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सांची दूध संघ को घाटे से उबारने के लिए नया बिजनेस प्लान, NDBB करेगा नैया पार - Sanchi milk business plan

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 4:20 PM IST

मध्यप्रदेश में सांची दुग्ध संघ की डूबती नैया को पार लगाने के लिए एनडीडीबी सामने आया है. कर्ज से उबारने के लिए एमपीसीडीएफ ने बिजनेस प्लान बनाया है. सरकार की मंजूरी मिलने के बाद सांची का संचालन एनडीडीबी करेगा. जानिए- इससे कर्मचारियों व उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा.

Sanchi milk business plan
सांची दूध को घाटे से उबारने के लिए नया बिजनेस प्लान (ETV BHARAT)

भोपाल। मध्यप्रदेश के दुग्ध ब्रांड सांची के अच्छे दिन आने वाले हैं. इसे कर्ज से उबारने के लिए NDBB यानि नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने मध्यप्रदेश स्टेट कॉपरेटिव डेयरी फेडरनेशन (MPCDF) के साथ हाथ मिलाया है. इसके तहत सांची का संचालन अब एनडीडीबी के अधिकारियों के हाथ में होगा. बोर्ड ने सांची दुग्ध संघ की सेवाओं में सुधार के लिए नया बिजनेस प्लान भी बनाया है. हालांकि सांची को टेकओवर करने के मामले में अंतिम निर्णय सरकार लेगी. इसके बाद ही एनडीडीबी को संचालन की कमान सौंपी जाएगी.

15 सितंबर से काम संभाल सकता है एनडीडीबी

बता दें कि वर्तमान में सांची भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और उज्जैन दुग्ध संघ का संचालन कर रहा है. एनडीडीबी के अधिकारी बीते एक महीने से सभी 6 दुग्ध संघों का निरीक्षण कर रहे हैं. सांची दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली को समझ रहे हैं. मध्यप्रदेश में सांची दुग्ध संघ के बेहतर संचालन के लिए एनडीडीबी और एमपीसीडीएफ के बीच अनुबंध भी हो चुका है. अब बोर्ड के अधिकारी सांची को मजबूत करने के लिए नए बिजनेस माडल पर काम कर रहे हैं. अधिकारियों का दावा है कि संभवतः 15 सितंबर तक सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी. इसके बाद सांची दुग्ध संघ का संचालन बोर्ड को सौंपा जाएगा.

Sanchi milk business plan
एनडीडीबी करेगा सांची दूध की नैया पार (ETV BHARAT)

इन बिंदुओं पर सांची और बोर्ड के बीच अनुबंध

अधिकारियों ने बताया कि सांची और एनडीडीबी के बीच प्रमुख 7 बिंदुओं पर अनुबंध हुआ है. इसमें सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के साथ इससे जुड़े लोगों को एनडीडीबी प्रशिक्षण दिलाएगा. बोर्ड ही सभी दुग्ध संघों के प्लांट को अपग्रेड करेगा. दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखना होगा. दुग्ध संघों के क्षेत्र में उपयुक्त विपणन प्रणाली लागू की जाएगी. ग्वालियर और जबलपुर दुग्ध संघ का उन्नयन और रीवा-शहडोल में नए प्लांट लगाए जाएंगे. इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों में भी सांची की ब्रांड बिल्डिंग मजबूत करनी होगी.

कर्मचारियों की होगी छंटनी, उपभोक्ताओं की सेवा में सुधार

जानकारी के अनुसार यदि नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड सांची की कमान संभालता है, तो यहां काम नहीं करने वाले कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी. उनको वालेंट्री रिटायरमेंट दिया जाएगा. वहीं बोर्ड नए अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति भी करेगा. साथ ही सांची की ग्राहक सेवा में सुधार किया जाएगा. समय पर दूध सप्लाई के साथ इसके गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जाएगा. जिससे उपभोक्ताओं के बीच सांची का विश्वास बना रहे.

हमारा उद्देश्य पशुपालकों को मुनाफा पहुंचाना

एमपीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक सतीश कुमार एस ने बताया "एमपीसीडीएफ, एनडीडीबी, और प्रदेश सरकार के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत सांची ब्रांड के विस्तार और बेहतर संचालन के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें सांची की सहकारी समितियों को सुदृढ़ करना, प्लांटों में अपग्रेडेशन, दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता सुधारना, विपणन प्रणाली को मजबूत करना और ब्रांड बिल्डिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं." उन्होंने बताया कि सांची एक सहकारी समिति है और इस पर प्रदेश के पशुपालकों और किसानों का मालिकाना हक है. एमपीसीडीएफ और एनडीडीबी का उद्देश्य है किसानों और पशुपालकों को बेहतर बिजनेस प्लान के साथ मुनाफा पहुंचाना है.

