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हाईकोर्ट से मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अवमानना का नोटिस, उपनल कर्मचारियों से जुड़ा है मामला

उपनल कर्मचारी संघ की याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अवमानना ​​नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

CONTEMPT NOTICE TO CS RADHA RATURI
हाईकोर्ट से मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अवमानना का नोटिस (FILE PHOTO ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा उपनल कर्मचारी संघ के हित में दिए गए पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 दिसंबर की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार, उपनल कर्मचारी संघ के द्वारा अवमानना याचिका दायर कर कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में कुंदन सिंह बनाम राज्य सरकार व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश देकर कहा था कि उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियमावली बनाएं. उनके वेतन से जीएसटी न वसूलें और उन्हें न्यूनतम वेतन दें.

इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) गई. परंतु सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा. सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी. लेकिन अभी भी राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया. जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की विशेष अनुमति अपील को निरस्त कर दिया. आदेश होने के बाद भी राज्य सरकार ने अभी तक उनको नियमित करने के संबंध में कोई नियमावली नहीं बनाई. जबकि वे वर्षों से कार्य कर रहे हैं. अब राज्य सरकार उन्हें हटाकर नियमित विज्ञप्ति जारी करके उन पदों पर भर्ती कर रही है.

ये भी पढ़ेंः उपनल कर्मी नियमितीकरण मामले में धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की रिव्यू पिटीशन, हरीश रावत ने रखा मौन व्रत

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा उपनल कर्मचारी संघ के हित में दिए गए पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 दिसंबर की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार, उपनल कर्मचारी संघ के द्वारा अवमानना याचिका दायर कर कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में कुंदन सिंह बनाम राज्य सरकार व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश देकर कहा था कि उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियमावली बनाएं. उनके वेतन से जीएसटी न वसूलें और उन्हें न्यूनतम वेतन दें.

इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) गई. परंतु सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा. सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी. लेकिन अभी भी राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया. जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की विशेष अनुमति अपील को निरस्त कर दिया. आदेश होने के बाद भी राज्य सरकार ने अभी तक उनको नियमित करने के संबंध में कोई नियमावली नहीं बनाई. जबकि वे वर्षों से कार्य कर रहे हैं. अब राज्य सरकार उन्हें हटाकर नियमित विज्ञप्ति जारी करके उन पदों पर भर्ती कर रही है.

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