भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों में विदेश के छात्र पढ़ने आएं, इसके लिए राज्य सरकार प्रयास करेगी. शिक्षा नीति को लागू किए चार साल हो गए हैं. यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती भी है कि हम वह मार्ग ढूंढेंगे, जिसकी जरूरत उच्च शिक्षा विभाग को सबसे ज्यादा है. हमारा शिक्षा का स्रोत गंगोत्री की तरह पवित्र है. मुख्यमंत्री ने कहा ऋषि परंपरा को किसी राज्यों की सीमा में कैद नहीं किया गया था, भले ही देश अलग-अलग राज्य में बंटा रहा हो. ऋषियों के जीवन से ज्ञान परंपरा हमेशा आगे बढ़ती रही है. कोरोना के दौर में भी भारत ने दिखाया है कि आयुर्वेद का क्या महत्व है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में टंट्या मामा, तात्या टोपे, रानी अवंती बाई, रानी दुर्गावती के नाम से भी विश्वविद्यालय बनाए जा रहे हैं.
मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालय किसी से पीछे नहीं रहेंगे
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार का उच्च शिक्षा को लेकर सबसे ज्यादा फोकस है. क्योंकि यह विभाग भविष्य की बात करता है. उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए जो भी जरूरत होगी, सरकार गंभीरता से विचार करेगी. हमारे विश्वविद्यालय दूसरे विभागों के मुकाबले पिछड़ते थे लेकिन विश्वविद्यालय को अब पीछे नहीं रहने दिया जाएगा. निजी और सरकारी दो ही तरह के विश्वविद्यालय होते थे लेकिन सामान्य विश्वविद्यालय कहां से आ गए. इन्हें निकाल कर बाहर किया जाएगा. विश्वविद्यालय के सभी तरह के हित लाभ को समान रूप से देखा जाएगा, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि उच्च शिक्षा विभाग की गरिमा बनी रहे.
नई शिक्षा नीति में जीवन पद्धति भी सिखाएं
राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि 2 दिन की इस कार्यशाला से बेहतर सुझाव निकाल कर सामने आएंगे. राज्यपाल ने कहा कि कई बार बच्चे एक पेपर बिगड़ने पर गलत कदम उठा लेते हैं. कई बार शादी के 10 से 15 साल बाद परिवार में तलाक हो जाते हैं. उनके इस निर्णय से बच्चों पर क्या फर्क पड़ेगा, यह स्थिति देखकर लगता है कि लोगों को शिक्षा तो मिल गई लेकिन जीवन कैसे जिया जाए, इसकी सीख नहीं मिल सकी. इसलिए उम्मीद है शिक्षा परंपरा में इस बात की भी चिंता की जाएगी.
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उच्च शिक्षा मंत्री बोले- बच्चों को सही इतिहास पढ़ाया जाएगा
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हमारे यहां रात में पत्ती और फूल भी पौधों पेड़ों से नहीं तोड़ने देते हैं. गांव के लोगों को इसके पीछे का विज्ञान कभी पता नहीं रहा, लेकिन ज्ञान परंपरा पता है. इसलिए यह परंपरा सालों से चली आ रही है. परंपराओं से भी हमें विज्ञान को खोजने की जरूरत है. उसको आधार बनाते हुए आगे बढ़ाने की जरूरत है. हमारे यहां गलत इतिहास पढ़ाया जाता रहा. इतिहास में लुटेरे को महान लिख दिया गया. 'सिकंदर महान' पढ़ाना गलत इतिहास है. अंग्रेजी में भारत के शौर्य और परंपरा को हमेशा कम करके दिखाया. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए सरकार भी अपना एक प्रकोष्ठ बनाएगी. सभी विश्वविद्यालय अभी अपना प्रकोष्ठ बनाएंगे ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके.