रीवा। खुले बोरवेल में ये हादसा रीवा के मऊगंज जिला स्थित नईगढ़ी थाना क्षेत्र के गढ़वा गांव का है. ननकु आदिवासी का बकरा बुधवार सुबह पास के एक खेत में स्थित खुले बोरवेल में जा गिरा. घटना की सूचना ननकू आदिवासी को हुई तो दौड़ता हुआ बोरवेल के पास पहुंचा और उसे निकलने का प्रयास किया. कुछ देर बाद देखते ही देखते घटनास्थल में भीड़ एकत्र हो गई. ग्रामीणों की मदद से बकरे को बोरवेल से बाहर निकालने का भरसक प्रयास किया गया लेकिन वह असफल रहे.
खेत मालिक गांव के बाहर का
इसके बाद मौके पर जेसीबी बुलाई गई और गड्ढा खोदकर रेस्क्यू अभियान चलाया गया. घटना की सूचना मिलने पर प्रशासनिक अमले के साथ ही जनप्रतिनिधि भी हुंचे. एसडीएम बीके पाण्डेय और मनगवां विधायक नरेन्द्र प्रजापति ने मौके का जायजा लिया. इस मामले एसडीएम का कहना है "जिस जमीन में खुला बोरवेल है, उसके मालिक का पता लगाया जा रहा है. ग्रामीणों के अनुसार जमीन के मालिक गांव से बाहर रहते हैं." गांव वालों ने यह भी बताया कि बोरवेल के पास घासपूस था. जिससे बोरवेल दिखाई नहीं देता था. खुले बोरवेल की गहराई तकरीबन 18 फीट बताई जा रही है.
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खुले बोरवेल बंद कराने का आदेश फेल
मनगवां विधायक नरेंद्र प्रजापति का कहना है "बकरे को बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं. जिले में जो भी खुले बोरवेल हैं, उन्हें प्रशासन की सहायता से बंद करवाने का प्रयास जारी हैं." बता दें कि हाल ही में सिरमौर के मनिका गांव में बोरवेल हादसा हुआ था. जहां 60 फीट गहरे खुले बोरवेल मयंक आदिवासी बोरवेल में गिर गया था. 46 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसके बाद भी मयंक की जान नहीं बचाई जा सकी थी. इसके बाद सीएम मोहन यादव ने बोरवेल खुला छोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे.