट तक भी शंख बजा सकें. यही वजह है कि उनके प्रयास अब तक गिनीज बुक में दर्ज होने के लिए जारी हैं.

ये भी पढ़ें: बनारस के रामजन्म योगी के शंखनाद का हर कोई कायल, जानिए क्या है खासियत

Last Updated : Jun 19, 2024, 4:51 PM IST
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