देहरादून: उत्तराखंड के उधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले में बड़े स्तर पर गन्ने की खेती होती है. वर्तमान सत्र में गन्ने के बीज '0238' रेड रौट में फंग्स लगने की वजह से फसल प्रभावित हुई है. जिसको देखते हुए गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सोमवार को विधानसभा में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान गन्ने की फसल को रेड रौट रोग से हुए नुकसान और विभाग की ओर से किये गये सुरक्षा उपायों पर चर्चा की गई. इस दौरान गन्ना मंत्री ने चयनित 70 गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र भी सौंपा.
गन्ना विकास मंत्री ने कहा बहुत समय से गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों उद्यमसिंह नगर और हरिद्वार में गन्ना पर्यवेक्षकों की कमी देखी जा रही थी. जिसको देखते हुए गन्ना विकास विभाग में सोमवार को 70 गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंप दिया है. मंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद करते हुए कहा कि गन्ना पर्यवेक्षकों के पदों को भरे जाने के बाद गन्ना विकास विभाग के कार्यों को करने में तेजी आयेगी साथ ही अनेक सरकारी योजनाओं का लाभ भी किसानों को समय पर मिल पायेगा.
गन्ना मंत्री ने कहा काशीपुर, नादेही और बाजपुर में रेड रौट फंग्स के कारण गन्ने की फसल को काफी अधिक नुकसान हुआ है. जिसका असर नादेही, बाजपुर और हरिद्वार स्थित कुछ चीनी मिलों पर भी देखा जा रहा है. जिसके चलते बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि आगामी सत्र को देखते हुए बेहतर बीज वितरण और किसानों को रेड रौट फंग्स के बारे में जागरुक करने के लिए काम करें. उत्तराखण्ड में गन्ना किसानों द्वारा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला गन्ने का बीज '0238' रेड रौट फंग्स से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है.
ऐसे में गन्ने के बीज ’0238’ को रिप्लेस करने, क्रॉप रोटेशन और किसानों को बेहतर बीज उपलब्ध कराने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. रेड रौट फंग्स की रोकथाम के लिए पन्तनगर विवि की ओर से गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों का सर्वे कराया गया है. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही किसानों को उत्तम बीज उपलब्ध कराये जाएंगे. इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा गन्ना की एमएसपी तय किए जाने को लेकर एक कमेटी गठित की गई है. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद गन्ना मूल्य वृद्धि पर निर्णय लिया जाएगा.
पढे़ं- प्रदेशभर में 70 नए गौ सदन बनाने जा रही धामी सरकार, पशुपालन पर दे रही जोर