श्रीनगर: बेस चिकित्सालय में सप्ताह के हर शुक्रवार को इनफर्टिलिटी ओपीडी लगेगी. जिसमें बांझपन की समस्याओं से जूझ रही महिलाओं के साथ ही पुरुषों का इलाज किया जायेगा. जिसका फायदा उन लोगों को मिलेगा जो गरीबी के कारण बांझपन का इलाज नहीं करा पाते हैं. बेस चिकित्सालय पूरे गढ़वाल क्षेत्र में इस तरह की इनफर्टिलिटी का आधुनिक इलाज देने वाला पहला अस्पताल बनेगा. जिसके लिए गायनी विभाग के पास ओपीडी कक्ष के साथ अल्ट्रासाउंड सहित अन्य सुविधा लगा दी गई है.
बेस चिकित्सालय के गायनी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीप्ति शर्मा द्वारा इनफर्टिलिटी यूनिट का संचालन किया जायेगा. डॉ. दीप्ति शर्मा ने बताया कि निसंतान दंपति की गोद भरने की चाहत पूरी हो इसके लिए बेस चिकित्सालय में अब इलाज शुरू किया जायेगा. ऐसे दंपति शुक्रवार को ओपीडी में पहुंचकर सलाह पाकर सटीक इलाज करा सकते हैं. इसमें महिला और पुरुष दोनों का इलाज, जांच सहित अन्य काउंसलिंग की जाएगी. महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शर्मा ने बताया इस तरह की ओपीडी बेस चिकित्सालय में लगने से बांझपन की समस्या से जूझ रही महिलाओं को आसानी से इलाज की सुविधा मिल पाएगी.
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बता दें कि बांझपन के इलाज के लिए इस तरह की कोई सुविधा अभी तक गढ़वाल क्षेत्र में नहीं थी, जिसको देखते हुए बेस चिकित्सालय में अब इनफर्टिलिटी ओपीडी की शुरुआत की जा रही है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने बताया कि ओपीडी की शुरुआत होने से निसंतान दंपतियों को यहां इलाज की सुविधा मिलेगी. जिससे लोगों को शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा. डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रयासों से तमाम चिकित्सकीय सुविधाएं एक छत के नीचे दिये जाने हेतु इनफर्टिलिटी ओपीडी की शुरुआत करना एक अच्छी पहल है. इससे लोगों को लाभ मिलेगा.