नर्मदापुरम। नर्मदापुरम जिले में अवेध रेत उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है. रेत माफिया के हौसले इतने बुलंद है कि उन्हें किसी का डर नहीं है. नर्मदापुरम के पड़ोसी जिले सीहोर की विधानसभा क्षेत्र बुधनी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृहनगर है. जहां नर्मदा नदी के बीच पनडुब्बियों व ट्रैक्टर ट्राली की मदद से रेत उत्खनन किया जा रहा है. इसको लेकर अपनी ही सरकार पर भाजपा के झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक अखिलेश खंडेलवाल ने निशाना साधा है.
सोशल मीडिया पर अपना आक्रोश जताया
बीजेपी नेता ने सोशल मीडिया पर भी लिखकर सीहोर प्रशासनिक अमले को चेताया है. अखिलेश खंडेलवाल ने फेसबुक पर रेत माफिया को 'रेतासुर' संज्ञा देते हुए एक पोस्ट भी डाली. जिसमें उन्होंने लिखा "इसे केरल की किसी झील का दृश्य समझने की गलती ना करें. यहां कोई नौका दौड़ नहीं हो रही. यह है सिर्फ पैसा कमाने की होड़, फिर चाहे इसके लिए मां नर्मदा का सीना ही क्यों ना चीरना पड़े. मां नर्मदा के किनारे नर्मदापुरम सर्किट हाउस के सामने और चांदगढ़ कुटी से एक सामान्य सुबह का दृश्य है. सीहोर कलेक्टर, एसपी, माइनिंग अधिकारी को प्रतिदिन एक चूड़ी भेजी जाएगी."
ये खबरें भी पढ़ें... खनन माफियाओं की खैर नहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से रोक लगाएगी मोहन सरकार रेत माफिया ने किया पुलिस टीम पर हमला, एसआई घायल, सरकारी राइफल भी छीनने की कोशिश |
मां नर्मदा को छलनी कर रहे रेत माफिया
बीजेपी नेता ने कहा "बहुत दिनों से देखने को आ रहा है कि मां नर्मदा के बीच में से ट्रैक्टर, पनडुब्बियों, नाव के माध्यम से रेत निकाली जा रही है. यह तब हो रहा है जब भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश में सरकार है. जिसने मां नर्मदा को जीवित इकाई का दर्जा दिया है. मध्य प्रदेश की पर्यावरण की दृष्टि से, कृषि की दृष्टि से अन्य सभी चीजों में नर्मदा का जो महत्व है, वह सर्वविदित है और इन रेत चोरों के माध्यम से यह कृत्य किया जा रहा है. मां नर्मदा की धार पर भी प्रभाव पड़ रहा है. नर्मदा के बीच में से रेत खोदने से नर्मदा का जो पारिस्थितिक तंत्र है वह भी गड़बड़ा रहा है."