जैसलमेर: जिले के मोहनगढ़ कस्बे के 27 बी डी चक में अचानक ट्यूबवेल खुदाई के दौरान पानी व गैस रिसाव के रुक जाने के बाद जिला प्रशासन द्वारा ऑयल एन्ड नेचरल गैस कॉर्पोरेशन ONGC की टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया था. 31 दिसंबर को ओएनजीसी की क्राइसेस मैनेजमेंट टीम (CMT) ने घटनास्थल का निरीक्षण व जांच की. इसकी एक रिपोर्ट तैयार कर टीम ने जैसलमेर जिला कलेक्टर को प्रेषित की है. ओएनजीसी की क्राइसेस मैनेजमेंट टीम के जीएम ए एन्न गठोरिया व डीजीएम बिनोद ओरान ने यह रिपोर्ट तैयार की है.
टीम ने ऑब्जर्व पॉइंट में यह कहा: जैसलमेर कलेक्टर को सौंपी गई इस रिपोर्ट में जांच टीम ने ओब्ररजव के पॉइंट्स भी शामिल है. जिसमें बताया गया है कि सुरक्षा मानकों को ध्यान ना रखते हुए बिना जरूरी उपकरणों के ट्यूबवेल की खुदाई की गई. वहीं इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 14 इंच की बीट से 735 फिट खुदाई हुई, जिसके बाद अचानक पानी व गैस का रिसाव शुरु हो गया. साथ ही बहते पानी और गैस ने इस गड्ढे को और अधिक बढ़ा दिया, जिससे यह गड्डा 35 मीटर की चौड़ाई तक बढ़ गया.
इसके साथ रिपोर्ट में बताया गया है कि मौके पर बोरिंग मशीन और ट्रक पूरी तरह से गड्ढे में समा गई हैं. वहीं बोरवेल मशीन का उपरी हिस्सा करीब 10 फिट बाहर नजर आ रहा था. वर्तमान में 18 फिट के करीब मशीन का हिस्सा बाहर दिखाई दे रहा है. वहीं डीएम को सौपीं गई रिपोर्ट में बताया गया है कि मौके पर पानी निकलने का कोई साक्ष्य नजर नहीं आ रहा है. हालांकि गड्डे में भरे पानी से बुलबुले निकल रहे हैं. हो सकता है कि ये बुलबुले थोड़ी-थोड़ी देर में गैस के रिसाव के कारण उठ रहे हों. साथ ही गड्ढे के आसपास का क्षेत्र धूल, मिट्टी व कीचड़ से भर चुका है.
टीम ने की ये अनुशंषा: प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएमटी टीम ने रिकमंड किया है कि मौके पर गैस और पानी के रिसाव रुकने का मुख्य कारण बोरवेल का धंस जाना या बोरिंग मशीनरी व ट्रक के गड्ढे के होल के ऊपर आ जाना हो सकता है, जिसके कारण यह रिसाव बन्द हुआ है. वहीं उन्होंने रिपोर्ट में यह भी बताया है कि बोरिंग मशीन को निकालने के प्रयास नहीं करने चाहिए. अन्यथा रिसाव पुनः शुरू होने की सम्भावना है. टीम ने अपनी रिपोर्ट में सलाह दी है कि गड्ढे के आसपास किसी तरह के भारी वाहन या अन्य चीज नहीं ले जाएं क्योंकि जमीन के धंसने की पूरी संभावना है. साथ ही गड्ढे को पूरी तरह से पैक कर 2 से 3 महीने तक निगरानी में रखना है.
रिपोर्ट को लेकर बोले जिला कलेक्टर: इसको लेकर जिला कलेक्टर ने रिपोर्ट से जुड़े तथ्यों पर कहा कि अभी घटनास्थल को यथास्थिति में रखा गया है. अगर मशीनरी निकालने के लिए भारी क्रेन इत्यादि का उपयोग किया जाए, तो संभावना है कि रिसाव वापस शुरु हो जाए या फिर क्रेन के वजन से गड्डे के आसपास की जमीन धसने से क्रेन भी वहीं फंस जाए. ऐसे में हाल फिलहाल मौका स्थल को यथास्थिति में ही रखा गया है. हालांकि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
28 दिसबंर को निकलना शुरू हुआ था पानी: बता दें कि जैसलमेर के बाहला के 27 बीडी चक इलाके में 28 दिसंबर की सुबह करीब 6 बजे ट्यूबवेल खुदाई के दौरान हुई भूगर्भीय घटना बेहद चौंकाने वाली थी. यहां ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान धरती के नीचे से बेहिसाब पानी बाहर आया. पानी की तेज धार आस-पास में फैल गई. आलम यह हुआ कि ट्यूबवेल की खुदाई के लिए आई मशीन और ट्रक उस जगह पर अभी भी धरती के नीचे फंसे हैं. हालांकि 29 दिसंबर की रात 11 बजे पानी और गैस का रिसाव बंद हो गया.
खेत मालिक विक्रम सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर गत 3 जनवरी को जैसलमेर अतिरिक्त जिला कलेक्टर पवन कुमार ने उन्हें बुलाया था. अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने उन्हें 3 महीने तक घटनास्थल से दूर रहने के लिए कहा है. वहीं बोरिंग मशीन और ट्रक के संबंध में अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने कहा कि वो अंदर ही रहेंगी, उसे बाहर निकालने का कोई प्रयास न करें.