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'भारत गौरव पुरस्कार' से नवाजे गए पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली, पद्मश्री ज्योति माता मंजूम ने किया सम्मानित - BHARAT GAURAV SAMMAN

पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली को कर्नाटक में 'भारत गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया. सम्मानित होने पर सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी.

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'भारत गौरव पुरस्कार' से नवाजे गए पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली (PHOTO- देवराघवेंद्र बद्री)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 9, 2025, 6:18 PM IST

रुद्रप्रयाग: कर्नाटक के सेडम में आयोजित 'भारत गौरव पुरस्कार' समोराह में उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली को उनकी पर्यावरण की पाठशाला के लिए 'भारत सेवा संगम संस्था' ने 'भारत गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया. भारत की जानी-मानी कर्नाड की पद्मश्री ज्योति माता मंजूम ने यह पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया. उनके साथ देश के विभिन्न राज्यों से आए अलग-अलग क्षेत्र में कार्य कर रहे लगभग 100 हस्तियों को 'भारत गौरव पुरस्कार' से नवाजा गया.

कर्नाटक के सेडम में आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक उत्थान और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया गया. 'भारत सेवा संगम' की ओर से हर दो साल में भारतीय संस्कृति संगम कार्यक्रम का आयोजन कर देश के अलग-अलग राज्यों से भारत के विकास के लिए कार्य करने वाली हस्तियों को सम्मानित किया जाता है. कार्यक्रम में लगभग 30 लाख लोग प्रतिभाग करते हैं.

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कर्नाटक में भारत सेवा संगम संस्था ने जगत सिंह जंगली को भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया (PHOTO- देवराघवेंद्र बद्री)

रुद्रप्रयाग जिले के रानीगढ़ पट्टी निवासी प्रसिद्ध पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली की ओर से वर्षों से पर्यावरण की पाठशाला चलाने के साथ मिश्रित वन का संरक्षण किया जा रहा है, जिस कारण भारत सेवा संगम ने उन्हें भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया. हालांकि, जंगली के अस्वस्थ होने के चलते यह सम्मान उनके पुत्र पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेंद्र बद्री ने ग्रहण किया.

भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित होने पर जगत सिंह जंगली के भेजे संदेश में देवराघवेंद्र ने भारत सेवा संगम का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि भारत सेवा संस्कृति संगम दक्षिण भारत के कर्नाटक में बड़े मंच पर देश के दूरस्थ क्षेत्रो में अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने वाली हस्तियों को सम्मानित करने का कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण की पाठशाला इस सम्मान के लिए भारत सेवा संगम का अभार प्रकट करती है.

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जगत सिंह जंगली के अस्वस्थ होने के कारण बेटे पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेंद्र बद्री ने सम्मान ग्रहण किया. (PHOTO- देवराघवेंद्र बद्री)

देवराघवेंद्र बद्री ने कहा कि दक्षिण भारत की उनकी यह पहली यात्रा थी, जिसमें उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला. उन्होंने कहा कि आज भी दक्षिण भारत के लोग सादगी के साथ अपना जीवन यापन कर अपनी संस्कृति से जुड़कर कार्य कर रहे हैं.

पर्यावरणविद् जगत सिंह जगली को भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने खुशी व्यक्त कर शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि जंगली का मिश्रित वन कई हेक्टेयर में फैला है और रानीगढ़ पट्टी में जंगली द्वारा किया जा रहा कार्य काफी सराहनीय है. वहीं सम्मान मिलने पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक भरत सिंह चौधरी और आशा नौटियाल समैत सैकड़ों लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दी.

ये भी पढ़ेंः दक्षिण भारत में भारत गौरव पुरस्कार से नवाजे जाएंगे पर्यावरणविद् जगत सिंह 'जंगली'

रुद्रप्रयाग: कर्नाटक के सेडम में आयोजित 'भारत गौरव पुरस्कार' समोराह में उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली को उनकी पर्यावरण की पाठशाला के लिए 'भारत सेवा संगम संस्था' ने 'भारत गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया. भारत की जानी-मानी कर्नाड की पद्मश्री ज्योति माता मंजूम ने यह पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया. उनके साथ देश के विभिन्न राज्यों से आए अलग-अलग क्षेत्र में कार्य कर रहे लगभग 100 हस्तियों को 'भारत गौरव पुरस्कार' से नवाजा गया.

कर्नाटक के सेडम में आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक उत्थान और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया गया. 'भारत सेवा संगम' की ओर से हर दो साल में भारतीय संस्कृति संगम कार्यक्रम का आयोजन कर देश के अलग-अलग राज्यों से भारत के विकास के लिए कार्य करने वाली हस्तियों को सम्मानित किया जाता है. कार्यक्रम में लगभग 30 लाख लोग प्रतिभाग करते हैं.

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कर्नाटक में भारत सेवा संगम संस्था ने जगत सिंह जंगली को भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया (PHOTO- देवराघवेंद्र बद्री)

रुद्रप्रयाग जिले के रानीगढ़ पट्टी निवासी प्रसिद्ध पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली की ओर से वर्षों से पर्यावरण की पाठशाला चलाने के साथ मिश्रित वन का संरक्षण किया जा रहा है, जिस कारण भारत सेवा संगम ने उन्हें भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया. हालांकि, जंगली के अस्वस्थ होने के चलते यह सम्मान उनके पुत्र पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेंद्र बद्री ने ग्रहण किया.

भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित होने पर जगत सिंह जंगली के भेजे संदेश में देवराघवेंद्र ने भारत सेवा संगम का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि भारत सेवा संस्कृति संगम दक्षिण भारत के कर्नाटक में बड़े मंच पर देश के दूरस्थ क्षेत्रो में अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने वाली हस्तियों को सम्मानित करने का कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण की पाठशाला इस सम्मान के लिए भारत सेवा संगम का अभार प्रकट करती है.

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जगत सिंह जंगली के अस्वस्थ होने के कारण बेटे पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेंद्र बद्री ने सम्मान ग्रहण किया. (PHOTO- देवराघवेंद्र बद्री)

देवराघवेंद्र बद्री ने कहा कि दक्षिण भारत की उनकी यह पहली यात्रा थी, जिसमें उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला. उन्होंने कहा कि आज भी दक्षिण भारत के लोग सादगी के साथ अपना जीवन यापन कर अपनी संस्कृति से जुड़कर कार्य कर रहे हैं.

पर्यावरणविद् जगत सिंह जगली को भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने खुशी व्यक्त कर शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि जंगली का मिश्रित वन कई हेक्टेयर में फैला है और रानीगढ़ पट्टी में जंगली द्वारा किया जा रहा कार्य काफी सराहनीय है. वहीं सम्मान मिलने पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक भरत सिंह चौधरी और आशा नौटियाल समैत सैकड़ों लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दी.

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