शिमला: हिमाचल प्रदेश के छोटा शिमला में सचिवालय के बाहर राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान दृष्टिहीन संघ ने एक बार फिर से सुक्खू सरकार से बैकलॉग भर्ती की मांग को दोहराया. बता दें कि बीते 362 दिनों से दृष्टिहीन संघ अपनी मांगों को लेकर शिमला में क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. संघ का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है.
अपनी मांगों पर सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से नाराज दृष्टिहीन संघ ने आज शिमला में सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान संघ ने सचिवालय के नजदीक चक्का जाम कर दिया. मौके पर मौजूद पुलिस ने उन्हें सड़क से हटाने का प्रयास किया, इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस में धक्का मुक्की भी देखने को मिली.
राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के सदस्य राजेश ठाकुर ने कहा, "सरकार उनकी मांगों को नहीं सुन रही है. उन्हें धरने पर बैठे हुए एक साल होने वाला हैं, लेकिन मुख्यमंत्री उनसे बात नहीं कर रहे हैं. आज वह तैयारी के साथ आए हैं. वे तब तक नहीं हटेंगे, जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी. उन्हें लिखित में सरकार से जवाब चाहिए. पुलिस उनके एक सदस्य को जबरन उठाकर ले गई. पुलिस धमकाने का काम कर रही है".
राजेश ठाकुर ने कहा, "वह बेरोजगार होकर दर-दर भटक रहे हैं. सरकार को सभी को रोजगार देना चाहिए. जिनकी आयु 35 वर्ष हो गई है, उनकी गरीब असहाय की आयु में रिलैक्सेशन की अधिसूचना जारी कर दी गई है. लेकिन इसे लागू नहीं किया गया है. सरकार को चाहिए की इसे जल्द लागू करें. सेवानिवृति की उम्र पूर्व भाजपा सरकार ने 60 से 58 कर दी थी, जबकि पूर्व वीरभद्र सरकार में इसे बढ़ाया गया था. अब सरकार से मांग है कि इसे फिर से 60 वर्ष किया जाए. सरकार अगर उनकी मांगे नहीं मानती है तो सचिवालय का घेराव करेंगे और उनका धरना जारी रहेगा".