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क्या है नौतपा जिसकी आज रात्रि से होगी शुरुआत, जानिए ज्योतिष शास्त्र में नौतपा का महत्व - Nautapa 2024

इस बार 25 मई से नौतपा शुरू होने जा रहा है, जो 2 जून तक चलेगा. मान्यता है कि नौतपा में अगर हल्की बारिश भी आ जाए तो आगे मानसून अच्छा आने की संभावना रहती है. सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश को ही नौतपा कहते हैं.

NAUTAPA 2024
ज्योतिष शास्त्र में नौतपा का महत्व (फोटो : ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 24, 2024, 11:14 AM IST

ज्योतिष शास्त्र में नौतपा का महत्व (वीडियो : ईटीवी भारत)

भीलवाड़ा. ज्योतिषशास्त्र में नौतपा का विशेष महत्व है. 25 मई से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा. इसी दिन से नौतपा की शुरुआत होगी. इसको लेकर भीलवाड़ा के पंडित अशोक व्यास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि नौतपा में सूर्य रोहणी नक्षत्र में रहता है. इस दौरान तेज धूप और सूर्य का रौद्र रूप देखने को मिलेगा. इस नौ दिनों में लोग घरों में रहें. कहा जाता है कि नौतपा में अगर बरसात हो जाए तो भविष्य में भी अच्छी बरसात होगी.

हिंदी पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में आता है, उस दिन से नौतपा की शुरुआत होती है. 24 मई की रात्रि 3:17 बजे से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और तपन काल शुरू हो जाएगा. इस समय सूर्य वृषभ राशि में रहेगा. भीलवाड़ा के पंडित अशोक व्यास ने बताया कि ज्येष्ठ माह की शुरूआत में रोहिणी नक्षत्र में सूर्य प्रवेश करता है, तब सूर्य प्रचंड गर्मी दिखाता है. तब 9 दिन तक हाल बेहाल कर देने वाली गर्मी देखने को मिलती है. इसी समय को नौतपा कहते हैं. इस साल का नौतपा 24 मई यानी आज रात 3:17 बजे से शुरू होकर 2 जून तक रहेगा. इस दौरान रोहिणी नक्षत्र में सूर्यनारायण भगवान जबरदस्त प्रचंड से तेज ऊष्मा को प्रभावित करेंगे. इससे आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है. ज्योतिष मत यह है कि रोहिणी तपती है तो उस समय हवा, तूफान, आंधी व बादल आते हैं. नौतपा के दौरान 9 दिन में अच्छी बरसात हो जाती है तो आने वाला समय व वर्ष धन धान्य व फसल होने की अच्छी संभावना वाला रहता है. इसे रोहिणी का गलना कहते है. अगर बारिश ना हो तो अकाल का साया पड़ने की संभावना रहती है. हालांकि हमेशा यह देखने को मिलता है कि नौतपा में कम से कम हल्की बारिश तो जरूर होती है.

इसे भी पढ़ें- मानसून का गर्भकाल नौतपा, इस बार 25 मई से 2 जून तक सूर्य का दिखेगा प्रचंड रूप - Nautapa 2024

नौतपा में क्या करें क्या न करें ? : पंडित अशोक व्यास ने कहा कि नौतपा में गर्मी तेज होती है. आध्यात्म यही कहता है कि घर पर बैठकर परमात्मा का स्मरण करना चाहिए. वहीं जो परिश्रम का काम है उनको समय रहते पूरा करना चाहिए. इस दौरान ताप घात की भी संभावना रहती है. मैं आमजन से यह अपील करता हूं कि 9 दिन शरीर की पूरी रक्षा व सुरक्षा करें. छोटे बच्चों को घरों पर रखें. अधिकतर पेय पदार्थ का उपयोग करें.

ज्योतिष शास्त्र में नौतपा का महत्व (वीडियो : ईटीवी भारत)

भीलवाड़ा. ज्योतिषशास्त्र में नौतपा का विशेष महत्व है. 25 मई से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा. इसी दिन से नौतपा की शुरुआत होगी. इसको लेकर भीलवाड़ा के पंडित अशोक व्यास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि नौतपा में सूर्य रोहणी नक्षत्र में रहता है. इस दौरान तेज धूप और सूर्य का रौद्र रूप देखने को मिलेगा. इस नौ दिनों में लोग घरों में रहें. कहा जाता है कि नौतपा में अगर बरसात हो जाए तो भविष्य में भी अच्छी बरसात होगी.

हिंदी पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में आता है, उस दिन से नौतपा की शुरुआत होती है. 24 मई की रात्रि 3:17 बजे से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और तपन काल शुरू हो जाएगा. इस समय सूर्य वृषभ राशि में रहेगा. भीलवाड़ा के पंडित अशोक व्यास ने बताया कि ज्येष्ठ माह की शुरूआत में रोहिणी नक्षत्र में सूर्य प्रवेश करता है, तब सूर्य प्रचंड गर्मी दिखाता है. तब 9 दिन तक हाल बेहाल कर देने वाली गर्मी देखने को मिलती है. इसी समय को नौतपा कहते हैं. इस साल का नौतपा 24 मई यानी आज रात 3:17 बजे से शुरू होकर 2 जून तक रहेगा. इस दौरान रोहिणी नक्षत्र में सूर्यनारायण भगवान जबरदस्त प्रचंड से तेज ऊष्मा को प्रभावित करेंगे. इससे आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है. ज्योतिष मत यह है कि रोहिणी तपती है तो उस समय हवा, तूफान, आंधी व बादल आते हैं. नौतपा के दौरान 9 दिन में अच्छी बरसात हो जाती है तो आने वाला समय व वर्ष धन धान्य व फसल होने की अच्छी संभावना वाला रहता है. इसे रोहिणी का गलना कहते है. अगर बारिश ना हो तो अकाल का साया पड़ने की संभावना रहती है. हालांकि हमेशा यह देखने को मिलता है कि नौतपा में कम से कम हल्की बारिश तो जरूर होती है.

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नौतपा में क्या करें क्या न करें ? : पंडित अशोक व्यास ने कहा कि नौतपा में गर्मी तेज होती है. आध्यात्म यही कहता है कि घर पर बैठकर परमात्मा का स्मरण करना चाहिए. वहीं जो परिश्रम का काम है उनको समय रहते पूरा करना चाहिए. इस दौरान ताप घात की भी संभावना रहती है. मैं आमजन से यह अपील करता हूं कि 9 दिन शरीर की पूरी रक्षा व सुरक्षा करें. छोटे बच्चों को घरों पर रखें. अधिकतर पेय पदार्थ का उपयोग करें.

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