भोपाल: जेल में रहने वाले कैदी अपराधी भले हों पर हैं तो इंसान ही, सजा से ज्यादा सुधार की गुंजाइश है. मध्यप्रदेश के जेल एक जनवरी से इसी धारणा के साथ सुधार पर आगे बढ़ेंगे. कैदियों को नए साल की शुरुआत के साथ ही फील गुड कराने वाली जरुरी चीजों के साथ उनकी सेहत का भी ख्याल रखा जाएगा.
इसमें महिला कैदियों की साफ सफाई के लिए जरुरी चीजों के साथ हर हफ्ते शैंपू भी दिया जाएगा. जेल की रोटी के कॉन्सेप्ट को तोड़ते हुए चाय, दूध, तेल, दाल की मात्रा बढ़ाने के साथ कैदियों की सेहत की फिक्र में सलाद का इजाफा भी होगा.
मध्य प्रदेश में कैदियों को ऐसे होगा फील गुड
बेशक कैदी किसी अपराध की सजा में जेल में कैद हैं लेकिन जेल यातनागृह नहीं सुधार गृह बनें. मध्यप्रदेश की जेलें अब इसी धारणा पर काम करेंगे. एक जनवरी 2025 की सुबह कैदियों की जिंदगी में भी नई सुबह लेकर आएगी. बेशक बदलाव छोटे छोटे हैं लेकिन बड़ा असर देने वाले हैं.
मध्य प्रदेश की महिला कैदियों को एक जनवरी से हर महीने हेयर रिमुवल क्रीम मिलेगी और हर हफ्ते एक बार शैंपू भी दिया जाएगा. ऐसा इसलिए ताकि महिलाएं भी स्वच्छता का अनुभव कर सकें. जेल की रोटी को लेकर एक धारणा बनी हुई है उसके साथ ही जेल के खाने में भी बदलाव किया जा रहा है. खाने में दाल और तेल की मात्रा तो बढ़ाई ही जाएगी साथ ही चाय और दूध भी ज्यादा मिलेगा.
'जेलों में अब सुधार पर ज्यादा जोर'
जेल महानिदेशक जीपी सिंह ने बताया कि "जेलों में अब सुधार पर ज्यादा जोर है. एक जनवरी से 2025 से ये सकारात्मक सुधार मध्यप्रदेश की जेलों में दिखाई देंगे. उन्होंने बताया कि अब पूरा फोकस कैदियों के सुधार पर उनके कल्याण पर है. जेल दंड भुगतने की जगह हैं लेकिन ज्यादा जोर सुधार पर है. उसमें दंड का हिस्सा छोटा कर दिया गया है."
जेल महानिदेशक जीपी सिंह ने बताया कि "जो नया जेल मैनुअल है उसमें कैदियों की बुनियादी जरुरतें उनके कल्याण के साथ उनको सुविधाजनक जगह हो इस पर ज्यादा जोर है. लिहाजा जेलों में स्पेस पर भी काम किया जा रहा है. इसके अलावा उन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग भी दी जाएगी. एक जनवरी से सारे सकारात्मक बदलाव लागू होंगे. जो नया जेल मैनुअल तैयार किया गया है उसके तहत ये सारे बदलाव किये जा रहे हैं."
- नए साल से कैदियों की मौज पर ब्रेक, एमपी की जेलों में बदल रहे हैं 56 साल पुराने जेल मैनुअल
- बेड़िया तोड़ महिलाओं ने जेल में मनाया करवा चौथ, जल मिठाई लेकर दौड़े अधिकारी
जेल कर्मचारियों को मिलेगी वोकेशनल ट्रेनिंग
जेल कर्मचारियों की वोकेशनल ट्रेनिंग पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें केवल जेल कर्मचारियों के साथ कैदियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे कैदी के मानस के हिसाब से उसे समझने का प्रयास किया जाएगा. दूसरा जेल भी में जेलकर्मियों के तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा.
मध्यप्रदेश में जो क्षमता से अधिक कैदियों वाली जेलें हैं उनकी स्थिति में सुधार के लिए प्रयास होंगे. खुली जेल की अवधारणा को भी बढ़ाने के प्रयास होंगे. मध्य प्रदेश में अभी 36 हजार के करीब कैदियों की क्षमता है लेकिन 40 हजार से ज्यादा कैदी जेलों में बंद हैं.