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सड़क बनवाने के लिए पोखरनुमा गड्ढे में घंटों तक किया जल सत्याग्रह, कोई सुनवाई नहीं - Neemuch Jal Satyagraha

नीमच जिले के जैतपुरा में आज तक सड़क नसीब नहीं हुई है. बारिश में कच्चा रास्ता पूरा कीचड़ में तब्दील हो जाता है. गुस्साए ग्रामीणों ने गांव के बाहर पोखर में उतरकर कई घंटे तक जल सत्याग्रह किया. इसके बाद भी कोई जिम्मेदार समस्या सुनने नहीं पहुंचा.

Neemusch Jal Satyagraha
सड़क बनवाने के लिए घंटों तक किया जल सत्याग्रह (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 21, 2024, 5:04 PM IST

नीमच। राज्य सरकार भले ही विकास के दावे करे लेकिन गांवों की हालत देखकर इन दावों की पोल खुल जाती है. दावा किया जाता है कि गांवों की सड़कों को शहरों से जोड़ दिया गया है. मगर कई गांव ऐसे हैं जो बारिश के मौसम में शहरों से कट जाते हैं. और कई गांव ऐसे हैं जहां अभी तक पक्की सड़क नहीं बन सकी है. इसका खामियाजा भी ग्रामीणों को उठाना पड़ता है. स्कूली बच्चे पढ़ने नहीं जा पाते तो महिलाओं की डिलेवरी में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

जैतपुरा के ग्रामीणों की सालों पुरानी मांग अधूरी

ऐसा ही एक मामला नीमच जिले के पलसोड़ा ब्लॉक के गांव जैतपुरा का है. यहां बरसों पुराने कच्चे रास्ते की हालत इतनी बिगड़ गई है कि इस पर बने गड्ढे तालाब का रूप ले चुके हैं. बालिकाएं पढ़ाई के लिए स्कूल तक नहीं जा पा रही हैं. जनप्रतिनिधियों से लगाकर प्रशासन के अधिकारियों को ग्रामीण कई बार ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. आखिरकार ग्रामीणों ने महिलाओं व बच्चों के साथ गड्ढ़ेनुमा पोखर में उतर कर जल सत्याग्रह शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने कई घंटे पोखर में पानी में गले तक डूबकर प्रदर्शन किया.

सड़क बनवाने के लिए पोखरनुमा गड्ढे में जल सत्याग्रह (ETV BHARAT)

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कोई नेता या अधिकारी नहीं पहुंचा ग्रामीणों से बात करने

ग्रामीणों को लगता था कि उनके जल सत्याग्रह को देखते हुए संबंधित अधिकारी व नेता मौके पर आएंगे लेकिन कई घंटे के बाद भी किसी ने सुध नहीं ली. इस मामले में पूर्व कांग्रेस विधायक दिलीप सिंह परिहार ने कहा है "जल्द ही गांव में सड़क बनवाई जाएगी. लोग अब कांग्रेस सरकार को याद कर रहे हैं. कांग्रेस के राज में ग्रामीण कोई भी मांग करते थे तो तुरंत सुनवाई होती थी. लेकिन बीजेपी सरकार जनता की मांग को नहीं सुनती"

नीमच। राज्य सरकार भले ही विकास के दावे करे लेकिन गांवों की हालत देखकर इन दावों की पोल खुल जाती है. दावा किया जाता है कि गांवों की सड़कों को शहरों से जोड़ दिया गया है. मगर कई गांव ऐसे हैं जो बारिश के मौसम में शहरों से कट जाते हैं. और कई गांव ऐसे हैं जहां अभी तक पक्की सड़क नहीं बन सकी है. इसका खामियाजा भी ग्रामीणों को उठाना पड़ता है. स्कूली बच्चे पढ़ने नहीं जा पाते तो महिलाओं की डिलेवरी में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

जैतपुरा के ग्रामीणों की सालों पुरानी मांग अधूरी

ऐसा ही एक मामला नीमच जिले के पलसोड़ा ब्लॉक के गांव जैतपुरा का है. यहां बरसों पुराने कच्चे रास्ते की हालत इतनी बिगड़ गई है कि इस पर बने गड्ढे तालाब का रूप ले चुके हैं. बालिकाएं पढ़ाई के लिए स्कूल तक नहीं जा पा रही हैं. जनप्रतिनिधियों से लगाकर प्रशासन के अधिकारियों को ग्रामीण कई बार ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. आखिरकार ग्रामीणों ने महिलाओं व बच्चों के साथ गड्ढ़ेनुमा पोखर में उतर कर जल सत्याग्रह शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने कई घंटे पोखर में पानी में गले तक डूबकर प्रदर्शन किया.

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कोई नेता या अधिकारी नहीं पहुंचा ग्रामीणों से बात करने

ग्रामीणों को लगता था कि उनके जल सत्याग्रह को देखते हुए संबंधित अधिकारी व नेता मौके पर आएंगे लेकिन कई घंटे के बाद भी किसी ने सुध नहीं ली. इस मामले में पूर्व कांग्रेस विधायक दिलीप सिंह परिहार ने कहा है "जल्द ही गांव में सड़क बनवाई जाएगी. लोग अब कांग्रेस सरकार को याद कर रहे हैं. कांग्रेस के राज में ग्रामीण कोई भी मांग करते थे तो तुरंत सुनवाई होती थी. लेकिन बीजेपी सरकार जनता की मांग को नहीं सुनती"

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