सागर: देश के बीचो-बीच बसा मध्य प्रदेश पूरे देश को जोड़ने में सेतु का काम करता है. इसी सिलसिले में छत्तीसगढ़ और गुजरात को जोड़ने के लिए मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा सिक्सलेन और मध्य प्रदेश की सबसे लंबी सड़क बनने जा रही है. करीब 12 सौ किमी से ज्यादा लंबी सड़क मध्य प्रदेश के 11 जिलों से होकर गुजरेगी और उसके निर्माण में अनुमानित 31 हजार करोड़ की लागत आएगी. नर्मदा एक्सप्रेस-वे के नाम से जाने वाली इस प्रोजेक्ट की एक किमी सड़क की लागत 25 करोड रुपए आंकी गयी है. ये एक्सप्रेस वे यमुना एक्सप्रेस वे से 4 गुना बड़ा होगा. इस एक्सप्रेस वे को दिल्ली वडोदरा कॉरीडोर से जोड़ा जाएगा. इतना ही नहीं, करीब 30 नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और जिलों की सड़कें इस एक्सप्रेस-वे से जुडे़गी और 12 शहर इस एक्सप्रेस वे के जरिए कनेक्ट हो जाएंगे.
देश का सबसे बड़ा सिक्सलेन
नर्मदा एक्सप्रेस-वे इसलिए चर्चा में है, क्योंकि ये देश का सबसे लंबा सिक्सलेन है और एमपी की सबसे लंबी सड़क है. इसकी लंबाई 1265 किमी होगी. इसके निर्माण में प्रति किमी सड़क का खर्चा 25 करोड़ रुपए होगा. वैसे तो नर्मदा एक्सप्रेस वे का प्रस्ताव मई 2020 में आया था. तब इसकी लंबाई 906 किमी थी, लेकिन अब इसकी लंबाई 1265 किमी हो चुकी है. नर्मदा एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य जारी है. उम्मीद है कि तय समय 2026 में ये कार्य पूरा हो जाएगा. सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर का राइट ऑफ भी बनाया जा रहा है.
एमपी के 11 जिले, 30 शहर और कस्बे होंगे कनेक्ट
एमपी की सबसे लंबी सड़क के तौर पर जाने जा रहे इस एक्सप्रेस वे को अनूपपुर जिले के अमरकंटक से अलीराजपुर जिले तक बनाया जा रहा है. नर्मदा एक्सप्रेस वे नर्मदा किनारे के प्रदेश के 11 जिलों अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी और अलीराजपुर से गुजरेगा. खास बात ये है कि 1265 किमी लंबी सडक से 30 नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और जिलों की सडकें कनेक्ट हो रही है. इसके अलावा एमपी के प्रमुख 12 शहर भी इस एक्सप्रेस वे से सीधे कनेक्ट होंगे. जिन स्टेट हाईवे को इसमें शामिल किया जा रहा है, वो वर्तमान में टू लेन है. इनको भविष्य में चौड़ा कर दिया जाएगा, फिर इन्हें फोरलेन में परिवर्तित करने की तैयारी है.
गुजरात-छत्तीसगढ़ के लिए करेगा सेतु का काम
नर्मदा एक्सप्रेस वे इसलिए महत्वपूर्ण है कि ये दो राज्यों गुजरात और छत्तीसगढ़ को जोड़ने सेतु का काम करेगा. यह अनूपपुर से छत्तीसगढ़ से जोड़ा जाएगा और अलीराजपुर से अहमदाबाद से जोड़ा जाएगा. दोनों राज्यों के जुड़ने से पूर्वी और पश्चिमी मध्यप्रदेश सीधे जुड़ जाएंगे.
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टाउनशिप और इंडस्ट्रियल हब बनाने की तैयारी
इस प्रोजेक्ट की खास बात ये है कि करीब 30 शहरों और कस्बों से कनेक्ट हो रहे एक्सप्रेस वे को ध्यान रखकर शहरों के आसपास टाउनशिप विकसित की जाएगी. इसके साथ ही एमपी में 6 जगहों पर इंडस्ट्रियल हब तैयार किए जाने की योजना है. यहां उद्योगपतियों को जमीन आकर्षक दरों पर मिलेगी और सरकार की तरफ से कई सुविधाएं दी जाएगी.