पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार कानून-व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई हैं. यह बैठक 4 बजे शुरू होगी. इस बैठक में कैबिनेट मंत्री, राज्य पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. सभी जिलों के डीएम एसएसपी, एसपी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़ेंगे.
बढ़ते अपराध पर नीतीश ने बुलाई बैठक: बिहार में लगातार हो रही हत्या, अपहरण, लूटपाट और अन्य आपराधिक घटनाओं के कारण विपक्ष सरकार को लगातार घेरने की कोशिश कर रहा है. लोकसभा चुनाव के बाद से हत्या और हिंसा की कई घटनाएं हो चुकी हैं. बिहार विधानमंडल का सत्र भी 22 जुलाई से शुरू हो रहा है, ऐसे में सरकार अपनी पूरी तैयारी कर लेना चाहती है.
लग सकती है अधिकारियों की क्लास: बिहार में बढ़ते अपराध की घटनाओं को लेकर सरकार की भी नींद उड़ गई है. लंबे अर्से बात मुख्यमंत्री ने लॉ एंड आर्डर पर हाई लेवल बैठक बुलाई है. सभी जिलों के डीएम एसपी से रिपोर्ट लेंगे और अधिकारियों की क्लास भी लगाएंगे. कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए सख्त निर्देश भी देंगे.
सुशासन के दावों पर उठ रहे सवाल: बिहार सरकार ने बड़े पैमाने पर पुलिस कर्मियों की बहाली की है. उन्हें आधुनिक सुविधाएं भी मुहैया कराया है, लेकिन उसके बावजूद लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति ठीक नहीं है. वहीं लालू यादव के समय जंगलराज का नारा लगाने वाले नीतीश कुमार पर भी अब इसी तरह के आरोप लग रहे हैं.
जीतन सहनी की हत्या के बाद बवाल: बता दें कि 15 जुलाई सोमवार रात को बिहार के पूर्व मंत्री व वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की हत्या उनके ही दरभंगा स्थित घर में कर दी गई थी. मंगलवार 16 जुलाई सुबह मामला प्रकाश में आया. जिसके बाद से बिहार की जनता में नाराजगी है. लोग कह रहे हैं कि जब मंत्री के पिता की हत्या हो जाती है तो आम आदमी कैसे खुदको सुरक्षित महसूस करे.
अपराध के मामलों में 21वें स्थान पर बिहार:बढ़ते अपराध पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. एनडीए की तरफ से सम्राट चौधरी से लेकर नीरज कुमार तक और मंत्रियों की ओर से लगातार लालू राबड़ी शासन को फिर से निशाना बनाया जा रहा है तो वहीं पुलिस विभाग के तरफ से भी आंकड़े पेश कर 2005 से नीतीश सरकार में स्थिति बेहतर होने की बात लगातार जा रही है. एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार क्या कहना है बिहार सभी तरह के अपराध के मामलों में 21वें स्थान पर है.
"वहीं हत्या के मामले में 14वें स्थान पर है. बिहार में हत्या 72 फ़ीसदी से अधिक मामले निजी कारणों से हो रहे हैं. इसमें जमीन आपसी विवाद प्रेम प्रसंग और अवैध रिश्ता प्रमुख रूप से है. 2001 में प्रति लाख आबादी पर हत्या का दर 4.4 थी जो 2024 में घटकर 2.01 हो गई है."- जितेंद्र सिंह गंगवार,एडीजी मुख्यालय
लॉ एंड आर्डर को लेकर सरकार चिंतित: कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर पूरा विपक्ष बिहार में 20 जुलाई को आक्रोश मार्च निकालने वाला है. 22 जुलाई से बिहार विधानमंडल का सत्र भी शुरू हो रहा है. ऐसे में सरकार की मुश्किल बढ़ गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के आक्रोश मार्च से पहले आज कानून व्यवस्था को लेकर बड़ी बैठक बुलाई है. इसमें बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री और सभी आलाधिकारी से नीतीश कुमार चर्चा करेंगे. कानून व्यवस्था को लेकर आला अधिकारियों की भी क्लास लगाएंगे और कुछ सख्त निर्देश भी देंगे.
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