नर्मदापुरम: मध्य प्रदेश के नर्मदा नदी के प्रसिद्ध सेठानी घाट पर नदी में मगरमच्छ देखा गया है. मगरमच्छ के दिखाई देने के बाद प्रशासन ने घाट पर सुरक्षा बढ़ा दी है. घाट पर फ्लैक्स बोर्ड लगा दिया गया है जिसमें नदी में मगरमच्छ होने और घाट पर नहाने और पूजा न करने की सूचना दी गई है. इसके अलावा घाट के उपरी भाग पर प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगा दी है जिससे श्रद्धालु नदी के अन्दर न जा पाएं. वहीं होमगार्ड, नगर पालिका और वन विभाग की टीमों को तैनात कर दिया गया है.
घाट पर स्नान ना करने की दो वजहों से जारी हुई एडवायजरी
मध्य प्रदेश के सेठानी घाट पर सबसे ज्यादा श्रद्धालु स्नान करने आते हैं. इसके पीछे पहली वजह है मगरमच्छ के साथ ही घाट इलाके में आने वाले कई खतरनाक जलचर. दूसरी वजह नदी का जलस्तर बढ़ना और पानी में कभी भी उफान आने का खतरा. मॉनसून की बारिश में नर्मदा अपने पूरे वेग से बहती है, ऐसे में बाढ़ का खतरा भी लगातार बना हुआ है. लोगों से इन दो वजहों से नर्मदा स्नान से गुरेज करने की सलाह दी जा रही है.
घाट पर मगरमच्छ के दिखने से हडकंप
नर्मदापुरम जिले में नर्मदा नदी के प्रसिद्ध सेठानी घाट पर नदी में मगरमच्छ होने की सूचना से स्थानीय लोगों और प्रशासन में हडकंप मच गया. त्योहारी सीजन को देखते हुए घाट पर लोगों का आवागमन बढ़ा होने के कारण प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं. प्रशासन लगातार यहां आने वाले श्रद्धालुओं को घाट पर स्नान और पूजा करने से बचने की सलाह दे रहा है. इसके लिए प्रशासन ने घाट पर फ्लैक्स बोर्ड भी लगा दिया है. सुरक्षा के तमाम इंतजाम प्रशासन की तरफ से किए गए हैं. लेकिन इन सबके बावजूद मौका पाकर श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर घाट पर स्नान के लिए पहुंच जा रहे हैं. बुधवार को देवशयनी ग्यारस होने की वजह से श्रद्धालुओं का घाट पर आने जाने का सिलसिला लगातार चलता रहा.
कुछ दिनों तक घाट पर स्नान बंद कर देना चाहिए
सेठानी घाट पर दर्शन के लिए आए सिवनी मालवा के पूर्व विधायक ओम रघुवंशी ने कहा कि, 'घाट पर मगरमच्छ होने की सूचना लगातार मिल रही है. कई लोग मगरमच्छ को यहां देख चुके हैं. प्रशासन ने लोगों को सूचना देने के लिए कुछ इंतजाम किए हैं लेकिन लोगों को खुद सजग रहकर नर्मदा नदी में स्नान और धार्मिक कामों को फिलहाल के लिए बंद कर देना चाहिए. नदी के नजदीक जाने से जान का खतरा बना रहता है.''
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लगातार मगरमच्छ की मॉनिटरिंग की जा रही है
फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी का कहना है कि, 'हमारे द्वारा भी यहां पर मगरमच्छ देखा गया है. हमें नगर पालिका और स्थानीय लोगों से भी मगरमच्छ होने की सूचना मिली है जिसके चलते बाढ़ आपदा प्रबंधन एवं फारेस्ट विभाग के कर्मचारियों द्वारा घांट पर लगातार मगरमच्छ की मॉनिटरिंग की जा रही है. फारेस्ट विभाग के सात लोगों की ड्यूटी लगी है जो लगातार घाट सहित आसपास क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं. यदि आसपास में मगरमच्छ दिखाई देता है तो उसका तुरंत ही फारेस्ट विभाग द्वारा रेस्क्यू किया जाएगा.''