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अधिक अंक होने के बावजूद नियुक्ति नहीं दी, हाईकोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब - RAJASTHAN HIGH COURT

मेरिट लिस्ट में नाम होने के बावजूद बिना कारण बताए नियुक्ति से वंचित करने का मामला, हाईकोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब.

हाईकोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब (ETV Bharat File photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 31, 2024, 6:58 PM IST

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 की अंतरिम मेरिट लिस्ट में नाम होने के बावजूद अभ्यर्थियों को बिना कारण बताए नियुक्ति से वंचित करने के मामले में चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश मोहम्मद आमिर खान व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि चिकित्सा विभाग ने 5 मई, 2023 को नर्सिंग ऑफिसर के 6981 पदों पर भर्ती निकाली थी, जिसमें शैक्षणिक योग्यता और बोनस अंकों के आधार पर नियुक्ति देने का प्रावधान रखा गया. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने भर्ती में आवेदन कर भाग लिया और विभाग ने उनके दस्तावेजों का सत्यापन भी कर लिया. इसके बाद विभाग की ओर से अंतरिम मेरिट लिस्ट बनाई गई, जिसमें भी याचिकाकर्ताओं का नाम शामिल था.

इसे भी पढ़ें- Rajasthan: दिव्यांग के एक वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं देने पर मांगा जवाब

वहीं, बाद में विभाग की ओर से जारी अंतिम वरीयता सूची में याचिकाकर्ताओं को शामिल नहीं कर नियुक्ति से वंचित कर दिया, जबकि याचिकाकर्ताओं के पास समान काम करने का वैध अनुभव प्रमाण पत्र है और उसे संबंधित सीएमएचओ ने सत्यापित भी कर रखा है. ऐसे में वह बोनस अंक लेने के हकदार है. इसके बावजूद विभाग ने बिना कारण बताए याचिकाकर्ताओं को चयन से वंचित कर दिया. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल कर नियुक्ति दिलाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 की अंतरिम मेरिट लिस्ट में नाम होने के बावजूद अभ्यर्थियों को बिना कारण बताए नियुक्ति से वंचित करने के मामले में चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश मोहम्मद आमिर खान व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि चिकित्सा विभाग ने 5 मई, 2023 को नर्सिंग ऑफिसर के 6981 पदों पर भर्ती निकाली थी, जिसमें शैक्षणिक योग्यता और बोनस अंकों के आधार पर नियुक्ति देने का प्रावधान रखा गया. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने भर्ती में आवेदन कर भाग लिया और विभाग ने उनके दस्तावेजों का सत्यापन भी कर लिया. इसके बाद विभाग की ओर से अंतरिम मेरिट लिस्ट बनाई गई, जिसमें भी याचिकाकर्ताओं का नाम शामिल था.

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वहीं, बाद में विभाग की ओर से जारी अंतिम वरीयता सूची में याचिकाकर्ताओं को शामिल नहीं कर नियुक्ति से वंचित कर दिया, जबकि याचिकाकर्ताओं के पास समान काम करने का वैध अनुभव प्रमाण पत्र है और उसे संबंधित सीएमएचओ ने सत्यापित भी कर रखा है. ऐसे में वह बोनस अंक लेने के हकदार है. इसके बावजूद विभाग ने बिना कारण बताए याचिकाकर्ताओं को चयन से वंचित कर दिया. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल कर नियुक्ति दिलाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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