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इन दुग्ध संघों को कर्ज से उबार चुका है एनडीडीबी

बता दें कि एनडीडीबी को कर्ज में फंसे दुग्ध संघों को उबारने में महारत हासिल है. बोर्ड कई दुग्ध संघों को घाटे से उबार चुका है और कुछ संघों को वापस संचालन का अधिकार दिया गया है. इससे पहले एनडीडीबी ने राजस्थान, जलगांव, झारखंड, असम, वाराणसी और विदर्भ समेत कई दुग्ध संघों को घाटे से उबारकर मुनाफे में लाया है. इसी वजह से एमपी सरकार सांची दुग्ध संघ की कमान एनडीडीबी को सौंपने जा रही है.

भोपाल। मध्यप्रदेश के दुग्ध ब्रांड सांची के अच्छे दिन आने वाले हैं. इसे कर्ज से उबारने के लिए NDBB यानि नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने मध्यप्रदेश स्टेट कॉपरेटिव डेयरी फेडरनेशन (MPCDF) के साथ हाथ मिलाया है. इसके तहत सांची का संचालन अब एनडीडीबी के अधिकारियों के हाथ में होगा. बोर्ड ने सांची दुग्ध संघ की सेवाओं में सुधार के लिए नया बिजनेस प्लान भी बनाया है. हालांकि सांची को टेकओवर करने के मामले में अंतिम निर्णय सरकार लेगी. इसके बाद ही एनडीडीबी को संचालन की कमान सौंपी जाएगी.

15 सितंबर से काम संभाल सकता है एनडीडीबी

बता दें कि वर्तमान में सांची भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और उज्जैन दुग्ध संघ का संचालन कर रहा है. एनडीडीबी के अधिकारी बीते एक महीने से सभी 6 दुग्ध संघों का निरीक्षण कर रहे हैं. सांची दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली को समझ रहे हैं. मध्यप्रदेश में सांची दुग्ध संघ के बेहतर संचालन के लिए एनडीडीबी और एमपीसीडीएफ के बीच अनुबंध भी हो चुका है. अब बोर्ड के अधिकारी सांची को मजबूत करने के लिए नए बिजनेस माडल पर काम कर रहे हैं. अधिकारियों का दावा है कि संभवतः 15 सितंबर तक सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी. इसके बाद सांची दुग्ध संघ का संचालन बोर्ड को सौंपा जाएगा.

Sanchi milk business plan
एनडीडीबी करेगा सांची दूध की नैया पार (ETV BHARAT)

इन बिंदुओं पर सांची और बोर्ड के बीच अनुबंध

अधिकारियों ने बताया कि सांची और एनडीडीबी के बीच प्रमुख 7 बिंदुओं पर अनुबंध हुआ है. इसमें सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के साथ इससे जुड़े लोगों को एनडीडीबी प्रशिक्षण दिलाएगा. बोर्ड ही सभी दुग्ध संघों के प्लांट को अपग्रेड करेगा. दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखना होगा. दुग्ध संघों के क्षेत्र में उपयुक्त विपणन प्रणाली लागू की जाएगी. ग्वालियर और जबलपुर दुग्ध संघ का उन्नयन और रीवा-शहडोल में नए प्लांट लगाए जाएंगे. इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों में भी सांची की ब्रांड बिल्डिंग मजबूत करनी होगी.

कर्मचारियों की होगी छंटनी, उपभोक्ताओं की सेवा में सुधार

जानकारी के अनुसार यदि नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड सांची की कमान संभालता है, तो यहां काम नहीं करने वाले कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी. उनको वालेंट्री रिटायरमेंट दिया जाएगा. वहीं बोर्ड नए अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति भी करेगा. साथ ही सांची की ग्राहक सेवा में सुधार किया जाएगा. समय पर दूध सप्लाई के साथ इसके गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जाएगा. जिससे उपभोक्ताओं के बीच सांची का विश्वास बना रहे.

हमारा उद्देश्य पशुपालकों को मुनाफा पहुंचाना

एमपीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक सतीश कुमार एस ने बताया "एमपीसीडीएफ, एनडीडीबी, और प्रदेश सरकार के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत सांची ब्रांड के विस्तार और बेहतर संचालन के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें सांची की सहकारी समितियों को सुदृढ़ करना, प्लांटों में अपग्रेडेशन, दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता सुधारना, विपणन प्रणाली को मजबूत करना और ब्रांड बिल्डिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं." उन्होंने बताया कि सांची एक सहकारी समिति है और इस पर प्रदेश के पशुपालकों और किसानों का मालिकाना हक है. एमपीसीडीएफ और एनडीडीबी का उद्देश्य है किसानों और पशुपालकों को बेहतर बिजनेस प्लान के साथ मुनाफा पहुंचाना है.

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